अमरावती

अपने दिल की धडकनों को संभाले रखना है जरुरी

अमरावती/दि.30– किसी भी निरोगी व्यक्ति के दिल की धडकनों का प्रमाण प्रति मिनट 60 से 100 के बीच होता है. परंतु यदि यहीं प्रमाण प्रति मिनट 40 से कम या 100 से अधिक होता है, तो ऐसे व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है. साथ ही ऐसे मामलों में कभी -कभी हृदयविकार का झटका आने की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता. जिसके चलते अपने हार्ट रेट को अच्छा रखने के लिए नियमित व्यायाम व सकस आहार लेना चाहिए.

* कितना हो हार्ट रेट?
– 100 से ज्यादा न हो
हार्ट रेट प्रति मिनट 100 से अधिक रहना खतरनाक होता है. तनाव के समय दिल की धडकने तेज हो जाती है. परंतु ऐसा हमेशा होते रहने पर स्वास्थ्य का खतरा बढ जाता है.
– 60 से कम न हो
यदि दिल की धडकन यानि हार्ट रेट प्रति मिनट 60 से कम है, तो चक्कर आने और आंखों के सामने अंधेरा छाने की समस्या हो सकती है. ऐसे में हार्ट रेट का कम होना भी खतरनाक होता है.

* रेस्टींग हार्ट रेट यानि क्या?
आराम करते समय यानि बैठे रहते समय अथवा सोते समय दिल की धडकनों की गति व्यक्ति अनुसार अलग-अलग होती है. ऐसे में आराम करते समय धडकनों की गति को रेस्टिंग हार्ट रेट कहा जाता है.

* क्या सावधानी जरुरी?
– कोई भी व्यसन न करें, चाय-कॉफी का अत्याधिक सेवन टाले, शुगर लेवल को मैंटेन करे, नमक का सेवन कम प्रमाण में करें.
– नियमित रुप से व्यायाम करें, योगासन व प्राणायाम करे, भोजन व निंद का समय नियमित रखे.
– दिल की धडकन की रफ्तार कम या अधिक होती महसूस होने पर तुरंत किसी योग्य डॉक्टर की सलाह ले.

* हार्ट रेट का प्रमाण प्रति मिनट 60 से 100 के बीच होता है. यदि यह प्रमाण इससे कम या ज्यादा हुआ, तो स्वास्थ्य संबंधित समस्या पैदा हो सकती है. ऐसे में हार्ट रेट को सुस्थिति में रखने हेतु नियमित रुप से व्यायाम करना तथा व्यसनों से दूर रहना बेहद आवश्यक है. इसके साथ ही यदि दिल से संबंधित कोई भी बीमारी होती है, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलकर सलाह लेनी चाहिए.
– डॉ. नीरज राघानी,
हृदयरोग विशेषज्ञ

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