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गूगामल वन्य जीव विभाग की लापरवाही

दो वर्ष से चिखलदरा वन उद्यान में पेयजल नहीं

* मजीप्रा ने काट रखे हैं नल
चिखलदरा/ दि. 8- विदर्भ के नंदनवन कहलाते चिखलदरा में आनेवाले पर्यटक गूगामल शासकीय वन उद्यान में अवश्य जाते हैं. वन विभाग की लापरवाही के कारण यहां उन्हें पीने का पानी भी मयस्सर नहीं होता. पिछले दो वर्षो से उद्यान का नल कनेक्शन कटा हैं. वन अधिकारी इस ओर ध्यान देने की फुर्सत नहीं निकाल पा रहे. सैलानी गर्मियों के इन दिनों में पेयजल के लिए भटक रहे हैं.
* तीन एकड में फैला उद्यान
पर्यटन नगरी का उद्यान तीन एकड क्षेत्र में फैला है. यहां सैर सपाटे के लिए आए सभी सैलानी इस उद्यान में अवश्य आते हैं. उनके साथ परिजन, बच्चे होते हैं. कई पर्यटक साथ लाया टिफिन यहां बगीचे में आकर खाते हैं. इससे पेयजल की आवश्यकता महसूस हो रही है.
* बच्चों के लिए खिलौने
उद्यान में बच्चों को आकर्षित करने प्राणियों की प्रतिमाएं, खिलौने और ट्रेन हैं. जिससे यहां आनेवाला पर्यटक बच्चों को लेकर उद्यान में अवश्य आता है. हजारों की संख्या में लोग आने के बावजूद यहां पेयजल का प्रबंध नहीं हैं.
* प्रवेश शुल्क 20 रूपए
गूगामल वन्यजीव विभाग ने इस उद्यान में दाखिल होने के लिए 20 रूपए प्रवेश शुल्क रखा हैं. वन समिति खटकाली यह शुल्क वसूल करती है. व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं हैं. विभाग के अधिकारी मूलभूत सुविधा की अनदेखी कर यहां पेविंग ब्लाक तथा रंगरोगन कर विकास की शेखी बखार रहे हैं.
* कटा है पेयजल का कनेक्शन
जीवन प्राधिकरण ने बिल भुगतान के अभाव में उद्यान का नल कनेक्शन काट रखा है. दो वर्ष से यहां कनेक्शन कटा है. 5 लाख रूपए का बिल बकाया होने की जानकारी है. चर्चा है कि सालाना 10-15 लाख रूपए की आमदनी वाले उद्यान के पैसे में अनियमितता हो रही है. दूसरी ओर गार्डन के आसपास व्यवसायी पानी की बोतल बेचकर जेब भर रहे हैं. यहां के लोग प्रश्न कर रहे हैं कि इसीलिए तो कहीं अधिकारी यहां नल नहीं शुरू करवा रहे ताकि पानी की विक्री हो सके. फिलहाल तो पेड पौधों को टैंकर के पानी से सींचा जा रहा है.

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