रेल सुविधा को तरसता अमरावती-अकोला ग्रामीण अंचल
आखिर कब शुरू होगी काचीगुडा-जयपुर मीनाक्षी एक्सप्रेस?

* अकोट से मुंबई ‘मेलघाट एक्सप्रेस’ शुरू करने की मांग
परतवाड़ा/अचलपुर/दि.27 – बेरार अंचल में अंग्रेज हुकूमत द्वारा पोषित की गई अचलपुर-मूर्तिजापुर-यवतमाल नैरोगेज रेल लाइन को वर्ष 2007 में बंद कर दिया गया था. इसे शुरू करने, अचलपुर को मात्र 30 किमी दूर स्थित चांदूर बाजार से कनेक्ट करने अथवा शकुंतला को ब्रॉडगेज पर दौड़ाने के लिए स्थानीय रेल सत्याग्रह समिति द्वारा अभी तक दुनिया भर की उठापटक कर ली गई, लेकिन दिल्ली-मुम्बई में बैठे नेताओ-अधिकारियों के कानों पर आज तक जूं तक नही रेंग पाई है. हमारे अमरावती संभाग के सभी सांसदों को स्थानीय जनता रेल सुविधा उपलब्ध नही करवाने के लिए जिम्मेदार मानती है. शायद जनता ठीक भी कहती हो. अचलपुर में शकुंतला का नेरोगेज स्वरूप की खत्म कर दिया और ब्रॉडगेज की अब कोई आशा भी नही रही. देखते ही देखते 400 करोड़ की फिनले मिल भी जमीन में दफन कर दी गई. अमरावती लोकसभा क्षेत्र के सभी भूतपूर्व और अभूतपूर्व सांसद ही इसके लिए जवाबदेह है. इन महानुभाव की न तो भुसावल रेल मंडल और ना ही प्रादेशिक रेल मुख्यालय में कोई पूछ परख है. रेल मंत्री के पास भी इनकी कोई सुनवाई नही होती है. तभी तो हर समस्या आज भी सुरसा के समान मुंह फैलाये खड़ी नजर आती है.
अमरावती, आकोला, यवतमाल, वाशिम, हिंगोली, नांदेड़, नागपुर, बुलढाणा आदि लोकसभा क्षेत्र के सांसद यदि मिलजुलकर ईमानदाराना प्रयत्न करते, तो आज अचलपुर-अकोट के रेलवे स्टेशन की सूरत और सीरत ही कुछ और होती थी. लोग कहते है कि तमाम टेंडर्स में जनप्रतिनिधियों की भारी दिलचस्पी होती है. यदि यह बात सही है, तो फिर रेलवे के टेंडर्स में भी विदर्भीय सांसदों ने अपनी दिलचस्पी प्रकट करते रहना चाहिए. जैसा हाल अचलपुर-मूर्तिजापुर-यवतमाल रेल मार्ग का हुआ है, वैसी ही कुछ बदहाली काचीगुडा-अजमेर-जयपुर रेलमार्ग की देखने को मिल रही है. यह रेलमार्ग भी ब्रितानिया हुकूमत की ही देन होकर मेलघाट आदिवासी अंचल की जीवनरेखा कही जाती थी.
महाराष्ट्र में अघाड़ी की सरकार बनी, उद्धव ठाकरे की बतौर सीएम ताजपोशी हुई और अकोट से व्हाया धुलघाट रेलमार्ग को परिवर्तित करने की घोषणा पर स्वयं उद्धवजी ने हस्ताक्षर कर दिए. अकोट से मेलघाट होकर रेलमार्ग नया रेलमार्ग जाने पर वन्यप्राणियों और पर्यावरण को भयानक खतरा होगा, यह बात स्वयं उद्धव द्वारा कहते हुए मेलघाट के परंपरागत रेलमार्ग का स्थायी रूप से बंद कर दिया गया. अघाड़ी सरकार ने इसे हिवरखेड़, जलगांव जामोद होकर खंडवा, इंदौर की प्रस्तावना को अनुशंसा दी थी. अघाड़ी सरकार इस बनते हुए मार्ग की ऐसी-तैसी कर गई. तब से आज तक अकोट के आगे इसका काम रुका पड़ा है.
