क्रिकेट सट्टा बुकियों से निपटने शहर पुलिस मुश्तैद
सीपी रेड्डी ने सायबर सेल व क्राइम ब्रॉन्च को लगाया काम पर
* बुकियों के कामकाज के बदले तरीकों पर रखी जा रही नजर
* सभी पुलिस थानों को भी जारी किया गया अलर्ट
अमरावती/दि.1 – कल से आईपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट का आगाज हो गया है. इसके साथ ही आईपीएल में खेली जाने वाली क्रिकेट मैचों पर लगाए जाने वाले सट्टे को लेकर अपनी मुश्तैदी बढा दी गई है. ताकि कोई भी व्यक्ति इस ऑनलाइन सट्टे के मकडजाल में न फंस सके. इसके तहत पुलिस द्बारा आईपीएल सट्टा लगाने वाले बुकियों पर कडी नजर रखी जा रही है और उनके सट्टा ऑपरेट करने के तरीकों को खंगाला जा रहा है. इसके लिए शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने सायबर सेल को विशेष तौर पर मुश्तैद कर दिया है. वहीं अपराध शाखा सहित शहर के सभी पुलिस थानों को अमरावती शहर में सक्रिय रहने वाले क्रिकेट सट्टा बुकियों की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखने हेतु कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि, प्रतिवर्ष आईपीएल का सीजन शुरु होते ही क्रिकेट सट्टा बुकी जमकर सक्रिय हो जाते है. इसके साथ ही कई वन डे मैचों और क्रिकेट टूर्नामेंटों पर भी जमकर सट्टा खेला जाता है. जिसके चलते पुलिस द्बारा हमेशा ही सट्टेबाजों सहित सट्टा बुकियों की व्यापक स्तर पर तलाश करते हुए उनकी धर पकड की जाती है. जिसके चलते सायबर टेक्निक में माहीर रहने वाले बुकियों द्बारा हमेशा ही अपने व्यवसाय को ऑपरेट करने के नये-नये तरीके खोजे जाते है. जिसके तहत कई बार क्रिकेट सट्टा बुकी और उनके पंटर अन्य शहरों या अन्य राज्यों में जाकर वहां से ऑनलाइन तरीके के जरिए सट्टे की खायवाली व लगवाडी करते है. ताकि वे पुलिस की नजरों से बचे रहे और पकड में न आ सके. वहीं दूसरी ओर पुलिस ने भी अब अत्याधुनिक सायबर तकनीकों का प्रयोग करना शुरु कर दिया है. जिसकी वजह से नये तरीकों का प्रयोग करने के बावजूद भी क्रिकेट सट्टा बुकी पुलिस की निगाहों में आ ही जाते है.
इस संदर्भ में शहर पुलिस से जुडे विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि, इससे पहले क्रिकेट सट्टा बुकियों द्बारा फोन अथवा वॉट्सएप के जरिए क्रिकेट सट्टा लगवाया जाता था. परंतु इस तरीके से वे बहुत जल्द पुलिस की पकड में आ सकते है. ऐसे में अब क्रिकेट बुकियों ने अपनी आईडी बनानी शुरु कर दी है और क्रिकेट सट्टे के रैकेट में शामिल सभी बुकी अपनी-अपनी आईडी बनाकर ऑनलाइन सट्टे के धंधें को ऑपरेट करते है. ऐसे में उन्हें खोज पाना पहले की तुलना में थोडा मुश्किल हो गया है. वहीं अगर पुलिस के हाथ एक आईडी भी लग गई, तो पूरी लींक का पर्दाफाश करते हुए पुलिस उस रैकेट के सरगना तक सीधे पहुंच सकती है. यह भी लगभग तय है. ऐसे में अमरावती पुलिस ने सभी क्रिकेट सट्टा बुकियों तथा उनकी आईडी पर अपना फोकस करना शुरु कर दिया है. ताकि सट्टा बुकियों के पूरे रैकेट का ही पता लगाया जा सके. जिसके चलते सीपी नवीनचंद्र रेड्डी ने सायबर पुलिस का एक विशेष पथक गठित किया है. जिसे क्रिकेट सट्टा बुकियों और उनकी आईडी पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है. साथ ही क्राइम ब्रॉन्च व स्थानीय पुलिस थानों को शहर में रहकर क्रिकेट सट्टा व्यवसाय ऑपरेट करने वाले और क्रिकेट पर सट्टा लगाने वाले लोगों पर नजर रखने का जिम्मा सौपा गया है.
