मुझे ‘सम्मान’ से ‘अपात्र’ कैसे घोषित कर सकते हो?
किसान ने जिलाधीश को दी नोटीस, कोर्ट में खींचने की बात कही
अमरावती/वरुड/दि.20 – मेरा उदरनिर्वाह केवल खेती किसानी पर निर्भर है. ऐसे में प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की लाभ राशि की 8 किश्ते मिलने के बाद मुझे अचानक इस योजना के लिए अपात्र कैसे घोषित किया जा रहा है. इस आशय का सवाल उपस्थित करते हुए जरुड में रहने वाले आशुतोष सतिश देशमुख नामक 40 वर्षीय किसान ने सीपीसी की धारा 80 के तहत सीधे जिलाधीश को कानूनी नोटीस भेजी है तथा लिखित जवाब मांगते हुए जवाब नहीं मिलने पर जिलाधीश को अदालत में खींचने की चेतावनी दी है.
जानकारी के मुताबिक आशुतोष देशमुख को पीएम किसान सम्मान योजना के तहत अब तक 16 हजार रुपए की लाभराशि प्राप्त हो चुकी है. परंतु अचानक ही उन्हें तहसीलदार के हस्ताक्षर वाला एक पत्र प्राप्त हुआ. जिसमें उन्हें पीएम किसान सम्मान योजना हेतु अपात्र बताते हुए अब तक प्राप्त हुई निधि वापिस लौटने का आदेश दिया गया है. इसके पश्चात आशुतोष देशमुख ने इस आदेश पर सवालिया निशान लगाते हुए तहसीलदार रविंद्र चव्हाण से जानना चाहा कि, प्रधानमंत्री द्बारा किसान को दिए गए सम्मान को प्रशासन वापिस कैसे मांग सकता है और जब वे पूरी तरह से खेती किसानी पर ही आश्रीत है, तो उन्हें इस योजना से अपात्र कैसे घोषित किया जा सकता है. जिस पर तहसीलदार रविंद्र चव्हाण ने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड लिया कि, उनका इस योजना से सीधे तौर पर कोई संबंध नहीं है. बल्कि उन्होंने अपने वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त हुए आदेश का पालन करते हुए उक्त पत्र जारी किया है. जिसके बाद आशुतोष देशमुख ने इस संदर्भ में जिलाधीश के नाम कानूनी नोटीस जारी करते हुए जानना चाहा कि, आखिर उन्हें प्रधानमंत्री की ओर से दिया गया सम्मान जिला प्रशासन द्बारा किस आधार पर वापिस मांगा जा रहा है. साथ ही आशुतोष देशमुख ने इस संदर्भ में जिला प्रशासन से लिखित जवाब मांगा है और जवाब नहीं मिलने पर अदालत जाने की बात भी कही है.
इसी दौरान यह जानकारी भी सामने आयी है कि, पीएम किसान सम्मान योजना से अपात्र घोषित किए गए वरुड तहसील के 2400 किसानों में से कुछ किसानों के घर जाकर कुछ विशिष्ट दलाल उन्हें इस योजना में दोबारा पात्र घोषित करवाने तथा योजना का लाभ दुबारा शुरु करवाने का लालच देते हुए उनसे धन उगाही करने का प्रयास कर रहे है.
* मैने वर्ष 2014 में अपना उदरनिर्वाह कराने हेतु केवल 1 वर्ष के लिए व्यवसाय शुुरु किया था और उस समय उसका आयकर भी भरा था. लेकिन इसके बाद वह व्यवसाय डूब गया. ऐसे में अब मैं केवल खेती किसानी ही करता हूं और कोई आयकर नहीं भरता हूं. यदि उस एक वर्ष के लिए इमानदारी से भरे गए आयकर की वजह से मुझे किसान सम्मान योजना से अपात्र ठहराया जाता है, तो मैं सरकार की ओर से भेजे गए उस आदेश का निषेध करता हूं. किसान सम्मान योजनांतर्गत खुद को मिली सम्मान राशि मैं किसी भी स्थिति में वापिस नहीं लौटाउंगा, फिर चाहे इसके लिए मुझे किसी भी हद तक कानूनी लडाई क्यों ना लडनी पडे.
– आशुतोष देशमुख,
किसान, जरुड
* पीएम किसान सम्मान योजना में अपात्र रहने वाली किसानों की सूची हमें केंद्र सरकार की ओर से प्राप्त हुई है और हम केवल उपर से मिले आदेशों का पालन करते हुए संबंधित किसानों को नोटीस जारी कर रहे है. किसानों की पात्रता व अपात्रता को लेकर हमारे कार्यालय का कोई संबंध नहीं है.
– रविंद्र चव्हाण,
तहसीलदार, वरुड.