गौरतलब यह भी है कि काचीगुडा-अजमेर-जयपुर यह रेलमार्ग पश्चिमी विदर्भ के नागरिको को पांच राज्यो में आने जाने की सुविधा देता है. आज वर्तमान में हिंगोली से आकोला तक ब्रॉडगेज का काम पूर्ण हो चुका है. खंडवा के सांसद ज्ञानेश्वर पटेल के भागीरथी प्रयत्नों के चलते इंदौर से महु तक विस्तारीकरण हो गया. उसी प्रकार महु से ओंकारेश्वर तक का कार्य प्रगतिपथ पर है. जबकि सनावद से खंडवा का ब्रॉडगेज कार्य भी पूरा कर दिया गया. मध्यप्रदेश के सांसद पटेल के प्रयास से सनावद-खंडवा के बीच मेमू ट्रेन भी चल रही है. अब खंडवा-आमला खुर्द (तूकईथड) का काम शेष रहा है. मध्यप्रदेश के सभी काम पूर्ण हो चुके. महाराष्ट्र के पश्चिम विदर्भ और नांदेड़ रेल मंडल से जुड़े काम अपूर्ण है. आमला खुर्द से अकोट के सभी रेल कार्यो के तीन-चार टेंडर भी निकल चुके. इन कार्यो में महाराष्ट्र से एमपी के बीच करीब सात किमी की भूमिगत रेल लाइन (सुरंग/बोगदा) का कार्य भी प्रस्तावित है.
केंद्र में मंत्री प्रतापराव जाधव इस अकोट रेलमार्ग को अपने पूर्वी स्वरूप में शुरू करने युद्धस्तर पर प्रयत्न कर रहे है. काचीगुडा-अजमेर-जयपुर यह रेलमार्ग सिर्फ अकोट के लिए ही नहीं, बल्कि परतवाड़ा, अचलपुर, चांदूर बाजार, अमरावती, दर्यापुर, अंजनगांव, धारणी, चिखलदरा आदि के नागरिकों के लिए बेहद सुविधाजनक है. आज सभी यात्रियों को दिल्ली, राजस्थान जाने के लिए बैतूल तक 100 किमी की बस यात्रा कर जाना पड़ता है. मीनाक्षी शुरू होने पर क्षेत्र के यात्रियों को हैदराबाद, जयपुर, इंदौर, खंडवा, चितौड़गढ़ आदि जाने की सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
हिवरखेड़ विकास मंच के संयोजक धीरज बजाज ने केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव को लिखित निवेदन देकर मांग की है कि काचीगुडा-अजमेर-जयपुर विस्तारीकरण में से मेलघाट पर अन्याय किया गया. मेलघाट के लोगो को कम से कम समय मे राज्य की राजधानी मुंबई जाने की सुविधा मिल सके, इस हेतु अमरावती की अंबा एक्सप्रेस के सिद्धांत पर ही अकोट से मुंबई मेलघाट एक्सप्रेस का संचालन किया जाए. केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव ने इस मांग की तत्काल दखल लेते हुए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से अकोट-मुंबई दैनिक मेलघाट एक्सप्रेस शुरू करने की मांग की है. इसी निवेदन में हिवरखेड़ विकास मंच ने अकोट से आमला खुर्द रेल कार्य में आ रही बाधाओ का जिक्र करते हुए कहा है कि दक्षिण मध्य रेलवे सिकंदराबाद एससीआर की ओर से नांदेड़ डिवीजन पर हमेशा अन्याय किया जाता है. इसलिए नांदेड़ को दक्षिण मध्य रेलवे से निकलकर मध्य रेलवे भुसावल से संलग्न किया जाए. सामान्य नागरिक, स्थानीय पत्रकार, सभी पार्टियों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, व्यापारीगण पश्चिम विदर्भ के रेल अनुशेष पर बरसो से आवाज बुलंद कर रहे.
अमरावती में तत्कालीन सांसद उषा चौधरी से लेकर नवनीत राणा से लेकर मौजूदा सांसद बलवंत वानखड़े तक हर राष्ट्र प्रतिनिधि को शकुंतला और मीनाक्षी एक्सप्रेस के लिए निवेदन दिया गया. अकोट-अकोला-भुसावल होकर जयपुर के लिए भी ट्रेन चलाने की मांग की जा रही. विदर्भ के लाखों लोगों के श्रद्धा स्थान खाटूश्यामजी के लिए भी रींगस तक सीधी ट्रेन दौड़ाने की मांग कई बरसों से की जा रही. अफसोस इस बात का है कि हमारे पश्चिम विदर्भ के सांसदगण जनहित के गंभीर मुद्दों पर इतने ज्यादा व्यस्त रहते हैं कि उन्हें रेल जैसे चिल्लर कामों को करने के लिए वक्त ही नही मिल पाता. वो चाहते जरूर हैं, लेकिन कर नहीं पाते.