* रकम हार जाओ, तो पुलिस के पास आओ
– सीपी रेड्डी ने निकाला अनूठा तरीका
बता दें कि, आईपीएल क्रिकेट सट्टे में बडे पैमाने पर रुपयों की हार-जीत होती है और जो लोग इस सट्टे में पैसा हार जाते है. उन्हें अपने द्बारा हारी गई राशि का भुगतान बुकियों को करना होता है. साथ ही अगर हारने वाला व्यक्ति रकम देने में थोडी भी आनाकानी करता है, तो बुकियों के पंटर अथवा गुंडे उस व्यक्ति के साथ गुंडागिरी करते हुए उससे धन उगाई करते है. ऐसे में कई बार इस वसूली और बेज्जती से बचने हेतु क्रिकेट सट्टे में रुपया हार जाने वाले लोग आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम भी उठा लेते है. ऐसे कुछ मामले अमरावती शहर में भी घटित हुए है. इस बात के मद्देनजर शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने एक अनूठी तरतीब पर काम करना शुरु किया है. इसके तहत उन्होंने सबसे अव्वल तो सभी लोगों से यह आवाहन किया कि, वे क्रिकेट सट्टे के मकडजाल में न फंसे. साथ ही अगर कोई व्यक्ति इस मकडजाल में फंसकर रकम हार जाता है और उससे हारी गई रकम की वसूली के लिए भाईगिरी या गुंडागिरी होती है, तो ऐसे व्यक्ति को चाहिए कि, वह तुरंत ही इसकी शिकायत पुलिस को दे. इसके बाद पुलिस द्बारा रकम वसूली करने वाले गुंडों के साथ-साथ क्रिकेट सट्टा बुकी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
* पढे-लिखे व संभ्रांत घरों के युवा फंसते है सट्टे की जाल में
उल्लेखनीय है कि, ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे में प्रत्येक मैच और मैच की प्रत्येक गेंद पर सट्टा लगाया जाता है. जिसमें लाखों करोडों रुपयों के वारे न्यारे होते है. ऐेसे में कई पढे-लिखे युवा और संभ्रांत घरों के बच्चे झटपट पैसा कमाने के चक्कर में क्रिकेट सट्टे की ओर आकर्षित होते है. साथ ही सट्टा बुकिसों व उनके पंटरों को भी ऐसी ही लोगों की तलाश होती है. ताकि उनसे अच्छा खासा पैसा एैठा जा सके. साथ ही इस वर्ग के युवा अपनी व अपने परिवार की इज्जत खराब होने को लेकर काफी डरते भी है. जिसकी वजह से पैसा हार जाने की सुरत में ऐसे लोगों से डरा धमकाकर रकम की वसूली करना आसान भी होता है. लेकिन बुकियों और उनके पंटरों द्बारा डराए धमकाए जाने के चलते कई युवा पारिवारिक बदनामी के डर और पैसा अदा कर पाने की असमर्थता की वजह से आत्महत्या कर लेते है. ऐसे कुछ मामले इससे पहले भी घटित हो चुके है. जिन्हें शहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने बेहद गंभीरता से लिया है. यहीं वजह है कि, आईपीएल क्रिकेट का सीजन शुरु होते ही ऑनलाइन क्रिकेट बुकियों की नकेल कसने का काम शुरु कर दिया गया है.