मेलघाट में सबसे अधिक व बडनेरा में सबसे कम मतदान
अमरावती संसदीय क्षेत्र में पडे 63.67 फीसद वोट
* अमरावती विधानसभा क्षेत्र भी वोटींग में पिछडा
* जिले के ग्रामीण इलाकों में शहर से अच्छी रही वोटींग
अमरावती/दि.27 – लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत अमरावती संसदीय क्षेत्र में गत रोज कराये गये मतदान के तहत जिले के 18 लाख 36 हजार 78 मतदाताओं में से लगभग 11 लाख 69 हजार 97 यानि 63.67 फीसद मतदाताओं द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग किया गया. जिसमें अपेक्षाकृत तौर पर काफी हद तक अशिक्षित रहने वाले आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में सर्वाधिक 71.55 फीसद मतदान हुआ. वहीं जिला मुख्यालय अमरावती शहर का हिस्सा रहने वाले और संमिश्र रुप से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र का समावेश रहने वाले बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 55.78 प्रतिशत ही वोट पडे थे. इसके अलावा अचलपुर विधानसभा क्षेत्र में 68.84, दर्यापुर विधानसभा क्षेत्र में 66.88, तिवसा विधानसभा क्षेत्र में 64.14 तथा अमरावती विधानसभा क्षेत्र में 57.51 फीसद वोट पडे थे.
* आज सुबह प्रशासन ने जारी किये आंकडे
कल शाम 6 बजे मतदान का समय समाप्त होने और इस समय तक मतदान केंद्रों में मतदान हेतु उपस्थित मतदाताओं का रात 9-10 बजे तक मतदान निपटाने के उपरान्त देर रात तक मतदान केंद्रनिहाय सहित विधानसभा क्षेत्रनिहाय हुए मतदान की जानकारी संकलित करते हुए संसदीय क्षेत्र में हुए मतदान के अंतिम आंकडे जारी किये गये. जिसके जरिए आज सुबह जिला प्रशासन की ओर से मतदान की अंतिम आंकडेवारी जारी की गई. इसके मुताबिक 6 विधानसभा क्षेत्रों का समावेश रहने वाले अमरावती संसदीय क्षेत्र में फाइनल तौर पर 64.02 फीसद मतदान दर्ज किया गया है.
* पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मतदान हुआ कम
बता दें कि, अमरावती संसदीय क्षेत्र में 9 लाख 44 हजार 213 पुरुष, 8 लाख 91 हजार 780 महिला व 85 अन्य मतदाता पंजीकृत है. जिनमें से गत रोज 6 लाख 31 हजार 903 पुरुष, 5 लाख 37 हजार 174 महिला तथा 20 अन्य मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. कुल मतदाता संख्या के लिहाज से 66.92 फीसद पुरुष, 60.24 फीसद महिला तथा 23.53 फीसद अन्य मतदाताओं द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग किया गया था. इस लिहाज से पुरुषों की तुलना में मतदान करने वाली महिला मतदाताओं की संख्या 94 हजार 729 से कम रही.
* जैसे-जैसे समय आगे बढा, मतदान की रफ्तार भी बढी
गत रोज हुए मतदान के आंकडों को देखते हुए यह स्पष्ट होता है कि, सुबह 7 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरु होने के बाद जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में लगभग एक ही रफ्तार के साथ मतदान आगे बढता रहा. अमरावती संसदीय क्षेत्र में सुबह 9 बजे तक 6.35, सुबह 11 बजे तक 17.73, दोपहर 1 बजे तक 31.41, दोपहर 3 बजे तक 43.76, शाम 5 बजे तक 54.50 तथा मतदान का समय खत्म होने तक 64.02 फीसद वोट पडे. इसमें भी पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या करीब 70 हजार के आसपास कम रहने की जानकारी है.
* कम पढे-लिखे व गरीब आदिवासियों ने समझा लोकतंत्र का महत्व
विशेष उल्लेखनीय है कि, जहां शहरी इलाका कहे जाते और सभी तरह की सरकारी सेवाओं व सुविधाओं से संपन्न अमरावती और बडनेरा विधानसभा क्षेत्र मतदान के मामले में अंतिम दो स्थानों पर है. वहीं विकास की मुख्यधारा से आजादी को इतने वर्ष बाद भी कोसो दूर रहने वाले आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र के कम पढे-लिखे व गरीब आदिवासियों ने लोकतंत्र के महापर्व को लेकर अपनी सजगता का परिचय दिया और जमकर मतदान करते हुए अपने राष्ट्रीय कर्तव्य का निर्वहन किया. जिसके चलते सर्वाधिक 71.02 फीसद वोटींग के साथ आदिवासी बहुल मेलघाट विधानसभा क्षेत्र जिले में सबसे अव्वल स्थान पर रहा. विशेष उल्लेखनीय यह भी है कि, मेलघाट क्षेत्र के कई मतदान केंद्रों पर रात 10 बजे तक मतदान की प्रक्रिया चलती रही. क्योंकि दिनभर के दौरान तमाम तरह की दिक्कतों के चलते मतदान का काम काफी सुस्त गति से चल रहा था. ऐसे में जिन मतदान केंद्रों में शाम 6 बजे तक पहुंच चुके मतदाताओं का मतदान होना बाकी था. वहां पर मतदान केंद्रों का मुख्य प्रवेश द्वार बंद करते हुए मतदान केंद्र के भीतर मौजूद प्रत्येक मतदाता का वोटींग शाम 6 बजे के बाद भी स्वीकार किया गया.
