नियमित जलापूर्ति के लिए 900 करोड के कामों की निविदा प्रक्रिया शुरु
आचार संहिता के खत्म होते ही शुरु होगा काम
* मौजूदा पाइपलाइन के समांतर डाली जाएगी नई पाइपलाइन
* काम जारी रहते समय अमरावती शहर की जलापूर्ति नहीं होगी बंद
* काम पूरा होते ही रोजाना की जाएगी नियमित जलापूर्ति
अमरावती/दि.8 – विगत लंबे समय से अमरावती शहर की जनता को महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा एक दिन आड की जलापूर्ति की जा रही है. साथ ही नागरिकों द्वारा अक्सर यह शिकायत भी की जाती है कि, उनके घरों में नलों से आने वाले पानी की धार बेहद कम होती है. जिसकी वजह से उन्हें उनकी जरुरत के हिसाब से पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता. इस बात को ध्यान में रखते हुए स्थानीय विधायक सुलभा खोडके द्वारा वर्ष 2019 से ही अमरावती शहर में नियमित जलापूर्ति उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रयास करने शुरु कर दिये गये है तथा इन्हीं प्रयासों के बदोलत अब 900 करोड रुपए के कामों का प्रस्ताव बनकर तैयार है तथा इन कामों की निविदा प्रक्रिया भी जलभग पूरी हो चुकी है. साथ ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होते ही सिंभोरा बांध से अमरावती शहर के तपोवन स्थित जलशुद्धिकरण केंद्र तक नई पाइपलाइन डालने का काम शुरु हो जाएगा. जिसके पूरा होते ही सिंभोरा बांध से अमरावती तक बिना किसी तकलीफ व दिक्कत के पूरी क्षमता के साथ पानी भेजना संभव हो सकेगा. जिसके चलते यह काम पूरा हो जाने के बाद अमरावतीवासियों को एक दिन आड की बजाय रोजाना नियमित तौर पर पानी मिल सकेगा.
इस संदर्भ में दैनिक अमरावती मंडल को विशेष तौर पर जानकारी देते हुए विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, अमरावती शहर में 1 लाख 10 हजार नल कनेक्शनधारकों को जलापूर्ति करने हेतु सिंभोरा बांध से अमरावती तक कई वर्ष पहले डाली गई भूमिगत पाइपलाइन जीर्ण-शीर्ण हो गई है. वहीं वजह है कि, आये दिन इस पाइपलाइन में कहीं न कहीं लिकेज हो जाता है. जिसे दुरुस्त करने के लिए इससे पहले कई बार अमरावती शहर की जलापूर्ति को बंद भी रखना पडा और लोगों को इसकी वजह से तकलीफें भी हुई. ऐसे में मौजूदा जरुरतों के साथ ही वर्ष 2055 तक होने वाली जनसंख्या वृद्धि और उस समय की पानी संबंधी जरुरतों को देखते हुए विगत 3-4 वर्षों से लगातार जीवन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ चर्चा एवं बैठक करते हुए सिंभोरा से अमरावती तक डाली गई भूमिगत पाइपलाइन को बदलने के काम का प्रस्ताव तैयार किया गया. जिसे मंजूर और निधि मिलने हेतु राज्य सरकार के समक्ष पेश किया गया. साथ ही राज्य सरकार द्वारा इसे अपनी कुछ सिफारिशोें के साथ केंद्र सरकार को भेजा गया, ताकि इस काम के लिए अमृत योजना के तहत भी निधि उपलब्ध कराई जा सके.
विधायक सुलभा खोडके के मुताबिक 900 करोड रुपयों की लागत वाले इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है. साथ ही इसकी निविदा भी जारी हो चुकी है तथा इस समय इस काम की निविदा प्रक्रिया चल रही है. चूंकि इस समय लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू है. ऐसे में निविदा प्रक्रिया को लेकर काम आगे नहीं बढ सका. वहीं आचार संहिता के खत्म होते ही निविदा प्रक्रिया को पूरा करते हुए योग्य निविदाधारक को कार्यारंभ आदेश देकर इस काम को शुरु कर दिया जाएगा. विधायक सुलभा खोडके ने यह भी बताया कि, सिंभोरा बांध से अमरावती तक बिछाई गई मौजूदा भूमिगत पाइपलाइन के अगल-बगल में जीवन प्राधिकरण की काफी जमीन है. ऐसे में सिंभोरा से अमरावती तक मौजूदा पाइपलाइन के सामांतर ही नई पाइपलाइन डाली जाएगी, ताकि पाइपलाइन डालन के काम की वजह से अमरावती की जलापूर्ति एक दिन के लिए भी बंद न हो. साथ ही नई पाइपलाइन डाले जाने का कार्य पूरा होते ही अमरावती शहर में पहले की तरह रोजाना नियमित तौर पर पूरी क्षमता के साथ जलापूर्ति करनी शुरु कर दी जाएगी.
