अमरावती

लाईसेन्सशुदा हथियार 770, गोलियों का कोई हिसाब-किताब नहीं

खुले बाजार में आसानी से मिल जाती है गोलियां

अमरावती/दि.30 – आज भी हर व्यक्ति अपने पास बंदूक, पिस्तौल व रिवॉल्वर सहित अन्य अग्नेयास्त्र रखना चाहता है और हथियारों को लेकर अब भी जबर्दस्त क्रेझ है. जिसकी वजह से सुरक्षा के कारण को आगे करते हुए कई लोग हथियारों का लाईसेन्स प्राप्त करने हेतु प्रयास करते है. प्रशासन द्वारा हथियारों के लिए लाईसेन्स देने के साथ ही हथियारों के साथ कितने कारतूस अपने साथ रखे जाते है, यह भी तय किया जाता है. किंतु बावजूद इसके कारतूसों का अधिकृत हिसाब-किताब कोई नहीं लेता. ऐसे में यह तो सबको पता है कि, शहर आयुक्तालय क्षेत्र में 392 हथियारों सहित समूचे जिले में कुल 770 लोगों के पास हथियारों के लाईसेन्स है. किंतु किस व्यक्ति के पास कितनी गोलियां है, इसका पुलिस सहित प्रशासन के पास कोई हिसाब-किताब नहीं है.
बता दें कि, आम चुनाव के दौरान सभी लाईसेन्सशुदा हथियारों को संबंधित पुलिस थानों में जमा करवाना पडता है. इसके अलावा यदि जिलाधीश द्वारा किसी भी समय हथियार जमा करने का आदेश जारी किया जाता है, तो उस वक्त भी हथियार जमा कराने होते है. चुनाव के समय कहीं पर भी आचार संहिता का भंग न हो, इस हेतु जिलाधीश के आदेश पर सभी लाईसेन्सशुदा हथियारों को जमा कराया जाता है. किंतु ऐसा करते समय कारतूसों का कोई हिसाब-किताब नहीं लिया जाता. हालांकि प्रत्येक लाईसेन्सधारक अपने लाईसेन्स पर दर्ज रहनेवाली संख्या के बराबर कारतूस अपने पास रख सकता है और जब तक इन कारतूसों का प्रयोग करने की वजह से कोई घटना घटित नहीं होती, तब तक इसे लेकर किसी भी तरह का कोई आक्षेप नहीं होता. किंतु लाईसेन्स व हथियार रखनेवाले व्यक्ति के द्वारा एक-एक कारतूस का हिसाब रखा जाना बेहद आवश्यक होता है.

बाजार से कारतूस खरीदना संभव

जिले के ग्रामीण इलाकों में बडे पैमाने पर फसलों के संरक्षण हेतु हथियारों के लाईसेन्स लिये गये है. वहीं शहरी क्षेत्र में आत्मरक्षा की वजह को लेकर हथियारों का लाईसेन्स दिया जाता है. दोनोें ही तरह के लाईसेन्सधारकों को बाजार से कारतूस खरीदने की सुविधा व छूट भी दी जाती है. हालांकि कोई भी लाईसेन्सधारक अपने लाईसेन्स पर दर्ज संख्या से अधिक कारतूस नहीं खरीद सकता और उसे हर कारतूस के फायर की माकूल वजह भी बतानी पडती है.

आत्मरक्षा के लिए ऐसे मिलता है लाईसेन्स

– फॉर्म के साथ निवासी प्रमाणपत्र, बिजली बिल व आय प्रमाणपत्र देना होता है.
– संबंधित पुलिस थाने द्वारा आवेदक के बारे में पूरी जांच-पडताल की जाती है.
– संबंधित पुलिस थाने की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आयुक्तालय में पडताल होती है.
– आवेदक की प्रत्यक्ष जरूरत एवं उसके द्वारा दी गई वजह योग्य पाये जाने पर ही हथियार का लाईसेन्स दिया जाता है.
– समय-समय पर सभी लाईसेन्सों की जांच की जाती है.

कोविड काल में घटी आवेदनों व लाईसेन्सों की संख्या

कोविड संक्रमण काल के दौरान लॉकडाउन लागू रहने एवं प्रशासकीय कामकाज बंद रहने की वजह से हथियारों के लाईसेन्स हेतु किसी ने आवेदन भी नहीं किया. साथ ही करीब डेढ वर्ष तक सभी लोग अपने-अपने घरों में ही बंद थे. ऐसे में किसी को भी किसी भी तरह की असुरक्षा भी महसूस नहीं हुई. जिसकी वजह से कोविड काल के दौरान हथियारों का लाईसेन्स मिलने हेतु किये जानेवाले आवेदनों का प्रमाण घट गया.

महिलाओं को भी चाहिए पिस्तौल

इन दिनों शहरी क्षेत्र की महिलाएं भी खुद को असुरक्षित महसूस करने लगी है. जिसके चलते महिलाओं द्वारा हथियारों के लाईसेन्स हेतु आवेदन किया जा रहा है. इसके अलावा सरकारी सेवा में कार्यरत अधिकारियों द्वारा भी बडे पैमाने पर हथियारों के लाईसेन्स हेतु आवेदन किये जाते है.

कितने लोगों के पास लाईसेन्स

शहरी क्षेत्र – 392
ग्रामीण क्षेत्र – 378

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