* विधायक रणा केनिर्वाचन क्षेत् में ही सबसे कममतद
विशेष उल्लेखनीय है कि, भाजपा द्वारा निवर्तमान सांसद नवनीत राणा को अपना प्रत्याशी बनाया गया था. ऐसे में सभी की निगाहे इस बात की ओर लगी हुई थी कि, नवनीत राणा के पति व विधायक रवि राणा के बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में कितना मतदान होता है. परंतु कल दिनभर के दौरान बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में हो रहे मतदान के आंकडों ने सभी को हैरत में डाल दिया. क्योंकि अमरावती संसदीय क्षेत्र में शामिल जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से बडनेरा विधानसभा क्षेत्र शुुर से ही मतदान के मामले में सबसे पीछे चल रहा था और बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में ही कल सबसे कम मतदान हुआ. जबकि अपेक्षा जतायी जा रही थी कि, क्षेत्र के विधायक रवि राणा की पत्नी नवनीत राणा लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी है, तो विधायक राणा के निर्वाचन क्षेत्र से युवा स्वाभिमान पार्टी सहित भाजपा द्वारा अच्छी खासी वोटींग निकाली जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि, नवनीत राणा ने इससे पहले भी वर्ष 2014 व 2019 में लोकसभा का चुनाव लडा था. उस समय भी बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में वोटींग का प्रमाण काफी कम था और बडनेरा से नवनीत राणा को मिलने वाले वोट भी क
* अचलपुर में प्रहार ने जमकर निकाले वोट
आदिवासी बहुल मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के बाद 68.84 फीसद वोटींग के साथ विधायक बच्चू कडू का निर्वाचन क्षेत्र रहने वाला अचलपुर विधानसभा क्षेत्र दूसरे स्थान पर रहा. ज्ञात रहे कि, जहां एक ओर अचलपुर से प्रहार पार्टी के बच्चू कडू विधायक है. वहीं दूसरी ओर मेलघाट में भी राजकुमार पटेल के तौर पर प्रहार पार्टी का ही विधायक है और प्रहार का अच्छा खासा प्रभाव रहने वाले इन दोनों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र ही मतदान के मामले में सबसे आगे रहे है. ऐसे में इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में किस प्रत्याशी को लीड मिल पायी है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है. साथ ही इसे लेकर अभी से ही कयास भी लगाये जा रहे है.
* तिवसा व दर्यापुर में कांग्रेसी विधायकों ने लगाया जोर
उल्लेखनीय है कि, जिले के तिवसा व दर्यापुर विधानसभा क्षेत्र में इस समय कांग्रेस विधायक है. जिसमें से खुद दर्यापुर के कांग्रेस विधायक बलवंत वानखडे ही इस बार अमरावती संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव हेतु प्रत्याशी थे. ऐसे में विधायक बलवंत वानखडे ने अपने विधानसभा क्षेत्र में खुद को अधिक से अधिक वोट मिलने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. वहीं जिले की कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री रहने वाली तथा शुरुआत से ही विधायक बलवंत वानखडे का इस संसदीय चुनाव में साथ देने वाली तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक यशोमति ठाकुर ने भी अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपनी पार्टी के प्रत्याशी बलवंत वानखडे की जीत के लिए जमकर ताकत झोंकी. पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर भी राणा दम्पति की अच्छी खासी विरोधक है और नवनीत राणा व यशोमति ठाकुर के बीच इससे पहले भी कई मौकों पर जुबानी जंग हो चुकी है. ऐेसे में यशोमति ठाकुर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के साथ ही संसदीय क्षेत्र में शामिल अन्य सभी निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेसियों को भी जमकर सक्रिय किया था. जिसके चलते मतदान के मामले में 66.88 फिसद वोटों के साथ दर्यापुर तीसरे और 64.14 फीसद वोटों के साथ तिवसा चौथे स्थान पर रहे.
