बेमौसम बारिश व बर्फबारी से बर्बादी का तांडव
जिले में चहुंओर मुसलाधार बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई
* संतरा बागानों सहित रबी फसलों व साग-सब्जियों के खेत बर्बाद
* मौसम के अचानक रंग-ढंग बदलने से किसानों का हुआ भारी नुकसान
* आम जनजीवन भी अस्त-व्यस्त, वातावरण हुआ और अधिक सर्द
अमरावती/दि.29– गत रोज अमरावती शहर सहित जिले में मौसम के रंग-ढंग अचानक ही बदल गये. दोपहर तक मौसम पूरी तरह खुला हुआ था और आसमान साफ था. वहीं दोपहर बाद अचानक ही आसमान पर काले-घने बादल जमने शुरू हो गये और शाम ढलते-ढलते शुरू हुई हलकी-फुलकी फुहारे देखते ही देखते मूसलाधार बारिश में बदल गई. इसके अलावा जिले के कई हिस्सों में बेर के आकारवाले ओले भी गिरे. अचानक शुरू हुई इस बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते खेती-किसानी को काफी नुकसान पहुंचा है तथा ओलावृष्टि से जहां संतरे के बागान प्रभावित हुए, वहीं ओलावृष्टि सहित बेमौसम बारिश से खेतों में खडी तुअर, गेहू, चना, प्याज व साग-सब्जी की फसलें पूरी तरह बर्बाद होकर जमीनदोज हो गई. इसके अलावा धामणगांव रेलवे तहसील अंतर्गत तलेगांव दशासर में गाज गिरने की वजह से एक किसान की मौत हुई है.
* चांदूर बाजार में चहुंओर ओलावृष्टि व जोरदार बारिश
जिले के विभिन्न इलाकों के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक गत रोज चांदूर बाजार, तिवसा, अचलपुर, मोर्शी, धामणगांव रेल्वे, नांदगांव व चांदूर रेल्वे सहित मेलघाट क्षेत्र में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने जबर्दस्त कहर मचाया. जिले की चांदूर बाजार तहसील अंतर्गत सभी ग्रामीण इलाकों में जबर्दस्त बारिश और बर्फबारी हुई. जिससे चांदूर बाजार शहर सहित ब्राह्मणवाडा थडी, माधान, जसापुर, पिंपरी, थूगांव, तोंडगांव, तलेगांव, वणी बेलखेडा, बेलमंडली, विश्रोली व वारोली परिसर में खेती-किसानी का जमकर नुकसान हुआ है. इन सभी इलाकों में मंगलवार की सुबह मौसम अचानक बदला और कडाके की ठंड जारी रहने के साथ ही बर्फबारी होनी शुरू हो गई. जिससे खेतों में खडी फसलें प्रभावित होने के साथ ही मौसम और अधिक सर्द हो गया. साथ ही शाम ढलते-ढलते पूरे परिसर में मूसलाधार बारिश शुरू हो गई.
* अचलपुर फसल मंडी में भीगा पूरा अनाज
उधर अचलपुर तहसील में मंगलवार की दोपहर 4 बजे के आसपास बिजली की तेज गडगडाहट के साथ करीब एक घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई. इस समय कृषि उत्पन्न बाजार समिती में बिक्री हेतु लाकर रखा गया. अनाज पूरी तरह से भीग गया. वहीं खेतों में कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी चने व कपास की फसल का काफी हद तक नुकसान हुआ है. इसके अलावा रबी सीझन की प्रमुख फसल माने जाते गेहू का भी काफी बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है.
* तिवसा में आंधी-तूफान के साथ मूसलाधार
इसके अलावा तिवसा तहसील में तेज आंधी-तूफान के साथ धुआंधार बारिश हुई और यहां पर काफी देर तक घने-कोहरे की चादर छायी रही. इस परिसर में कई किसानोें ने संतरा पेडों को तडण पर रखा है. किंतु इस बेमौसम बारिश की वजह से भविष्य में संतरे की फसल को काफी नुकसान पहुंचेगा. साथ ही बेमौसम बारिश की वजह से रबी फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. जिससे इस बार किसानों की आवक और फसलोें की उपज काफी हद तक प्रभावित होगी.
* दर्यापुर में हलकी-फुलकी बारिश
दोपहर के समय अकोला में जबर्दस्त ओलावृष्टि होने की खबर मिलने के चलते दर्यापुर परिसर के किसान काफी चिंतीत थे. किंतु दर्यापुर परिसर में हलकी-फुलकी बारिश ही हुई. जिससे खेती-किसानी का कोई विशेष नुकसान नहीं हुआ. यहां पर गत रोज बारिश शुरू होने से पहले फसल मंडी में किसानोें द्वारा लाये गये माल की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी. ऐसे में बारिश की वजह से किसानों का माल भीगने से बच गया. हालांकि इस बारिश की वजह से मंडी के अडत व्यवसायियों को कुछ हद तक नुकसान का सामना जरूर हुआ है.
