संस्कार भारती की सतत 23वीं पाडवा पहाट शानदार
हनुमान चालीसा पर युवा कलाकारों के नृत्य ने किया स्तब्ध
175 कलाकारों की जोरदार प्रस्तुति, उतना ही दमदार उत्स्फूर्त दाद
व्यंकटेश लॉन में अलसुबह उमडे कलाप्रेमी
अमरावती/दि.22- संस्कार भारती ने पाडवा पहाट की परंपरा सतत 23वें वर्ष अबाधित रखी. भारतीय नववर्ष का स्वागत आनंददायी और अभिनव पद्धति से करते हुए सृष्टिसृजन का नववर्ष के पहले दिन नृत्य, नाट्य, संगीत, साहित्य, रंगोली आदि विविध विधाओं में सशक्त प्रस्तुतियों में लगभग 175 कलाकारों ने अमरावती के कलारसिकों की उत्स्फूर्त दाद हासिल की. अविजात भारतीय कला परंपरा से सीख ग्रहण करते हुए प्रस्तुति देने की संस्कार भारती की परंपरा है. इस वर्ष पाडवा पहाट में कुछ पौराणिक तथा ऐतिहासिक घटनाओं का उद्ध्रण कर अत्यंत सुंदर कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया.
हमारी परंपरा में स्त्री का पूजनीय स्थान रहने का प्रतिपादन करते हुए, अंबादेवी के ‘आम्ही अंबेचे गोंधळी’ सुंदर गोंधल की प्रस्तुति दी गई. महाभारत में द्रोणाचार्य व एकलव्य के प्रसंग से गुरु-शिष्य संबंधों पर उद्बोधन लघु नाटिका से करने का प्रयत्न हुआ. अमरावती के प्रख्यात कवि, संगीतकार पं. मनोहर कविश्वर के ‘विमोह त्यागून कर्मफलांचा’ इस गीत पर प्रा.डॉ.मोहन बोडे ने नृत्य प्रस्तुत किया. सभी ने वाह-वाह की. अप्रतिम कहकर नवाजा. स्वातंत्र्य वीर सावरकर के परिवार के अभूतपूर्व त्याग व बलिदान पर ‘येसू वहिनींच्या’ मनोभाव की भावपूर्ण प्रस्तुति रसिका वैष्णव ने दी.
उपरांत बारी आई विनोदी प्रहसन की. प्रचलित माध्यम घटना का कैसे विपर्यास करते है, यह एक प्रहसन से दर्शाया गया. पश्चात ‘वृक्ष वल्ली आम्हा सोयरे’ यह निसर्ग संवर्धन का संदेश देनेवाले संत तुकाराम का अभंग के माध्यम से पर्यावरण रक्षण का संदेश दिया गया. हनुमान चालीसा पर युवा कलाकारों के अत्यंत जोशपूर्ण नृत्य ने सभी को चकित कर दिया,स्तब्ध कर दिया. उल्लेखनीय है कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का श्रीगणेश ‘साधयती संस्कार भारती भारते नवजीवनम’ के ध्येयगीत से हुआ. महर्षी वाल्मिकी का वाल्या डाकू से महर्षी वाल्मिकी में रुपांतरित होने का नाट्यपूर्ण प्रवास दिखाया गया.
नृत्य निर्देशक प्रकाश मेश्राम के मार्गदर्शन में पेश हुए नृत्याविष्कार में मेघा चौधरी, नंदिनी गोंडाने, आस्था मासोदकर, सीमंतिनी सदार, अंजली गावंडे, कादंबरी जमदाडे, मैत्रीयी कोलवाडकर, रिदम शाह, मधुरा मांडवगणे, सौम्या सबनीस, रिया गुप्ते, सरगम शाह, खुशी भिलकर, आस्था गणोरकर, सावनी सामंदेकर, आर्या गडवाल, हर्ष कुकडे, भूषण राउत, सारंग घाडगे, प्रतिक तारले, शुभम सुदा, यश पांडे, निशांत लोखंडे, रिषभ शिरसाट, आस्था जोंधलेकर, इशानी बोरकर, तीशा अडिकणे, सौम्या खैरनार, पृथ्वी तसरे, तिशा सूने,ओवी राऊत,लभिका देशमुख,सिद्धी काले आदि का सहभाग रहा. नृत्य दिग्दर्शिका विद्या सावले के मार्गदर्शन में स्वराज्ञी देशपांडे, माही मोहोड, कादंबरी कडू,शरण्या वानखेडे, नेतल सोमाणी, मानवी हांडे, सानवी मांजरे, शांभवी भोयर, अद्विका सुने, अनन्या शेटे,गरिमा सुदा,राधिका जोशी,आरंभी कारंजकर, विरा गंजीवाले, भूमी चांडक, स्वरा