* अमरावती रहा ‘लास्ट, बट वन’
वहीं अमरावती संसदीय क्षेत्र में जिला मुख्यालय रहने के साथ ही चुनावी रणसंग्राम का सबसे मुख्य केंद्रबिंदू रहने वाले अमरावती विधानसभा क्षेत्र में अपेक्षा से बेहद कम मतदान हुआ और मतदान के मामले में अमरावती विधानसभा क्षेत्र पांचवें यानि ‘लास्ट बट वन’ स्थान पर रहा. जहां पर महज 57.51 फीसद ही वोट पडे. खास बात यह है कि, निवर्तमान सांसद भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा सहित प्रहार पार्टी के प्रत्याशी दिनेश बूब का निवास अमरावती विधानसभा क्षेत्र में ही है. इसके अलावा जिले की दिग्गज कांग्रेस नेत्री यशोमति ठाकुर सहित तमाम प्रमुख पार्टियों के बडे नेताओं व पदाधिकारियों के निवास भी अमरावती में ही है. ऐसे में 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में फैले अमरावती संसदीय क्षेत्र के चुनाव को लेकर अमरावती शहर ही मुख्य रुप से चुनावी अखाडा बना हुआ था और सभी राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा मीडिया की नजरों में आने और खबरों में बने रहने के लिए पूरी जोर आजमाइश अमरावती शहर में ही की जा रही थी. जिसके चलते अमरावती शहर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की विशालकाय जनसभा होने के साथ ही लगभग सभी प्रत्याशियों की बडी-बडी रैलियां व पदयात्राएं भी आयोजित की गई थी. जिसकी वजह से पूरा अमरावती शहर व तहसील चुनावी खुमार में डूबा नजर आ रहा था. लेकिन मतदान के मामले में यह चुनावी खुमार ‘टांय टांय फिस्स’ साबित हुआ और 6 विधानसभा क्षेत्र में अमरावती विधानसभा क्षेत्र मतदान के मामले में पांचवे स्थान पर रहा.
विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस सांसद सुलभा खोडके तथा उनके पति व राकांपा अजीत पवार गुट के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने अपने आप को संसदीय चुनाव से पूरी तरह अलिप्त रखा था. इधर दूसरी ओर भाजपा द्वारा नवनीत राणा को प्रत्याशी बनाये जाने से नाराज होकर तुषार भारतीय सहित भाजपा के कई स्थानीय पदाधिकारी भी इस बार के चुनाव में तटस्थ थे. इसका भी परिणाम इस बार के चुनाव में कम मतदान के तौर पर दिखाई दिया, ऐसी चर्चाएं चल रही है.
* शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में रात 8 बजे तक चलता रहा मतदान
जहां एक ओर अमरावती शहर में दिनभर के दौरान मतदान की औसत रफ्तार काफी कम थी. वहीं दूसरी ओर शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में पूरा दिन मतदाताओं की भीड मतदान केंद्रों पर बनी रही. जिामें से कई मतदाताओं का वोट शाम 6 बजे मतदान का समय समाप्त होने तक नहीं पड पाया था. जिसके चलते इन मतदाताओं को मतदान केंद्र के भीतर लेते हुए मतदान केंद्र के मुख्य प्रवेशद्वार को बंद कर दिया गया और मतदान केंद्र में मौजूद हर एक मतदाता की वोटींग होने तक मतदान की प्रक्रिया को शुरु रखा गया. जिसके चलते अमरावती शहर के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में रात करीब 8 बजे तक मतदान की प्रक्रिया चलती रही.
* ग्रामीण इलाकों में भी रात 9-10 बजे तक पडे वोट
इसी तरह जिले के कुछ ग्रामीण इलाकों में दिन के समय मतदान की रफ्तार सुस्त रहने और कई स्थानों पर दिनभर के दौरान ईवीएम मशीन में खराबी आने की वजह से मतदान का काम प्रभावित होने के चलते देर शाम तक मतदान का समय समाप्त होने के बाद भी मतदाताओं से वोट डलवाये गये. क्योंकि संबंधित मतदान केंद्रों पर पहले से मतदान हेतु मतदाताओं के कतारे लगी हुई थी. यहीं वजह रही कि, आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र के कई दुर्गम गांवों में रात 10 बजे तक मतदान चलता रहा. वहीं अंजनगांव सुर्जी एवं अचलपुर के भी एक-एक मतदान केंद्र पर देर रात तक वोटींग पडती है.
* यह है मतदान के अंतिम आंकडे, जानें कहां पडे कितने वोट?
विधानसभा क्षेत्र पुरुष प्रतिशत महिला प्रतिशत अन्य प्रतिशत कुल प्रतिशत
बडनेरा 1,00,852 58.67 87,734 52.81 08 19.51 1,88,594 55.78
अमरावती 1,07,167 60.51 92,046 54.38 05 20.00 1,99,218 57.51
तिवसा 1,00,121 68.36 82,192 59.65 00 00 1,82,313 64.14
दर्यापुर 1,10,108 70.98 90,276 62.48 00 00 2,00,384 66.88
मेलघाट 1,08,156 72.56 97,123 70.47 05 55.56 2,05,284 71.55
अचलपुर 8,05,499 72.99 87,803 64.43 02 40 1,93,304 68.84
कुल 6,31,903 66.92 5,37,174 60.24 20 23.53 11,69,097 63.67