अडसूल के निवास पर पहुंचे राणा दम्पति
10 साल से चली आ रही अदावत थोडी पिघली
* अभिजीत अडसूल ने सहपरिवार किया राणा दम्पति का स्वागत
* राणा दम्पति में भी अभिजीत अडसूल का सपत्निक किया सत्कार
* दोनों ने देश के लिए मोदी के नेतृत्व को बताया जरुरी
* रिश्तों में अब भी पूरी गर्माहट आना बाकी, अभिजीत ने दिखाई संयत भूमिका
अमरावती/दि.17- जिले की राजनीति में आज एक बेहद रोचक व दिलचस्प घटक घटित हुई. जब पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल तथा उनके बेटे व पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल के धुर प्रतिद्वंदी व कट्टर विरोधक रहने वाले राणा दम्पति ने अडसूल परिवार के निवासस्थान पर भेंट दी. इस समय अभिजीत अडसूल ने राणा दम्पति का अपने आवास पर यथोचित स्वागत किया. साथ ही राणा दम्पति ने अभिजीत अडसूल का सपत्निक सत्कार करते हुए विगत 10 वर्षों से चली आ रही अदावत को कुछ हद तक कम करने का प्रयास किया. हालांकि इस मुलाकात के दौरान अभिजीत अडसूल द्वारा मीडिया को दिये गये बयान से स्पष्ट प्रतित हुआ कि, रिश्तों की दरार में जमी बर्फ अभी पूरी तरह से पिघली नहीं है और एक दशक से चली आ रही अदावत को अडसूल परिवार इतनी आसानी से भूलने के लिए तैयार भी नहीं है. जिसके चलते अभिजीत अडसूल ने अपने आपको और अपने समर्थकों को फिलहाल ‘स्टैंड बाय’ भूमिका में बताते हुए कहा कि, वे अब अपने पदाधिकारियों के साथ मिलकर विचार-विमर्श करेंगे तथा उम्मीद की जा सकती है कि, इस विमर्श से कोई सकारात्मक परिणाम निकलकर सामने आएगा. वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव हेतु भाजपा प्रत्याशी रहने वाली नवनीत राणा के पति व विधायक रवि राणा ने काफी हद तक समर्पण वाली भूमिका दिखाते हुए अडसूल परिवार व खुद को समविचारी बताया तथा देश के लिए प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व ही जरुरी बताते हुए साथ मिलकर काम करने की जरुरत प्रतिपादित की.
बता दें कि, जिले के पूर्व सांसद व शिवसेना नेता आनंदराव अडसूल तथा जिले की मौजूदा सांसद नवनीत राणा के बीच जिले की राजनीति पर अपना दबदबा व वर्चस्व कायम रखने को लेकर चली आ रही अदावत जग-जाहीर है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में दोनों के बीच शुरु हुई प्रतिद्वंदिता आगे चलकर आरोप-प्रत्यारोप के कई दौर से होकर गुजरी. साथ ही पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने नवनीत राणा के जाति वैधता प्रमाणपत्र को चुनौती देते हुए इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जीत हासिल की थी और यह मामला इस समय भी सुप्रीम कोर्ट के सामने विचाराधीन है. वर्ष 2014 एवं वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आनंदराव अडसूल व नवनीत राणा एक-दूसरे के सामने प्रतिद्वंदी के तौर पर थे और दोनों चुनावों में दोनो ओर से जमकर कटाक्ष किये गये थे. साथ ही विगत 10 वर्षों के दौरान दोनो ओर से जमकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी हुए और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को नीचा दिखाने का एक भी मौका नहीं छोडा था. परंतु वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव आते-आते राजनीतिक परिस्थितियां पूरी तरह से बदल गई तथा अब अडसूल एवं राणा परिवार महायुति में शामिल रहने के चलते एक ही पाले में है. हालांकि शिंदे गुट वाली शिवसेना की ओर से आनंदराव अडसूल ने अमरावती संसदीय सीट के लिए यह कहते हुए अपना दावा पेश किया था कि, अमरावती लोकसभा क्षेत्र हमेशा से ही शिवसेना का मजबूत गढ रहा है. अत: इस बार भी यह सीट शिवसेना के ही हिस्से में रहनी चाहिए. परंतु भाजपा ने अमरावती संसदीय सीट को अपने हिस्से में रखते हुए पहली बार इस लोकसभा क्षेत्र से कमल चुनाव चिन्ह पर अपना प्रत्याशी खडा करने का निर्णय लिया. साथ ही जिले की मौजूदा निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को भाजपा ने अपना प्रत्याशी भी घोषित किया. इसके बाद से ही अडसूल परिवार ने महायुति में शामिल रहने के बावजूद भी खुद को अमरावती संसदीय सीट के लिए होने वाले प्रचार से दूर कर लिया. यहीं वजह है कि, नवनीत राणा के नामांकन से लेकर अब तक चल रही चुनाव प्रचार के दौरान अडसूल पिता-पुत्र कही पर भी दिखाई नहीं दिये है. ऐसे में राणा दम्पति ने राम नवमी का औचित्य साधते हुए आज सुबह अचानक ही अडसूल परिवार के नवसारी परिसर स्थित निवासस्थान पर भेंट दी. इस समय पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल तो अपने आवास पर मौजूद नहीं थे. क्योंकि वे पार्टी एवं चुनाव प्रचार से संबंधित कामों के लिए मुंबई गये हुए है. ऐसे में पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने अपनी पत्नी के साथ राणा दम्पति की अपने आवास पर अगुवानी की. साथ ही उनका यथोचित आदर-सत्कार भी किया. वहीं राणा दम्पति ने भी अभिजीत अडसूल और उनकी पत्नी का भगवा दुपट्टा पहनाकर व पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया. इस समय राणा दम्पति ने अभिजीत अडसूल के