गग्गड, लावण्या वैश्य, हार्दिका मालवे, अनन्या काकडे, अनुष्का गायकवाड, वैदेही तांबसकर, रश्मी आपटे, उत्कर्षा करंजकर,आरोही लोकरे,आस्था झाडे, संस्कृती पाडर, नारायणी खिरे, लावण्या ठाकरे, परिणीती मांडले, दृष्टी केवलरमानी, मंजिरी मोरे व कुसुम सावले ने भाग लिया. युवा नृत्यदिग्दर्शिका वैभवी बोडे के मार्गदर्शन में प्रस्तुत नृत्याविष्कार में श्रद्धा प्रधान,जान्हवी परदेशी,आस्था फसाटे,तन्वी बोरकर,तेजस्विनी दलाल,कल्याणी मानकर,प्रतीक्षा शिरसाट,अंजली डाखोरे,धनश्री काशीकर,ओवी मेन,परी जवळकर, सुवर्णा देशमुख,गौरी प्रधान,राधा राठोड,अदिती इंगोले, सुरैया पंजाबी,अवंतिका धांडे,ईशा हिरुलकर,सुवर्णा बोरखडे,धनश्री लबडे,स्वराली अडगावकर,भाविका शिरभाते,सोनाली श्रीवास,शर्वरी गोले,अनुराधा कोलगडे,मृण्मयी माईनकर,अक्षदा बोडे,पूजा बोडे,पूजा देव,मैथिली जोशी, श्रावणी हिरुलकर, उत्कर्षा करमरकर,स्वराली देशमुख,अंबिका तिरथकर, साहिल तायडे,क्षितिज कोवे,जानराव देहाडे,हर्षित बोडे, वैभव खडसे आदि सहभागी रहे. प्रसाद खरे के निर्देशन तथा श्रीधर चोपडे, सुमित डोरले, ओंकार थेटे, सिद्धी देशपांडे, माधुर्य ठाकरे, अथर्व शालिग्राम,वैभव देशमुख,निलेश दगदाले,अभय नवाथे, योगेश जाधव, अनुराग वारेकर, गौरव काले, मैत्रेयी कोलवाडकर, श्री धानोडकर, हर्षवर्धन सावरकर, देवांश सावरकर का सहभाग जोरदार रहा.
कार्यक्रम के सुरीले गीत संस्कार भारती की संगीत विधा के निषाद फणसालकर,आदित्य खारोकर,शुभम पांडे,केतकी मोहदरकर,श्रिया वटक,मिताली मराठे,पुष्करणी देशपांडे,मधुरा देशपांडे ने प्रस्तुत की. उन्हें संगीत की दमदार साथ ऍड श्रेयस वैष्णव के संयोजन में परिमल जोशी( किबोर्ड), प्रशांत ठाकरे (ऑक्टोपेड),स्वप्नील सरदेशमुख( तबला),सर्वेश पाठक (मृदुंग),गौरव गजभीये(मायनर),वेदांत अग्निहोत्री(तबला),जानराव देहाले (बासरी),जगदीश बोडे (व्हायोलिन) व प्रा योगेश बोडे (सतार) ने सहयोग किया.
* रंगोली से सुशोभित
कार्यक्रम परिसर संस्कार भारती की रांगोली से सुशोभित किया गया. तदहेतु दीपक जोशी,संध्या देवले,विदुला जोशी,मुक्ता खापरे,प्रदीप जोशी,स्नेहल सरोदे,तनिष्का कुर्वाने,निमा देशपांडे,विजय शेलुकर,अनिता शेलूकर,मुकेश वसमतकर व राजन सामदेकर ने परिश्रम किया.
* मान्यवरों के हस्ते गुढी का पूजन
नूतन संवत्सर के सूर्योदय होते ही गुढी का मान्यवरों के हस्ते पूजन किया गया. इस समय डॉ. सुरेश सावदेकर,सौ सुमंगला सावदेकर व डॉ हृषिकेश सावदेकर, संस्कार भारती विदर्भ प्रांत अध्यक्ष सुरमणी कमलताई भोंडे,पश्चिम क्षेत्र प्रमुख अजय देशपांडे,अमरावती महानगर अध्यक्ष प्रा डॉ जयश्री वैष्णव,मंत्री आशुतोष देशपांडे उपस्थित थे.
अभ्यासपूर्ण व सहज निवेदन श्रीकांत पुंडलिक व रसिका वैष्णव ने किया. गुढीपूजन कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन प्रा. सीमा पेलागडे ने किया. सर्वांगसुंदर कार्यक्रम हेतु स्थानीय टीम कार्तिक सामदेकर,विदुला जोशी, वसमतकर,प्रा मोहन काटे,राधा काटे,भारती देशपांडे,सीमा पेलागडे,आशुतोष देशपांडे, सुनिती देशपांडे,अरुण विधाते,प्रा डॉ मोहन बोडे, ऍड मिलिंद वैष्णव, प्रा. सोनाली शिलेदार, प्रा. डॉ. मीनल भोंडे, अमृता वडवेकर, अजित वडवेकर, अमृता वटक आदि के प्रयास रहेें.