जिले में 20 फीसदी किसानों के पास ही कपास का स्टॉक
अप्रैल के बाद दरवृद्धि की संभावना
अमरावती/दि.8-दशहरा, दिवाली से लेकर कपास के भाव सात हजार के आसपास रहे. अब सीजन खत्म होने के बाद कपास के दाम 7200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं. चूंकि 80 प्रतिशत किसानों के पास कपास का भंडारण नहीं है. जिन व्यापारियों ने कपास खरीदा है केवल उन्हें लाभ होगा.
इस वर्ष मिट्टी में नमी की कमी के कारण कपास की कटाई दिसंबर के अंत से हो रही है. इस बीच, कपास की कीमतें 6400 रुपये से 6500 रुपये के बीच स्थिर हो गई थीं. कुछ दिनों के भंडारण के बाद चूंकि कीमत बढने की कोई संभावना नहीं है, दरअसल बाजार में स्थिति वैसी ही खबरे पहुंचाई जाने से किसानों ने दाम बढ़ने का इंतजार किए बिना कपास बेच दी. किसान अब आरोप लगा रहे हैं कि चार महीने से कपास के दाम में बढोतरी के पीछे व्यापारियों की साजिश है. इस बीच, बडे स्टॉकिस्टों ने कपास का स्टॉक कर लिया और अब 80 प्रतिशत किसानों ने कपास बेच दी है, जिससे बाजार में आवक कम हो गई है और कीमत कम से कम 800 रुपये से बढ गई है.
* 100 खंडी के लॉट में होते है सौदे
‘एनसीडीएक्स’ में पहले कपास के सौदे 25 गांठे (एक बेल यानी 170 किलोग्राम) इस लॉट में होते थे और इसमें छोटे व्यापारी भी भाग लेते थे, लेकिन अब यह 100 खंडी का लॉट (एक खंडी यानी 356 किलो) चाहिए तो इसमें केवल बड़े व्यापारी ही भाग लेते हैं. पहली बार, भारत में कपास अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य से 10 प्रतिशत कम पर बेचा जा रहा है.
अप्रैल में दरें बढने की संभावना
फिलहाल 80 फीसदी किसानों के पास कपास खत्म हुआ और व्यापारियों के पास काफी स्टॉक है. ऐसी स्थितियो में 600 से 800 प्रति क्विंटल कीमत में बढोतरी हुई है. फिर कुछ हद तक अप्रैल में दरें बढने की संभावना है.
-पवन देशमुख, अभ्यासक
कपास के बाजार मूल्य (रु/क्विं)
12 फरवरी
20 फरवरी
24 फरवरी
29 फरवरी
02 मार्च
04 मार्च
* 6600 से 6650
6750 से 6850
7000 से 7100
7300 से 7400
7100 से 7200
7150 से 7250