अमरावती

सरकार के खिलाफ लडना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य

विधायक कपील पाटील ने पत्र परिषद में दी जानकारी

  • अमरावती निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार दिलीप निम्भोरकर के प्रचारार्थ पहुंचे थे शहर

अमरावती प्रतिनिधि/दि. ११ – शिक्षकों की अनगीनत समस्याएं है, लेकिन इन समस्यांओं को दरकिनार करने का काम सरकार की ओर से किया जा रहा है. सरकार को सबक सीखाने के लिए और सरकार के खिलाफ लडने के एकमात्र उद्देश्य से अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से शिक्षक भारती संगठन के उम्मीदवार को उतारा जा रहा है. इस आशय के विचार शिक्षक भारती संगठन के विधायक कपील पाटील ने दी. वे आज अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से शिक्षक चुनाव में उतरे प्रत्याशी दिलीप निम्भोरकर की प्रचार बैठक में आयोजित पत्र परिषद में बोल रहे थे. पत्र परिषद का आयोजन नागपुर रोड स्थित होटल गौरी इन में किया गया था. इस पत्र परिषद में विधायक कपील पाटील ने बताया कि, महाविकास आघाडी सरकार को उनके संगठन का समर्थन प्राप्त है. लेकिन यह सरकार शिक्षकों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है. इसलिए इस आघाडी सरकार को झटका देने के लिए हम अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से दिलीप qनभोरकर को शिक्षक उम्मीदवार के तौर पर उतार रहे है. पिछली सरकार के समान ही वर्तमान सरकार भी शिक्षकों के साथ खिलवाड कर रही है. शिक्षक भारती संगठन की मांग है कि, बगैर अनुदानित स्कूल के शिक्षकों की शत-प्रतिशत वेतन दिया जाए, लेकिन वर्तमान सरकार ने २० फीसदी वेतन देने का मान्य किया. बावजूद इसके बीते १८ महीनों से बगैर अनुदानित शिक्षकों को वेतन नहीं दिया गया है. भाजपा की केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति को अमल में लाने का निर्णय लिया. इस निर्णय के खिलाफ शिक्षक भारती संगठन आवाज उठा रही है. यह शिक्षा नीति राज्य सरकार अमल में न लाये. इसलिए संगठन की ओर से राज्य सरकार पर यह शिक्षा नीति खत्म करने को लेकर दबाव डाल रही है. यदि यह शिक्षा नीति अमल में लायी जाती है, तो १ लाख स्कूलें बंद हो जाएगी. इस शिक्षा नीति का ज्यादातर असर दुर्गम इलाकों पर होगा. जहां पर २० पटसंख्या वाली स्कूलें है, वह १५ हजार स्कूलों को बंद करने की प्रक्रिया राज्य सरकार की ओर से की जा रही है. यहीं नहीं तो ३५ हजार महाविद्यालय भी बंद होंगे. इन सभी को बचाने के लिए शिक्षकों की यह संगठन अपना सहयोग दे रही है. निजिकरण और व्यापारीकरण का जो प्रयास केंद्र सरकार चलाने की योजना बना रही है. उस योजना को तोडने के लिए हम आवाज उठा रहे है. विधान परिषद में शिक्षक विधायकों की संख्या बढनी चाहिए. शिक्षकों का प्रतिनिधित्व रखने के लिए विशेष जोर देना चाहिए. स्किल डेवलपमेंट (कौशल्य विकास) के नाम पर एमसीवीसी को खत्म करने की साजिश रची जा रही है. यह हम कोशिश कर रहे है कि, शिक्षा में किसी तरह का बदलाव न लाया जाये. विधायक पाटील ने बिहार चुनाव के मुद्दे को उठाते हुए बतलाया कि, बिहार चुनाव में पढाई, कमाई और लडाई यह मुद्दा महागठबंधन ने उठाया था और इन ही मुद्दों पर यह चुनाव लडा गया था. इसमें से पढाई के मुद्दे को लेकर हम यह शिक्षक चुनाव लडेंगे.

शिक्षा का अधिकार सभी को है और इस अधिकार को लेकर हम निरंतर आवाज उठाएंगे. इस निर्वाचन क्षेत्रों को भाजपा से भी दूर रखने का प्रयास किया जाएगा. हमारी लडाई व्यक्ति से नहीं बल्कि विचारों से है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए, इस चुनाव मैदान में दिलीप भोरकर को शिक्षक भारती संगठन के अधिकृत उम्मीदवार के रुप में उतारा जा रहा है. इस समय शिक्षक भारती के उम्मीदवार दिलीप निम्भोरकर ने बताया कि, वे स्वतंत्र रुप से और अपने शिक्षक सदस्यों के बलबुते प्रचार करेंगे. हमें सरकार के साथ लडना है. यही हमारा एकमात्र लक्ष्य है. शिक्षकों को न्याय दिलाने सहित सरकार की ओर से शिक्षा नीति में किये जा रहे बदलावों पर कैंची चलाने के लिए यह एकमात्र जरिया है. पत्र परिषद में राजेंद्र झाडे, रामदास इंगले, सुरेश हेलकर, संदिप तडस, संजय विरे, अशोक खारखेले मौजूद थे.

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