अमरावतीमहाराष्ट्र

कुछ उद्योग बंद, कुछ बाहर गए

जिला बडे प्रकल्पो की प्रतिक्षा में

* औद्योगिक विकास के अभाव में रोजगार निर्मिती ठंडे बस्ते में


अमरावती/दि.23– अमरावती जिले में पिछले 10 साल से केवल घोषणा के ही उद्योग शुरु है. इन 10 वर्षो की अवधि में अनेक नई घोषणा की गई. लेकिन इसमें से कोई भी घोषणा पूर्ण नहीं हुई है. कुछ माह पूर्व घोषित हुआ पीएम मित्रा टेक्सटाईल पार्क अभी साकार होने तैयार नहीं है. रेलवे वैगन दुरुस्ती कारखाना भी पूर्ण होने की प्रतीक्षा कर रहा है. संतरे के लिए घोषित किया गया सिट्रस इस्टेट अभी भी शुरु नहीं हुआ है. ऐसी अनेक रोजगार निर्मिती की घोषणाएं केवल कागजो पर है और उसका काम ठंडे बस्ते में पडा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक सेना दल को आयुध की आपूर्ति करनेवाला बीडीएल कारखाना हैद्राबाद ले जाया गया. अच्छी तरह शुरु हुई फिनले मील कोरोनाकाल से बंद है. पीएम मित्रा टेक्सटाईल पार्क के कारण करीबन 10 हजार करोड का निवेश आनेवाला है और तीन लाख लोगों को रोजगार मिलेगा, ऐसा कहा जाता है.

जुलाई 2023 में केंद्रीय वाणिज्य व उद्योगमंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उद्योगमंत्री उदय सामंत की उपस्थिति में मुंबई में इन प्रकल्पो की नीव रखी गई. पश्चात सितंबर 2023 में इस प्रकल्प का स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष में कामकाज शुरु होगा, ऐसा उद्योगमंत्री उदय सामंत ने अमरावती में आकर कहा था. इतनाही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आएंगे, ऐसा भी सामंत ने कहा था. लेकिन अब तक कोई मुहूर्त नहीं निकला है, ऐसी इन प्रकल्पो की अवस्था है. टेक्सटाईल पार्क के लिए कुछ कंपनियों के साथ सामंजस्य करार भी किया गया लेकिन किसी ने भी नांदगांव पेठ एमआईडीसी पहुंचकर किसी भी काम की शुरुआत नहीं की है. इन प्रकल्प के लिए नांदगांव पेठ में 1020 एकड जमीन चाहिए. अधिकांश जमीन अधिग्रहित की गई है. शेष जमीन के अधिग्रहन की प्रक्रिया शुरु है. प्रकल्पो के लिए लगनेवाली सडक, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधा पहले से ही यहां उपलब्ध है. अचलपुर की फिनले मिल नेशनल टेक्सटाईल कार्पोरेशन लिमीटेड की तरफ से शुरु की गई थी. कपास से धागा, धागे से कपडा ऐसा इस मिल का स्वरुप है. वर्ष 2008 में फिनले मिल का कामकाज शुरु हुआ. 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के हाथों प्रत्यक्ष कारखाने का शुभारंभ हुआ. तीन शिफ्टो में यहां कामकाज होने लगा. करीबन 1500 मजदूर और कर्मचारी यहां कार्यरत थे. गांव में ही अच्छा रोजगार मिलने की खुशी अनेको को थी. लेकिन अब वह खत्म हो गई है. मार्च 2019 में फिनले मिल का कामकाज बंद पड गया.

* कपास और संतरा उद्योग की भी अनदेखी
किसान यह केवल खेती करनेवाला न रहे तथा नए तकनीकी ज्ञान से वह खेती को उद्योग का दर्जा दे, ऐसा बार-बार कहा जाता है. कपास और संतरा इस इलाके की मुख्य फसल है. इस कारण इससे पूरक उद्योग और व्यवसाय बढाना अधिक आसान है. ऐसी स्थिति में संतरा प्रक्रिया केंद्र की बार-बार घोषणा की गई. लेकिन अब तक उसकी शुरुआत नहीं हुई.

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