अमरावतीमहाराष्ट्र

उष्माघात हेतु स्वास्थ्य विभाग सतर्क, पीएचसी में 59 वार्ड तैयार

अमरावती /दि.27– जिले में लगातार बढती गर्मी और इसकी वजह से उष्माघात होने की संभावना को देखते हुए जिले में स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से सतर्क हो गया है. जिसके चलते ऐहतियात के तौर पर जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग ने जिले के 59 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उष्माघात कक्ष स्थापित किये है. इस वातानुकूलित कक्ष में ठंडा वातावरण निर्माण करने वाली व्यवस्था के साथ ही पानी व प्राथमिक किट का समावेश रहेगा.
केंद्र सरकार में इसे लेकर मार्गदर्शक निर्देश जारी किये है. जिसमें प्रत्येक तहसील व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपने स्तर पर उष्मता कृति प्रारुप तैयार करने हेतु कहा गया है. साथ ही उष्माघात की वजह से होने वाली मौतों का डेथ ऑडिट जिलास्तरीय डेथ ऑडिट कमिटी द्वारा संबंधित व्यक्ति की मृत्यु पश्चात एक सप्ताह के भीतर करवाना अनिवार्य किया गया है.

* इन बातों का ध्यान रखें
– जहां तक संभव हो, तेज धूप के समय घर से बाहर न निकलें.
– धूप के समय बाहर निकलना जरुरी रहने पर गॉगल, छाता, दुपट्टा व टोपी आदि पहनना न भूले.
– धुप में निकलते समय टोपी व हैट के नीचे हलका-गीला कपडा जरुर रखें.
– भीषण गर्मी में मेहनत मजदूरी के काम न करें. तेज धूप में रहते समय छांव का आसरा लेकर रहें.
– गहरे रंग वाले तंग कपडे न पहनें. सुती व ढीले-ढाले हलके रंग के कपडे पहनें.
– गर्मी के समय रसोई तैयार करना टालेें. साथ ही रसोई घर में हवा की आवाजाही रखें
– दिनभर के दौरान थोडी-थोडी देर के दौरान पर्याप्त पानी का सेवन करें.
– इस दौरान चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक व शराब का सेवन करना टालें.
– बेहद प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों व बासी भोजन का सेवन न करें.

* साईलेंट डिजास्टर है हीट वेव
ग्रीष्म लहर यानि हीट वेव को एक तरह से मूक आपदा यानि साईलेंट डिजास्टर कहा जा सकता है. यदि किसी क्षेत्र में लगातार तीन दिनों तक हमेशा रहने वाले अधिकतम तापमान की बजाय 3 डिग्री सेल्सिअस अधिक तापमान दर्ज होता है, तो उसे ग्रीष्मलहर कहा जाता है. साथ ही यदि किसी क्षेत्र में लगातार दो दिनों तक तापमान का स्तर 45 डिग्री सेल्सिअस से अधिक रहता है, तो संबंधित क्षेत्र को ग्रीष्मलहर की चपेट में माना जाता है.

* इस समय तापमान लगातार उंचा उठ रहा है. जिससे गर्मी बढ रही है और इसकी वजह से आगे चलकर कुछ लोगों को उष्माघात होने का खतरा भी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उष्माघाट कक्ष स्थापित किये है और इसे लेकर आवश्यक उपाय करने के निर्देश सभी टीम एमओ के जरिए पीएचसी एमओ को दिये गये है.
– डॉ. सुरेश आसोले,
जिला स्वास्थ्य अधिकारी,
जिप अमरावती.

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