कोरोना के घने अंधेरे में दीप स्तंभ का काम कर रहे डॉक्टर्स
निराशा के वातावरण में भी डॉक्टरों का मनोधैर्य कायम
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कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बीच ‘बी पॉजिटिव‘ का मंत्र कर रहा काम
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१६ – इस समय हर किसी में कोरोना संक्रमण को लेकर जबर्दस्त भय व्याप्त है. साथ ही सरकारी व निजी कोविड अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने हेतु जबर्दस्त जद्दोजहद करनी पड रही है. क्योकि रोजाना कोरोना संक्रमितों की संख्या में ३०० से ४०० मरीजों का इजाफा हो रहा है. इन तमाम निराशाजनक हालात के बावजूद मनोधैर्य को पूरी तरह से मजबूत रखते हुए दिन-रात कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा करने वाली डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ की टीम को ‘पॉजिटिवीटी‘ का बेहतरीन उदाहरण कहा जा सकता है. साथ ही मौजूदा माहौल में कोरोना संक्रमण के अंधेरे में सकारात्मक उर्जा से भरे डॉक्टरों को आम नागरिकों के लिए दीप स्तंभ माना जा सकता है. जिसके सहारे आज नहीं तो कल सभी लोग कोरोना संक्रमण के हालात पर मात कर सकेगे. उल्लेखनीय है कि, स्थानीय सुपर स्पेशालिटी अस्पताल परिसर के कोविड हॉस्पिटल में विगत ६ माह से लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज व सेवाकार्य अविरत चल रहा है. कभी आलोचनों की मार और कभी प्रशंसा के दो बोल स्विकार करते हुए कोविड अस्पताल की लाइफ लाइन टीम कोरोना योद्धाओं के रुप में मरीजों की सेवा के काम में जुटी हुई है. कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक करने और उनकी जान बचाने हेतु शुरु किये गये इस अभियान के कमांडर जिला शल्यचिकित्सक डॉ. श्यामसुंदर निकम को कहा जा सकता है और वर्क इंचार्ज के तौर पर काम कर रहे डॉ. रवि भुषण का नाम अब लगभग सभी लोग जानने लगे है. जो केवल सरकारी कोविड अस्पताल में ही नहीं बल्कि निजी कोविड अस्पतालों में भी अपनी टीम के साथ मरीजों के इलाज हेतु मार्गदर्शन करते है. डॉ. रवि भुषण की टीम मेें डॉ. वैभव पाटील, डॉ. आनंद मडावी, डॉ. धिरज , डॉ. सचिन कोरडे, डॉ. संदिप सुकसोडे, डॉ. गौरवी पाटील व डॉ. रोहित राईकवार का समावेश है. जो विगत ६ माह से लगातार कोविड अस्पताल में अपनी बहुमूल्य सेवाएं प्रदान कर रहे है.
रविवार और त्यौहार का अवकाश भी नहीं
हर व्यक्ति चाहता है कि, उसे सप्ताह में पूरा एक दिन अवकाश मिले और वह पूरा समय अपने परिवार के साथ बीताने के साथ ही अपने बालबच्चों के साथ कहीं घूमने-फिरने जाये. साथ ही त्यौहार-बहार वाले दिन परिवार के साथ रहकर पर्व की खूशियां मनाये. लेकिन पिछले ६ माह से कोविड अस्पताल में काम कर रहे डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ के लोगों के हिस्से में ऐसा कोई मौका या ऐसी कोई खूशी के पल नहीं आये, क्योकि वे लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा और इलाज में जुटे हुए है. वहीं दूसरी ओर सर्वसामान्य अमरावतीवासी लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ ही इस बीमारी के खतरे को बेहद हलके में लेने लगे है. इसकी वजह से कोरोना संक्रमितों की संख्या में दिनों-दिन इजाफा हो रहा है. कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में रोजाना पांच-पच्चीस मरीज पाये जा रहे थे. वहीं अब रोजाना ढाई सौ से तीन सौ कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे है. जिसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर काम का बोझ लगातार बढ रहा है. लेकिन बावजूद इसके हर एक मरीज की जान बचाने के लिए टीम कोविड लगातार जी-जान के साथ प्रयास कर रही है. ऐसे में सभी ने इन प्रयासों का सम्मान करने के साथ ही अपनी-अपनी जान और स्वास्थ्य को लेकर फिक्र करनी चाहिए. ताकि कोरोना संक्रमण की चैन को तोडा जा सके और जल्द से जल्द इस बीमारी का खात्मा हो सके.