* मोर्शी-वरूड में संतरा बागानों का नुकसान
मौसम में अचानक आये परिवर्तन की वजह से जिले के सबसे प्रमुख संतरा उत्पादक क्षेत्र मोर्शी-वरूड में संतरा बागानों का काफी हद तक नुकसान होने की संभावना है. क्योंकि इस बेमौसम बारिश की वजह से अंबिया बहार का प्रभावित होना तय है. बता दें कि, अंबिया बहार के लिए किसानों द्वारा संतरे के पेडों की सिंचाई बंद कर दी जाती है. इसे पेडों को तडण पर रखना कहा जाता है. पश्चात जनवरी माह में सिंचाई करने पर संतरे के पेड सफेद फुलों से लद जाते है और आगे चलकर यहीं फुल संतरा फलों में रूपांतरित होते है. किंतु बेमौसम बारिश की वजह से संतरे के पेडों पर लगी कलियां झडकर गिर गई है. ऐसे में अंबिया बहार के आने की कोई संभावना ही नही है. जिससे किसानों को करोडों रूपयों का नुकसान होना तय है.
* धारणी में ओलावृष्टि से सब्जियां बर्बाद
आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र की धारणी तहसील अंतर्गत किसानों द्वारा बडे पैमाने पर साग-सब्जियों की खेती-बाडी की जाती है. गत रोज हुई बेमौसम बारिश तथा ओलावृष्टि की वजह से इस पहाडी इलाके में साग-सब्जी के खेतों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ.
* गाज की चपेट में आकर किसान की मौत
जिले की धामणगांव रेल्वे तहसील अंतर्गत तलेगांव दशासर में गत रोज बारिश शुरू रहने के दौरान दुपहिया पर सवार होकर अपने खेत से घर जा रहे गजानन बापूराव मेंढे नामक 47 वर्षीय किसान की आसमानी गाज की चपेट में आने से मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक तलेगांव दशासर निवासी गजानन मेंढे गत रोज अपने खेत का कामकाज निपटाने के बाद दुपहिया पर सवार होकर तलेगांव दशासर स्थित अपने घर की ओर वापिस लौट रहे थे. इसी समय आसमान में बिजली बडे जोर से कडकडाई और उनपर आकर गिर गई. आसमानी गाज की चपेट में आने से गजानन मेंढे की मौके पर ही मौत हो गई. इस बात की जानकारी मिलते ही धामणगांव रेल्वे के तहसीलदार प्रदीप शेलार सहित राजस्व व पुलिस महकमे के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और पंचनामे की कार्रवाई के बाद मेंढे के शव को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया गया.
* नुकसान के पंचनामे का काम जल्द निपटाये
गत रोज समूचे जिले में बारिश व ओलावृष्टि की वजह से खेती-किसानी में जबर्दस्त नुकसान हुआ है. इस बात के मद्देनजर जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि, नुकसान के पंचनामे की कार्रवाई जल्द से जल्द पूरी की जाये, ताकि किसानों को उनके नुकसान का यथोचित मुआवजा तुरंत उपलब्ध कराया जा सके और किसानों को आर्थिक समस्याओं व दिक्कतोें का सामना न करना पडे. इसके साथ ही पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने तलेगांव दशासर में आसमानी बिजली की चपेट में आकर मारे गये गजानन मेंढे नामक किसान की मौत पर अफसासे जाहीर करते हुए कहा कि, मेेंढे परिवार को सरकार की ओर से पूरी सहायता उपलब्ध करायी जायेगी.
*अकोला में भी तूफानी बारिश, ओले गिरे
गत रोज दोपहर के समय अकोला शहर सहित जिले में भी तेज हवाओें व बादलों की गडगडाहट के साथ तूफानी बारिश हुई. बारिश के साथ ओले भी पडे. लगभग तीन घंटे तक हुई जोरदार बारिश ने जनजीवन को झकझोर दिया. बाजार में, सडकों पर भागमभाग मच गयी. अचानक हुई इस तेज बारिश से सभी कारोबार पर असर पडा. इस बारिश से किसानों के खेतों में लहलहा रही चना, गेहुं, तुअर की फसलों का काफी नुकसान हुआ. तेज गति से बहनेवाली हवाओं से ठंड बढ गई है. जिससे बीमारियों के लक्षण बढने की संभावना है. बारिश के साथ नींबू के आकार के ओले भी पडे. कुछ ही देर में सडकें जममग्न हो गई. कोठडी बाजार, काला चबूतरा, कपडा मार्केट, डाबकी रोड इलाकों में सडकों पर नाली का पानी आ जाने से यातायात प्रभावित हुआ. करीब तीन से चार घंटे हुई तूफानी बारिश ने नागरिकों व किसानों के लिए बडे पैमाने पर तकलीफें पैदा की.