अमरावती स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी बयार
भाजपा ने फिर पाटील को उतारा मैदान में
* कांग्रेस और शिवसेना में हलचल
* पूर्व गृह मंत्री के बेटे का नाम चर्चित
* विधान परिषद की सीट
अमरावती/दि.22 – विधान परिषद के अमरावती संभाग स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में जनवरी में होने जा रहे आम चुनाव के लिए हलचल गतिमान हो रही है. वर्तमान विधायक भाजपा नेता डॉ. रणजीत पाटील का कार्यकाल आगामी 7 फरवरी तक है. पार्टी ने उन्हेें ही दोबारा उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी है. बीजेपी काम से भी लग गई. कांग्रेस और अन्य दलों में नाम को लेकर विचार विनिमय हो रहा हैं. कांग्रेस से अकोला के डॉ. सुधीर ढोणे तो शिवसेना से बुलढाणा के धीरज लिंगाडे का नाम चर्चा में है. शिवसेना ने स्नातक मतदाताओं के नाम के पंजियन का जिम्मा भी लिंगाडे को दिया था. जिससे शिवसेना उद्धव गुट की तरफ से लिंगाडे उम्मीदवार होने की संभावना बतायी जा रही.
* कांग्रेस की बैठक, निर्णय नहीं
प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने अमरावती सीट से विधान परिषद का चुनाव के लिए बैठक आहूत की थी. इस बैठक उपरान्त प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सुधीर ढोणे का नाम उछाला गया था. फिर पार्टी ने खुलासा किया कि, अभी उम्मीदवारी का नाम तय नहीं है. कांग्रेस पार्टी चुनाव अवश्य लडेगी, ऐसी घोषणा पटोले ने की है. पटोेले कल 23 सितंबर को 2 दिनों के प्रवास पर अमरावती आ रहे है. ऐसे में अन्य बातों तथा राहुल गांधी की भारत जोडे यात्रा के साथ-साथ यह विषय भी चर्चा में आएंगा. ऐसे संकेत पार्टी सूत्रों ने दिये है. पार्टी में चुनाव लडने के अनेक इच्छूक होने की जानकारी भी सूत्रों ने दी है.
* धीरज लिंगाडे की वर्ष भर से तैयारी
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री रहे रामभाउ लिंगाडे के सुपुत्र धीरज लिंगाडे ने पदवीधर के लिए वर्ष भर से तैयारी चला रखी है. शिवसेना ने भी लिंगाडे को स्नातक वोटर्स के पंजीयन का जिम्मा दिया था. बुलढाणा के जिला प्रमुख रह चुके धीरज लिंगाडे के ही शिवसेना के उम्मीदवार रहने की संभावना है. लिंगाडे ने बुलढाणा के सांसद और विधायक के शिंदे गुट में सहभागी होने के बाद उद्धव ठाकरे गुट में रहने का निर्णय किया था. जिससे उनके नाम पर सेना में सहमति बनने की संभावना है. इस बारे में साल भर पहले शिवसेना के सचिव और सांसद अनिल देसाई ने पत्राचार किया था.
* बी.टी. देशमुख का गढ
अमरावती संभाग स्नातक विधान परिषद निर्वाचन क्षेत्र प्रा. डॉ. बी.टी. देशमुख का अभेद्य दुर्ग बन गया था. लगातार 6 बार वे इस क्षेत्र से उच्च सदन पहुंचे थे. सन 2010 मेें भाजपा में डॉ. रणजीत पाटील को मैदान में उतारकर बडी व्यूहरचना कर बी.टी. को परास्त किया था. इसके पश्चात 2017 में प्रदेश में भाजपा शिवसेना की सरकार थी. रणजीत पाटील गृह राज्य मंत्री थे. ऐसे में राकांपा नेता संजय खोडके ने डॉ. पाटील को एकाकी टक्कर दी. अब खोडके राकांपा में है. उनकी पत्नी कांग्रेस की विधायक है. कांग्रेस ने यहां दूसरा उम्मीदवार देने की तैयारी की है. नुटा और अन्य संगठन का इस चुनाव में महत्व रहता है. भाजपा ने मराशीप और शिक्षक आघाडी के सहयोग से चुनाव जीता था. अब होने वाले चुनाव पर नजरे है.