साथ बातचीत करते हुए उन्हें इस बात के लिए मनाने का प्रयास किया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गये नारे ‘अबकी बार 400 पार’ को साकार करने के लिए सभी का साथ रहना और मिलजुलकर काम करना बेहद जरुरी है. अत: महायुति में शामिल रहने के नाते अडसूल पिता-पुत्र द्वारा भी भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा के पक्ष में प्रचार किया जाये और नवनीत राणा की जीत के लिए सभी लोग मिलजुलकर प्रयास करे. वहीं अभिजीत अडसूल ने इस समय बेहद शांत व संयत भूमिका अपनाते हुए कहा कि, वे अब तक अमरावती संसदीय सीट हेतु होने जा रहे चुनाव को लेकर ‘स्टैंड बाय मोड’ पर रहे है. चूंकि अब राणा दम्पति खुद चलकर उनके घर तक आये है, तो वे इस बारे में अपने पदाधिकारी के साथ मिलकर सकारात्मक तौर पर चर्चा एवं विचार-विमर्श करेंगे और इस विमर्श के जरिए जो कुछ भी परिणाम निकलकर सामने आएगा, उस हिसाब से अपने आगे की भूमिका भी तय करेंगे.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव हेतु आगामी 26 अप्रैल को मतदान होना है. जिसमें अब बमुश्किल 10 दिन का समय शेष है. साथ ही चुनाव प्रचार की अवधि खत्म होने में महज 8 दिन का समय बचा हुआ है. ऐसे महत्वपूर्ण व नाजूक समय पर जहां एक ओर राणा दम्पति जहां अकस्मात अपनी भूमिका में आश्चर्यजनक बदलाव करते हुए अडसूल परिवार के सामने झूकने में अपनी भलाई समझी है. वहीं अडसूल पिता-पुत्र ने फिलहाल राणा दम्पति को अपनी ओर से कोई आश्वासन नहीं दिया है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, राणा दम्पति की अडसूल परिवार के घर पर दी गई इस भेंट का आगे चलकर क्या परिणाम निकलता है.
* घर पर कोई भी मेहमान आये, तो स्वागत करना हमारी परंपरा
अपने आवास पर स्वागत करने के उपरान्त मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल ने स्पष्ट तौर पर कहा कि, कोई यदि खुद चलकर उनके घर तक आता है, तो उसका यथोचित आदर-सत्कार करना उनके घर की परंपरा व संस्कृति है. जिसके मुताबिक उन्होंने अपने आवास पर राणा दम्पति का यथोचित आदर-सत्कार किया. लेकिन जहां तक राजनीतिक भूमिका का मसला है, तो वे अब तक ‘स्टैंड बाय मोड’ पर है और अब अपने पदाधिकारियों के साथ मिलकर इस बारे में सकारात्मक ढंग से विचार-विमर्श करेंगे. इसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे. इस समय जब अभिजीत अडसूल से यह जानने का प्रयास किया गया कि, चूंकि अब राणा दम्पति आपके निवासस्थान पर आपसे सहयोग मांगने पहुंचे है, तो क्या आप और आपके पिता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल द्वारा नवनीत राणा का प्रचार किया जाएगा, तो अभिजीत अडसूल का कहना रहा कि, कौन प्रचार करता है और कौन नहीं, इससे कोई विशेष फर्क नहीं पडता. जहां तक आनंदराव अडसूल का सवाल है, तो वे शिवसेना के वरिष्ठ नेता होने के नाते इस समय महायुति के प्रत्याशियों के प्रचार हेतु पूरे राज्य के दौरे पर है और काफी व्यस्त है. अत: वे अमरावती में प्रचार हेतु आप आएंगे अथवा नहीं, इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता.
* जो राम को लाये है, हम उनको लाने के लिए एकसाथ
वहीं इस समय विधायक रवि राणा ने कहा कि, इस वक्त देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सख्त जरुरत है. क्योंकि जो राम को लाये है, उन्हें एक बार फिर देश की सत्ता में लाना बेहद जरुरी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए भगवान श्रीराम के प्रति आस्था रखने वाले और हिंदुत्व की विचारधारा पर चलने वाले सभी लोगों का एकसाथ आना बेहद जरुरी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने और भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा ने आज राम नवमी के अवसर पर शिवसेना नेता व पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के निवासस्थान पर भेंट दी. ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके. यद्यपि पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल बाहरगांव रहने के चलते उनसे मुलाकात नहीं हो पायी. लेकिन उनके बेटे व पूर्व विधायक अभिजीत अडसूल से उनकी काफी अच्छी चर्चा हुई है. जिसके चलते उन्हें पूरा विश्वास है कि, इस बात के चुनाव में उन्हें अडसूल पिता-पुत्र का पूरा साथ व सहयोग मिलेगा.
* पूर्व विधायक श्रीकांत देशपांडे ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
दैनिक अमरावती मंडल केा इस संदर्भ में विश्वसनीय सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक राणा दम्पति और अभिजीत अडसूल की मुलाकात कराते हुए उनका मनोमिलन करवाने में पूर्व शिक्षक विधायक व सेना नेता प्रा. श्रीकांत देशपांडे ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ऐसा पता चला है. श्रीकांत देशपांडे ने ही दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करते हुए सुलह सफाई करवाने हेतु पहल की. जिसके चलते राणा दम्पति ने अडसूल के घर पर जाने और अभिजीत अडसूल ने अपने घर पर राणा दम्पति की अगुवानी करने का निर्णय लिया.