सिलैबस अधूरा, दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों की बढी चिंता
अभिभावक कर रहे 25 फीसदी सिलैबस कम करने की मांग
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परीक्षा का स्वरूप भी स्पष्ट किये जाने की बात उठ रही
अमरावती / प्रतिनिधि दि.4 – ऑनलाईन शिक्षा की वजह से जारी शैक्षणिक सत्र में सिलैबस की पढाई पूर्ण नहीं हो पायी और अब भी 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम की पढाई होना बाकी है. साथ ही प्रैक्टिकल और रिविजन के लिए अब बेहद कम समय बचा हुआ है. ऐसे में इस बार कक्षा दसवीं व बारहवीं में रहनेवाले विद्यार्थियों में शालांत परीक्षा को लेकर काफी तनाव देखा जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि करिअर की दृष्टि से दसवीं व बारहवीं के अंकों को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में जारी शैक्षणिक सत्र में परीक्षा देनेवाले विद्यार्थियों सहित उनके अभिभावकों में जबर्दस्त चिंता व्याप्त है और अभिभावकोें द्वारा शिक्षा मंडल से मांग की जा रही है कि, पाठ्यक्रम में और भी 50 फीसदी की कमी की जाये. ज्ञात रहें कि, कोरोना की वजह से जारी शैक्षणिक सत्र में विगत जून माह से ही सभी शालाएं व महाविद्यालय बंद पडे है और ऑनलाईन पढाई-लिखाई चल रही है. पश्चात कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने पर नवंबर माह से ऑनलाईन की बजाय ऑफलाईन यानी प्रत्यक्ष कक्षाएं लगनी शुरू हुई. उस समय कई विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों को बताया कि, उन्हें ऑनलाईन पढाई बिल्कूल भी समझ में नहीं आयी और वे विषयों को समझ ही नहीं पाये. ऐसे में विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए शिक्षकों ने ऑफलाईन कक्षाओं में सभी विषयों की पढाई को दोबारा शुरूआत से पढाना शुरू किया. वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण की वजह से मची हडबडी के चलते सरकारने पहले 25 फीसदी पाठ्यक्रम को कम करने का निर्णय लिया तथा शेष 75 फीसदी सिलैबस में से अब तक केवल 45 फीसदी सिलैबस पूर्ण हुआ है. ऐसी जानकारी विभिन्न महाविद्यालयों से सामने आयी है. ऑफलाईन के साथ-साथ ऑनलाईन पढाई भी चल रही है. लेकिन ऑनलाईन पढाई का भी अपना सीमित दायरा है और विद्यार्थी लगातार कितनी देर तक ऑनलाईन रह सकते है, यह भी अपने आप में एक बडा सवाल है. ऐसे में इस समय सभी विषयों के शेष बाकी रहे सिलैबस को पूर्ण करना अपने आप में एक बहुत बडी चुनौती है. जिसकी वजह से परीक्षा के लिहाज से पढाई को पूर्ण करना काफी मुश्किल माना जा रहा है. जिसके मद्देनजर विद्यार्थियों एवं अभिभावकों द्वारा मांग की जा रही है कि, पाठ्यक्रम में और भी 25 फीसदी सिलैबस को कम किया जाये. साथ ही साथ परीक्षा के स्वरूप से ली जायेगी, यह भी स्पष्ट किया जाये.
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संभ्रम दूर हो
कई अभिभावकों की मांग है कि, सरकारने कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षाओं को ऑफलाईन लेने का फैसला किया है. लेकिन अब तक परीक्षा के स्वरूप को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. ऐसे में जल्द से जल्द यह स्पष्ट किया जाये कि, ये परीक्षाएं वर्णनात्मक या एमसीक्यू यानी वस्तुनिष्ठ बहुपर्यायी में से किस पध्दति से ली जायेंगी, यह स्पष्ट करना चाहिए.
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अमरावती संभाग में विद्यार्थी संख्या
कक्षा 10 वीं – 1,64,632
कक्षा 12 वीं – 1,37,569