सीएम फडणवीस के सामने पेश हुआ बेलोरा विमानतल का प्रेझेंटेशन
विमानतल के सभी काम हुए पूरे, केवल लाईसेंस मिलना बाकी
* इसी माह डीजीसीए की टीम करेगी विजिट और निरीक्षण
* ऑलवेल पाये जाने पर उडाने शुरु करने मिलेगी हरी झंडी
अमरावती/मुंबई/दि.7 – गत रोज मुंबई के सह्याद्री अतिथि गृह में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के सभी विमानतलों के विस्तार व विकास संबंधित कामों का जायजा लिया. जिसमें बेलोरा स्थित अमरावती विमानतल के कामों का भी समावेश था. इस समय अमरावती विमानतल प्रशासन द्वारा अमरावती विमानतल पर किये गये सभी कामों को लेकर सीएम फडणवीस के सामने पे्रझेंटेशन की प्रस्तुति दी गई. साथ ही सीएम फडणवीस को बताया गया कि, अमरावती विमानतल पर विस्तार व विकास से संबंधित सभी कार्य पूरे कर लिये गये है तथा अब केवल डीजीसीए के जरिए अमरावती विमानतल से नियमित उडाने शुरु करने हेतु ऑपरेटींग लाईसेंस मिलने की अनुमति का इंतजार है. इसके साथ ही यह जानकारी सामने आयी कि, डीजीसीए के विशेषज्ञों की एक टीम इसी माह के दौरान बेलोरा स्थित अमरावती विमानतल का दौरा करेगी तथा विमानतल पर हुए विभिन्न कामों का निरीक्षण करते हुए सबकुछ ‘ऑलवेल’ पाये जाने पर अमरावती विमानतल को ऑपरेटींग लाईसेंस दिये जाने के संदर्भ में हरी झंडी दी जाएगी.
विशेष उल्लेखनीय है कि, गत रोज सह्याद्री अतिथि गृह में बुलाई गई समीक्षा बैठक में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यह जानकारी भी दी कि, अमरावती विमानतल पर एयर इंडिया की फ्लाईंग अकादमी भी शुरु की जानी है, जो एशिया की सबसे बडी फ्लाईंग अकादमी रहेगी. जिसके लिए टाटा ग्रुप के साथ करार किया जा चुका है. साथ ही साथ अमरावती विमानतल से नियमित हवाई उडाने शुरु करने हेतु एयर विस्तारा के साथ बातचीत हो चुकी है. ऐसे में डीजीसीए की ओर से मंजूरी मिलते ही अमरावती विमानतल को शुरु कर दिया जाएगा. जिसके लिए विमानतल को पूरी तरह से अपडेट रखना बेहद आवश्यक है. जिसकी ओर विमानतल प्रबंधन द्वारा ध्यान दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही सीएम फडणवीस ने नागपुर, जलगांव, शिर्डी व नवी मुंबई के हवाई अड्डों का काम समय पर पूरा करने तथा पुरंदर व पालघर में विमानतल शुरु करने हेतु भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु करने के निर्देश भी जारी किये.
ज्ञात रहे कि, महाराष्ट्र विमानतल विकास प्राधिकरण के नियंत्रण में रहने वाले बेलोरा स्थित अमरावती विमानतल का काम पूरी तरह से खत्म हो चुका है तथा इस विमानतल पर हवाई जहाजों की आवाजाही को नियंत्रित करने हेतु एटीसी टॉवर सहित विमानों के उतरने व उडान भरने हेतु रनवे तथा यात्रियों की सुविधा के लिहाज से टर्मिनल बिल्डिंग पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुके है. साथ ही विमानतल परिसर में रहने वाले सभी वन्य प्राणियों को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू करते हुए उन्हें उनके प्राकृतिक अधिवास में ले जाकर छोड दिया गया है. साथ ही अब जनवरी माह में केंद्र सरकार की ओर से अमरावती विमानतल हेतु ऑपरेटींग लाईसेंस मिलने की पूरी उम्मीद है. जिसके चलते आगामी नये साल में मार्च माह से अमरावती विमानतल पर विमानों की लैंडिंग व टेक ऑफ शुरु होने का मुहूर्त निकल सकता है. ऐसी पूरी संभावना देखी जा रही है. जिसके मद्देनजर प्रशासन द्वारा तमाम आवश्यक तैयारियां की जा रही है तथा विमानतल को शुरु करने के लिहाज से लगातार बैठकों का दौर चल रहा है.
उल्लेखनीय हैं कि, बेलोरा विमानतल का परिसर 585 हेक्टेअर क्षेत्रफल में फैला हुआ है और यह विमानतल महाराष्ट्र विमानतल विकास प्राधिकरण यानि एमएडीसी के अख्तियार में है. जिसके चलते इस विमानतल का विस्तार व विकास करते हुए एमएडीसी ने इस विमानतल पर अत्याधुनिक 1850 मीटर लंबे रनवे, स्ट्रीट लाइट, एटीसी टॉवर, प्रकाश व्यवस्था, विश्वस्तरीय टर्मिनल बिल्डिंग और उसका बेहद आकर्षक दर्शनीय हिस्सा, अंतर्गत व बाह्य रास्ते, सुरक्षा दीवार एवं वाहन पार्किंग सहित यात्रियों से जुडी तमाम सुविधाओं के कामों को पूर्ण किया है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती विमानतल पर विविध विकास कामों को अमरावती के ही नितिन गभने द्वारा संचालित इंदू कन्स्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया गया है, जो हर वास्तु को भव्य दिव्य तरीके से बनाने के लिए विख्यात है और उन्हें भव्य दिव्य वास्तु बनाने में एक तरह से महारत हासिल है. ऐसे में नितिन गभने द्वारा किये गये निर्माण कार्य के चलते बेलोरा स्थित अमरावती विमानतल किसी अंतरराष्ट्रीय विमानतल की तरह बनकर तैयार हुआ है. जहां से अब विमानों की उडाने शुरु होने की प्रतीक्षा की जा रही है.