अमरावती

संत चंदाजी महाराज संस्था की पालकी को 241 वर्ष पूर्ण

1780 में संत अप्पाजी महाराज ने की थी शुरूआत

मांजरखेडा/दि. 16- स्थानीय श्री संत चंदाजी महाराज संस्थान द्बारा हर साल कुर्‍हा से श्री क्षेत्र पंढरपुर पालकी यात्रा का आयोजन किया जाता है. पालकी यात्रा को इस साल 241 साल पूर्ण हो चुके है. यह पालकी यात्रा का 242 वां वर्ष हे. विदर्भ से सबसे देरी से निकलनेवाली और सबसे पहले पहुंचनेवाली पालकी है. पालकी कम समय में यानी 21 दिनों में पंढरपुर पहुंच जाती है. इस पालकी को वार्‍याची पालकी के नाम से जाना जाता है. जिसमें धार्मिक कार्यक्रमों के साथ शैक्षणिक प्रचार प्रसार भी किया जाता है.
साल 1780 से चंदाजी महाराज संस्थान के संत आप्पाजी महाराज ने पालकी यात्रा की शुरूआत की थी. अब प्राथमिक शिक्षक हभप भास्कर उर्फ तात्या महाराज पिंपले पिछले 42 वर्षो से पालकी यात्रा का नेतृत्व कर रहे है. पेशे से शिक्षक तात्या महाराज पालकी यात्रा में कीर्तन के माध्यम से शिक्षा का प्रचार भी कर रहे है. साथ ही अंधश्रध्दा को लेकर भी वे समाज प्रबोधन का कार्य कर रहे है. सर्व शिक्षा अभियान, पर्यावरण जनजागृति, वृक्षारोपण, प्लास्टिक बंदी, विधवा पुनर्विवाह आदि विषयों के माध्यम से पालकी यात्रा में जनजागृति की जा रही है.

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