पांचवे दिन भी वडगांव माहुरे ग्रामवासियों का अनशन जारी
अमरावती/ दि. 24- वडगांव माहुरे ग्राम की झोपडपट्टी में पिछले 25 से 30 साल से रहनेवाले 46 परिवार को घर टैक्स लगाकर शासन की योजना का लाभ देने समेत विविध मांगो को लेकर भीम ब्रिगेड संगठना के बैनरतले सोमवार 20 मार्च से 11 ग्रामवासियों ने बेमियादी अनशन शुरु किया है. इनमं तीन अनशनकर्ताओं की हाल गंभीर होने से उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में गुरुवार की रात भर्ती किया गया है. वहीं दूसरी तरफ आज 46 परिवार के सदस्य न्याय न मिलने पर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने सामूहिक आत्मदहन करने वाले थे. लेकिन किसी कारण से इसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. इस कारण पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है.
ग्राम पंचयात वडगांव माहुरे की झोपडपट्टी में रहनेवाले नागरिकों ने पिछले पांच दिन से जिलाधिकारी कार्यालय बेमियादी अनशन शुरू किया है. चौथे दिन अनशनकर्ता रेशमा रामटेके, प्रकाश वानखडे और रंजना कुंभेकर की हाल बिगडने से उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. जहां उन पर उपचार जारी है. वर्ष 2011 के पूर्व के निवासी सबूत न रहने से 23 परिवार को उस जगह से न हटाया जाए, उन्हें भी नियमाकुल किया जाए, बिजली के खंबे खडे करने का काम शुरु किया जाए, 46 परिवार को टैक्स लगाकर पीआर कार्ड दिए जाए, प्रधानमंत्री व रमाई आवास योजना का लाभ दिया जाए आदि समेत विविध मांगो को पूर्ण करने अन्यथा शुक्रवार 24 मार्च को सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी अनशनकर्ता बाबाराव धुर्वे, रंजना कुंभेकर, शुभम वानखडे, पंकज खिल्लारे, गौतम गवली, उमेश गाढवे, नरेश वानखडे, शिवप्रसाद धुर्वे, सुनंदा उईके, प्रकाश वानखडे, रेशमा रामटेके ने दी थी. इसके मुताबिक आज सुबह से पुलिस का तगडा बंदोबस्त अनशनस्थल पर रखा गया था. भीम ब्रिगेड के संस्थापक अध्यक्ष राजेश वानखडे की मध्यस्थता से अनशनकर्ताओं को प्रशासन की तरफ से समझाने का प्रयास किया गया. तब यह आत्मदहन स्थगित किया गया.
* प्रशासन का कहना टैक्स लगाकर नहीं दे सकते
झोपडपट्टी में रहनेवाले 46 परिवार की जगह नियमाकुल उन्हें पीआर कार्ड देकर शासकीय योजना का लाभ देने की मांग को लेकर पिछले पांच दिन से बेमियादी अनशन पर बैठे लोगों द्वारा आज आत्मदाह की चेतावनी दी गई थी. इस चेतावनी को देखते हुए प्रशासन की तरफ से अधिकारी वाहुरवाघ ने अनशनस्थल पर पहुंचकर अनशनकर्ताओं से चर्चा की. इस अवसर पर वडगांव माहुरे ग्राम पंचायत के पदाधिकारी व अधिकारी उपस्थित थे. उनका कहना था कि वह तकनीकी कारणो से उस जगह का 46 परिवार को घर टैक्स लगाकर नहीं दे सकते. पश्चात अधिकारियों से हुई चर्चा के बाद फिलहाल सामूहिक आत्मदहन स्थगित कर दिया गया है.