अमरावती

60 हजार लावारिस दिव्यांग सुधारगृह के बाहर रहने को मजबूर

पुनर्वास के लिए कानून बनाने की दरकार

  • केन्द्र सरकार को भेजेंगे प्रस्ताव

अमरावती/परतवाडा/दि.15 – देश में हर साल 18 वर्ष से ऊपर 60 हजार से अधिक लावारिस दिव्यांग बच्चे सुधारगृह से बाहर जाते है. किंतु आगे उनका भविष्य नहीं रहता. उनके पुनवर्सन के लिए कानून बनना चाहिए. इसके लिए 29 वर्षो से सवा सौ दिव्यांग बच्चों को संभालनेवाले अचलपुर तहसील के वझ्झर मेेें शंकरबाबा पापलकर के प्रयासों से जिलाधिकारी पवनीत कौर ने सोमवार को संबंधित अधिकारी की बैठक ली. यह कानून बनने पर देशभर के लावारिस दिव्यांग बच्चों के लिए वझ्झर मॉडेल जीवनदायी रहेगी. विशेष यह कि आगामी 15 दिनों में यह प्रस्ताव राज्य शासन के पास प्रस्तुत करके केन्द्र शासन के पास भेजा जायेगा.

  • सोमवार को पुणे में अपंग कल्याण आयुक्त ओमप्रकाश देशमुख, मैं स्वयं व शंकरबाबा ने 18 वर्ष से ऊपर के बच्चो के पुनवर्सन कानून सहित वझ्झल मॉडेल के अनुसार दिव्यांगों का विकास व सुविधा संदर्भ में वीडियों कान्फरन्सिंग द्वारा बैठक ली. 15 दिन में प्रस्ताव प्रस्तुत करके जल्द ही दूसरी बैठक लेंगे.
    – पवनीत कौर,
    जिलाधिकारी, अमरावती

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