अमरावती

‘मागून-मागून मागतो काय, न्यायाशिवाय दूसरे काय’

हजारों प्रकल्पग्रस्त उतरे सडक पर

सदन और बैठकों के निर्णय करें लागू
अमरावती/दि.17- बलिराजा प्रकल्पग्रस्त कृति संघर्ष समिति विदर्भ प्रदेश ने संभाग के पांच जिलों के प्रकल्प पीडितों को आज यहां संभाग मुख्यालय एकत्र किया. हजारों की संख्या में प्रकल्पग्रस्त जुटे और उन्होंने एक स्वर में विधानमंडल और मंत्रालय में हुई समिति की बैठकों के निर्णयों को लागू करने की मांग बुलंद की. इर्विन चौक से जिलाधिकारी कार्यालय तक निकले विशाल मोर्चे में शामिल प्रत्येक ने टोपी धारण करने के साथ मांग का फलक लिया था. मोर्चे का नेतृत्व साहबराव विधले, मनोज तायडे, माणिकराव गंगाने आदि ने किया. वाशिम, बुलढाणा, अकोला, यवतमाल सभी जिलों के प्रकल्प पीडित आए थे. गगनभेदी नारे इन लोगों ने कडी धूप में लगाए.
प्रशासन को सौंपे निवेदन में 14 नारे के साथ मंत्रालय में शरद पवार, जयंत पाटिल, राजेंद्र शिंगणे, यशोमति ठाकुर के साथ हुई बैठकों के निर्णय लागू करने की मांग की गई. यह बैठकें पिछले वर्ष 16 मार्च तथा 27 अप्रैल को होने का उल्लेख है. उसी प्रकार गत बजट सत्र में क्षेत्र के विधायक पाटनी, अडसड, बलवंत वानखडे आदि ने प्रकल्प पीडितों का मुद्दा सदन में उपस्थित किया. उस पर व्यापक चर्चा भी हुई. प्रकल्पग्रस्तों की समस्याएं शासन को बताई. इसलिए इंसाफ की मांग पीडितों ने की है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, सरकार के महत्कांक्षी प्रकल्पों के लिए हमने तत्काल जमीन दे दी, फिर भी हमारे साथ जो अन्याय हो रहा है वह खौफनाक है. सरकार समय रहते सावधान हो जाए तथा हमारी समस्याओं का निवारण करेें तो बेहतर होगा.

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