तिवसा, दर्यापुर, बडनेरा में प्रहार प्रत्याशी
बच्चू कडू द्बारा 20 सीटों पर विधानसभा लडने का ऐलान
* मुंबई में शुरू है प्रहारियों से गुफ्तगू
* महायुति में मौका मिला तो राजकुमार को बनायेंगे मिनिस्टर
अमरावती/ मुंबई / दि. 13- विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू ने राज्य विधानसभा की कम से कम 20 सीटों पर चुनाव लडने की तैयारी शुरू कर दी है. आज मुुंबई में अपने प्रहार जनशक्ति पक्ष की बैठक में वे विचार विमर्श कर निर्णय घोषित करनेवाले हैं. जिन सीटों पर प्रहार चुनाव लडने जा रहा है. उनमें अमरावती जिलेे की अचलपुर और मेलघाट के साथ तिवसा, बडनेरा एवं दर्यापुर क्षेत्र रहने की जानकारी प्रहार के पदाधिकारी ने अमरावती मंडल को दी. आज दोपहर समाचार लिखे जाने तक मुंबई में बच्चू कडू, राजकुमार पटेल की प्रहार पदाधिकारियों से बैठक शुरू थी.
* चुनाव लडना पडता है
बच्चू कडू ने मुंबई प्रस्थान करने से पहले नागपुर में मीडिया से बातचीत में कहा कि राजनीतिक दल बनाया है तो चुनाव लडना पडता है. प्रहार पक्ष शीघ्र होनेवाले विधानसभा चुनाव में 20 स्थानों पर उम्मीदवार खडे करेगा. कडू से महायुति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आज की बैठक में ही इस विषय पर चर्चा होगी और निर्णय किया जायेगा. महायुति के साथ रहा जाए अथवा स्वतंत्र चुनाव लडा जाए. कडू ने पुन: कहा कि राजनीतिक दल को चुनाव लडना पडता है तभी पार्टी का विस्तार होता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि केवल विदर्भ नहीं तो राज्य के विभिन्न भागों में प्रहार उम्मीदवार खडे किए जाएंगे.
* तिवसा और बडनेरा लडेंगे
आज की बैठक शुरू रहते एक पदाधिकारी ने अमरावती मंडल को बताया कि अचलपुर और मेलघाट में प्रहार विधायक है ही. तिवसा, बडनेरा और दर्यापुर विधानसभा में भी प्रहार प्रत्याशी पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे. जिले की इन पांच सीटों के अतिरिक्त प्रदेश में 15 स्थानों पर प्रहारी विधानसभा के रण में रहेंगे. बता दे कि तिवसा कांग्रेस नेता यशोमती ठाकुर का क्षेत्र है तो बडनेरा में युवा स्वाभिमान के रवि राणा लगातार 3 चुनाव जीत चुके हैं. दर्यापुर सीट अभी से खाली हो गई है. वहां के विधायक बलवंत वानखडे ने सांसद बनने से अपना विधानसभा का त्यागपत्र दे दिया है.
* पटेल को देंगे मौका
बच्चू कडू से जब पूछा गया कि महायुति सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की दोबारा चर्चा चल रही है. आपको मंत्री पद ऑफर हुआ तो क्या करेंगे ? बच्चू कडू ने कहा कि उन्हें अब मंत्री पद का कोई आकर्षण नहीं है. अवसर मिला तो वे अपनी पार्टी के राजकुमार पटेल को मंत्री पद देना चाहेंगे. पटेल पूरे 5 वर्षो तक उनके साथ जुडे रहे. प्रदेश में बडे दल टूटे. प्रहार एक और मजबूत रहा.