* सबसे कठिन मैराथन में उत्कृष्ट प्रदर्शन
अमरावती/ दि. 15– दुनिया की सबसे कठिन 90 किमी की कॉमरेड मैराथन पूर्ण कर शहर लौटे दीपमाला बद्रे, दिलीप पाटिल एवं ललित कुमार वराडे का अमरावती एक्सप्रेस से शहर में आगमन हुआ. अमरावती रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही तीनों धावकों का जोशपूर्ण स्वागत कर खुली जीप में रेलवे स्टेशन से जिला स्टेडियम तक भव्य विजय रैली निकाली गई.
इस अवसर पर प्रमुखता से विभागीय उपायुक्त संजय पवार, पुलिस उपायुक्त विक्रम साली, जिला क्रीड़ा उपसंचालक विजय संतान, तहसीलदार संतोष काकडे, पुलिस उपविभागीय अधीक्षक शशिकांत सातव, उपाधीक्षक सूर्यकांत जगदाले, अनिल कुरलकर, हेल्प लाइन के संजय तीरथकर, प्रदीप बद्रे, संध्या पाटिल, डॉ. चन्द्रशेखर कुलकर्णी, डॉ अमित कविमंडन, उद्योजक नीलेश परतानी, ज्योति परतानी, ब्रजेश सादानी, राधिका दम्मानी, निखिल सोनी, अस्मिता सोनी, व्यवसायी नरेंद्र भाराणी, प्रमोद राठोड़, प्रग्नेश दोषी, कल्पेश पिंजानी, रूही पिंजानी, अतुल कलमकर, अमित सोनी, संजय मेंडेस, विक्की खेरडे, प्रवीण जयसवाल, वीरेंद्र तरटे, डॉ संजय अंबाडकर, जयंत सोनोने, गौरव ढेरे, प्रशांत सातव, प्रणिता निस्ताने, गौरव निस्ताने, डॉ सुरीता डफले, डॉ. अंजली देशमुख, डॉ. उषा गजभिये, डॉ. अतुल काढाणे, तृष्णा धनोडकर, कविता धुर्वे, विजय धुर्वे, नीता कक्कड, सोनी मोटवानी, रिया तिडके, कीर्ति बरतिया, साधना मेहता, शालिनी सेवानी, अर्चना मांगे, अर्चना हिवराले, सलोनी पद्वलकर, मनीष सिरवानी, केशव निकम, प्रशांत आघाव, क्रीड़ा प्रेमी प्रा. दीपक धुरंदर, सलीम मीरावाले, इरफान अथर अली, अमरावती मैराथन एसो. के सतीश दवंडे, नाना उदापुरे, किशोर वाठ, गजानन धर्माले, वासुदेव रोंघे, सचिव मुकुंद वानखडे, डॉ. अतुल पाटिल व डॉ. सुभाष गावंडे उपस्थित थे.
* तीनों धावकों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया
दक्षिण आफ्रिका के क्वायझुल्लू नताल प्रांत में हर साल की तरह डरबन और पीटर मरीडसबर्ग इन दो शहरों में सबसे कठिन मैराथन ’द अल्टीमेट ह्यूमन रेस’ ’कॉमरेड मैराथन’ का आयोजन हाल ही में किया गया. इस कॉमरेड मैराथन में अमरावती की दीपमाला सालुंखे-बद्रे, दिलीप पाटिल एवं यवतमाल के ललित कुमार वराडे ने हिस्सा लेकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. कॉमरेड मैराथन में दीपमाला बद्रे ने 90 किलोमीटर की दूरी 11 घंटे 10 मिनट में, ललित कुमार वराडे ने 10 घंटे 42 मिनट में और दिलीप पाटिल ने 10 घंटे 41 मिनट में पूरी की.
* निर्धारित समय में दूरी तय करना जरूरी
कॉमरेड मैराथन 90 किलोमीटर की अल्ट्रा मैराथन प्रतियोगिता है. दक्षिण आफ्रिका के क्वायझुल्लू नताल प्रांत में हर साल डरबन और पीटर मरीडसबर्ग इन दो शहरों में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता हैं. इस प्रतियोगिता में 90 किलोमीटर की दूरी छह राउंड में पूर्ण करनी होती है. इन्हें एक निर्धारित समय में सहभागी धावकों को पूर्ण करना होता है. 90 किलोमीटर की दूरी पूरी करने वालों को पदक देकर सम्मानित किया जाता है. इस स्वागत समारोह को सफल बनाने अमरावती रोड रनर्स, अमरावती साइकिल एसो., अमरावती मैराथन एसो. जिला क्रीड़ा अधिकारी, उपसंचालक कार्यालय, शहर की विविध सामाजिक संस्थाएं व क्रीड़ा प्रेमियों ने अथक प्रयास किये. कार्यक्रम में अमरावती रनर्स की ओर से नीलेश परतानी, साइकिलिंग एसो. की ओर से संजय अप्पा मेंड़से ने स्वागत भाषण किया. सत्कार के जवाब में तीनों सत्कार मूर्तियों ने अपने अनुभव बताये. कार्यक्रम का सूत्रसंचालन एवं आभार प्रदर्शन डॉ. सागर धनोडकर द्वारा किया गया.
* निरंतर अभ्यास से मिली सफलता
दीपमाला सालुंखे बद्रे विश्वस्तरीय कॉमरेड मैराथन स्पर्धा पूर्ण कर शहर लौटीं दीपमाला बद्रे ने बताया कि, इस स्पर्धा के लिए सप्ताह में 80 से 120 किलोमीटर दौड़ने का निरंतर अभ्यास किया. दिलीप पाटील ने पूरा सहयोग और मार्गदर्शन किया. संतोष काकडे का मार्गदर्शन और मेरे पति प्रदीप बद्रे के सहयोग तथा सभी अमरावती रोड रनर ग्रुप तथा अमरावती साइकलिंग एसो. के सभी सदस्य, सासूमां, मां, भाई- भाभी व बच्चों की प्रेरणा और आशीर्वाद से मुझे यह सफलता मिली.