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लावारिस जख्मी प्राणियों के लिए अमरावती में एनिमल्स रेस्क्यू सेंटर

एड आर. बी. अटल के हाथों उद्घाटन

* आज वसा संस्था का 10 वां वर्धापन दिन
अमरावती/ दि. 9-स्थानीय शहर के रास्ते पर लावारिस जख्मी प्राणियों के उपचार के लिए व उनकी देखभाल के लिए श्री गौरक्षण व्हेटरणरी हॉस्पिटल और वसा एनिमल्स रेस्क्यू सेंटर का लोकार्पण आज वसा कंझर्वेशन ऑर्गनायजेशन इस संस्था के 10 वे वर्धापन दिन पर किया गया.
इस सेंटर का उद्घाटन गौरक्षण संस्था के अध्यक्ष एड आर बी अटल के हाथों किया गया. इस अवसर पर आशीष लढ्ढा, किशोर गोयनका, फुलचंद डागा और वसा संस्था के डॉ. दीपक कर्हे, शुभम सायंके, निखिल फुटाणे, गणेश अकर्ते, भूषण सायंके, पंकज मालवे, कार्तिक सावरकर, पुरूषोत्तम डोंगरे, अजय वानखडे, विशाल डोनालकर, मुकेश वाघमारे, अंकुश लोणारे, प्रज्वल माकडे, रोशन इंगले, आकाश वानखडे, सिध्दांत मते, अनिकेत सरोदे, आदित्य रामटेके, श्रीओम ताथोड और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
* सेंटर पर लावारिस प्राणियों का उपचार व सुश्रुषा
श्री गोरक्षण व्हेटरणरी हॉस्टिपल और वसा एनिमल्स रेस्क्यू सेंटर में रास्ते पर आवारा कुत्ते, बिल्लियां, गाये, घोडे, उंट व अन्य प्राणियों के रेस्क्यू व उपचार किए जाते है. उनकी सभी प्रकार की शस्त्रक्रिया की जाती है. प्राणी पूरी तरह ठीक होने तक उनका उपचार किया जाता है.
* घायल प्राणियों के लिए हेल्पलाईन
रास्ते पर लावारिस प्राणी दिखाई देने पर उनका रेस्क्यू व उपचार के लिए वसा संस्था की हेल्पलाईन नंबर 9970352523, 8595360756, 9665227992 पर संपर्क करे
* 19 श्वान, 7 बिल्लियों का शुरू है उपचार
हाल ही में सेंटर में 19 बीमार कुत्ते, बिल्लियां उपचार ले रहे है. संस्था ने रेस्क्यु किए एक उंट, तीन घोडे और 4 गाय गोसादन में उपचार ले रहे है.
* अमरावती में कहां है सेंटर
पुराने बायपास पर दस्तुर नगर चौक के पीछे मंगलधाम कॉलनी से लगकर निसर्गरम्य गोवर्धन पर्वत पर यह वसा एनिमल्स रेस्क्यु सेंटर है. श्री गोरक्षण संस्था की जगह में पाच एकड की प्रशस्त जगह पर यह सेंटर का निर्माण शुरू है. हाल ही में 40 श्वान, 15 बिल्लियां रखने की व्यवस्था इस सेंटर में की गई है. गुगल मॅप पर वसा एनिमल्स रेस्क्यु सेंटर सर्च करने पर लोकेशन मिल जाता है.
* कुत्ते- बिल्ली का जो प्राणीप्रेमी ध्यान रख सके
यहां उपचार के बाद ठीक होनेवाले कुत्ता-बिल्ली प्राणी प्रेमी लोगों को दत्तक दिए जाते है. जो परिवार इनका अच्छी तरह ध्यान रख सके, ऐसे परिवार को यह प्राणी संभालने के लिए दिए जाते है.

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