अमरावती

अभिजित नाईक हत्याकांड के दोनों आरोपी बाईज्जत बरी

जिला व सत्र न्यायालय का फैसला

* बडनेरा पुलिस थाना क्षेत्र की होटल अनेक्स में हुई थी घटना
अमरावती/ दि.22– बडनेरा पुलिस थाना क्षेत्र की होटल अनेक्स में 25 सितंबर 2016 को अभिजित नाईक नाम युवक की हत्या की गई थी. इसी हमले में तीन लोग गंभीर रुप से घायल भी हुए थे. इस मुकदमे की जिला व सत्र न्यायालय में सुनवाई ली गई. दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अदालत ने आरोपी सतिश पालवे व पंकज गोंडाणे को हत्या के अपराध से बाईज्जत बरी कर दिया.
दोषारोपपत्र के अनुसार आरोप लगाया गया था कि, 24 सितंबर 2016 की रात 12 बजे दो युवक होटल में आये और बियर लेकर टेबल पर पीते हुए बैठे थे. शिकायतकर्ता और होटल के कर्मचारी भोजन कर रहे थे. रात 12.40 बजे दोनों आरोपी ने वेटर अभिजित यानी मृतक को भोजन मांगा. तब अभिजित ने कहा कि किचन बंद है, भोजन नहीं मिलेगा. इसपर दोनों ने अभिजित को गालियां दी. तब सुपरवाईजर ने उन्हें समझाया, मगर वे किसी की सुनने को राजी नहीं थे. उन्हें कर्मचारियों की सहायता से होटल के बाहर ले जाया गया. होटल के गेट के सामने उन दोनों में से एक ने जेब से चाकू निकालकर अभिजित के सिनेपर चाकू से वार कर दिया. उसे पकडने के लिए सुपरवाईजर संदीप, कुक सचिन व वेटर भूषण घाटे दौडे, उन्हें भी आरोपी ने चाकू मारकर गंभीर रुप से घायल कर दिये, इतने में अपराध शाखा पुलिस की गाडी आयी, इसमें से एक आरोपी को पकडकर पुलिस के हवाले किया. तब पुलिस ने नाम पता पूछा, उसने सतीश राम पालवे बताया व उसके साथ का एक व्यक्ति भाग गया. घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया. इलाज के दौरान अभिजित नाईक की मौत हो गई.
सरकारी पक्ष की ओर से 10 गवाहों के बयान लिये. पंकज गोंडाणे फैसले की तारीख तक जेल में था. उसकी अदालत ने जमानत खारिज कर दी थी. सरकारी पक्ष की ओर से दलीले पेश की गई. एक आरोपी घटनास्थल पर गिरफ्तार किया, इसलिए उसकी पहचान व अपराध सिध्द होता है, मौके पर ही अपराध शाखा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. दूसरे आरोपी के पास से घटना में उपयोग किया चाकू व कपडे बरामद किये. प्रयोग शाला की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि, पंकज के कपडे पर व चाकू पर मृतक का खुन है. सभी गवाह घायल हुए. जेल में ली गई पहचान परेड में गवाहों ने दोनों आरोपियों को पहचाने थे. इसी तरह भोजन करने के लिए आये स्वतंत्र गवाह ने भी गवाही दी, इसकारण आरोपी के खिलाफ अपराध सिध्द हुआ है. आरोपियों को कडी सजा दी जाए.
परंतु इसके विपरित बचाव पक्ष के वकील एड.परवेज खान ने दलीले पेश की. अगर आरोपी सतिश को घटनास्थल से गिरफ्तार किया तो उसके गिरफ्तारी का पंचनामा सुबह क्यों बनाया गया और पंकज को किस आधार पर गिरफ्तार किया, यह बात भी सिध्द नहीं हुई और स्वतंत्र गवाह घटना के समय उपस्थित था तो उसे पहचान परेड के लिए क्यो नहीं बुलाया गया. इसका कारण पुलिस व्दारा स्पष्ट नहीं किया गया. चाकू, कपडे बरामद और पहचान परेड कानून के अनुसार नहीं ली गई. दोनों ओर की दलीले के दौरान सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय के 20 से अधिक फैसले का हवाला दिया गया. दोनों ओर की दलीले सुनने के बाद बचाव पक्ष की दलीले मान्य करते हुए आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बाईज्जत बरी किया. एड परवेज खान ने दोनों आरोपियों की पैरवी की. उन्हें एड. अनिल जयस्वाल, एड. वसीम शेख, एड.शहजाद शेख, एड.रियाज रुलानी, एड.अजहर नवाज ने सहयोग किया.

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