बता दें कि, अमरावती शहर में अमृत योजनांतर्गत 61 दशलक्ष लीटर का जलशुद्धिकरण केंद्र रहने के साथ ही 11 जलकुंभ भी तैयार किये गये है. परंतु इन जलकुंभों में पर्याप्त जल का संग्रहण करना मजीप्रा के लिए काफी हद तक असंभव साबित हो रहा है. क्योंकि अपर वर्धा से तपोवन तक 28 वर्ष पहले डाली गई जलवाहिणी अब पूरी तरह से जीर्ण-शीर्ण हो गई है. इस जलवाहिणी के जरिए ही 4 पंपों के द्वारा पानी को अपर वर्धा बांध से तपोवन स्थित जलशुद्धिकरण केंद्र तक लाया जाता है. वहीं यदि अपर वर्धा बांध से अतिरिक्त पानी छोडने के लिए एक भी अतिरिक्त पंप लगाया जाये, तो पानी के दाब की वजह से पाइपलाइन फूट जाती है. वहीं इन दिनों गर्मी का मौसम रहने के चलते पानी की अतिरिक्त मांग होती है. जिसकी वजह से पानी की आपूर्ति काफी हद तक अपर्याप्त व अत्यल्प साबित होती है. सर्दी एवं बारिश के मौसम दौरान मजीप्रा द्वारा अमरावती शहरवासियों को 130 से 135 दशलक्ष लीटर जलापूर्ति की जाती है. वहीं गर्मियों के मौसम दौरान रोजाना 150 दशलक्ष लीटर जलापूर्ति की जरुरत होती है. परंतु मजीप्रा के लिए यह फिलहाल रोजाना इतनी जलापूर्ति करना संभव नहीं है. ऐसे में उंचाई वाले क्षेत्रों में कम दाब निर्माण होकर वहां तक पानी नहीं पहुंच पाता. जिसके चलते शहर के कई इलाकों में कृत्रिम जलसंकट तैयार होता है.
इन्हीं तमाम बातों के मद्देनजर अमरावती की विधायक सुलभा खोडके ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचित होने के बाद अमरावती शहर में नियमित जलापूर्ति उपलब्ध कराने की ओर ध्यान देना शुरु किया. जिसके तहत विधायक सुुलभा खोडके ने मजीप्रा के स्थानीय मुख्य अभियंत्रा सहित अन्य अधिकारियों से कई दौर की चर्चा व बैठक की. जिसके उपरान्त अमरावती शहर को रोजाना नियमित तौर पर जलापूर्ति करने हेतु सिंभोरा बांध से अमरावती तक मौजूदा पाइपलाइन के समांतर नई पाइपलाइन डालने का प्रस्ताव तैयार किया गया और इस प्रस्ताव को मंजूरी व निधि मिलने हेतु राज्य सरकार के पास भेजा गया. चूंकि केंद्र सरकार द्वारा भी शहरी इलाकों में नियमित व पर्याप्त जलापूर्ति हेतु अमृत योजना चलाई जा रही है. ऐसे में राज्य सरकार ने इस कार्य के लिए केंद्र सरकार की ओर से हिस्सा मिलने हेतु इस प्रस्ताव को अपनी सिफारिशों के साथ केंद्र सरकार के पास भी भेज दिया. केंद्र एवं राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस काम की निविदा प्रक्रिया भी शुरु हो गई. जिस पर इसी दौरान लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाने के चलते फिलहाल ब्रेक लगा हुआ है और आचार संहिता के खत्म होते ही निविदा प्रक्रिया को पूरी कर कार्यारंभ आदेश जारी करते हुए सिंभोरा से अमरावती तक नई पाइपलाइन डालने का काम शुरु कर दिया जाएगा.
* विगत अनेक वर्षों से अमरावतीशहरवासी एक दिन आड व अपर्याप्त जलापूर्ति का सामना कर रहे है. इस बात को ध्यान में रखते हुए सिंभोरा से अमरावती तक नई पाइपलाइन डालने का काम जल्द ही शुरु हो जाएगा और आगामी एक वर्ष के भीतर यह काम पूरा करते हुए अमरावती शहर में रोजाना नियमित व पर्याप्त जलापूर्ति की जाएगी.
– सुलभा खोडके,
विधायक, अमरावती.