‘उन’ तीनों के परिवार हुए बेसहारा
तीनों युवक थे अपने परिवारों के कर्ता पुरुष
* तीनों युवकों के पिता का पहले ही हो चुका है निधन
* तीनों को उनकी माताओ ने पढा लिखाकर बनाया था योग्य
* तीनों की आपस में थी घनिष्ठ मित्रता, तीनों की एकसाथ हुई मौत
अमरावती/दर्यापुर/दि.3 – गत रोज दर्यापुर तहसील में लासूर फाटे के निकट दो कारों की आमने-सामने हुई भिडंत में आनंद बाहेकर (26, सांगलुदकर नगर, दर्यापुर), विनित गजानन बिजवे (38, साई नगर, दर्यापुर) व प्रतीक माधवराव बोचे (36, सांगलुदकर नगर, दर्यापुर) की दर्दनाक मौत हो गई. वहीं इस हादसे में इन तीनों के एक दोस्त सहित दूसरे वाहन में सवार अग्रवाल पिता-पुत्र बुरी तरह घायल हुए. इस हादसे में मृत हुए तीनों युवकों के इस तरह आकस्मिक निधन से उन तीनों परिवारों ने अपने युवा कर्ता पुरुर्षों को खो दिया है. खास बात यह रही कि, इस हादसे का शिकार हुए आनंद, विनित व प्रतीक इन तीनों युवकों ने अपने पिताओं को काफी पहले ही अलग-अलग समय पर खो दिया था और तीनों को उनकी माताओं ने विपरित हालात से जुझते हुए पढा-लिखाकर बडा करते हुए योग्य बनाया था. लेकिन अब इन तीनों युवकों के इस तरह काल का शिकार हो जाने के चलते तीनों परिवार लगभग बेसहारा व अनाथ हो गये है.
जानकारी के मुताबिक प्रतीक बोचे के बचपन में ही उसके पिता की एक हादसे में मौत हुई थी. जब वे गणपतिपुले घूमने-फिरते हेतु गये थे. इसके बाद दर्यापुर की आदर्श हाईस्कूल में शिक्षिका रहने वाली प्रतिक की मां सूचित बोचे ने प्रतीक को पिता की कमी महसूस नहीं होने दी. और उसे पढा-लिखाकर बडा किया. हाल ही में प्रतीक की मां सूचिता बोचे दर्यापुर की आदर्श हाईस्कूल से शिक्षिका के तौर पर सेवानिवृत्त हुई है. इस दौरान प्रतीक का विवाह भी हो गया और उसे एक वर्ष की छोटी बच्ची है. जिसका पहला जन्मदिन हाल ही में बोचे परिवार ने बडी धूमधाम के साथ मनाया था. लेकिन अब प्रतीक बोचे की गत रोज हुए हादसे में मौत हो जाने के चलते प्रतीक की तरह उसकी बच्ची के सिर से भी पिता का साया हट गया है.
इसी तरह गत रोज हुए हादसे में मारे गये विनित बिजवे के पिता का भी काफी अरसा पहले निधन हो गया था और उस समय विनित बिजवे काफी छोटा था. इन तीनों विनित बिजवे पंचायत समिति में काम किया करता था. जिसके परिवार में मां व एक बहन है. जिनकी पूरी जिम्मेदारी विनित बिजवे पर ही थी और अब विनित बिजवे की आकस्मिक मौत हो जाने के चलते उसकी मां व बहन पर दुखों का पहाड टूट पडा है. पता चला है कि, गत रोज जिस एमएच 27/डीई-6260 क्रमांक वाली कार में सवार होकर आनंद, विनित, प्रतीक व पप्पू नामक चार दोस्त दर्यापुर से अकोला की ओर जा रहे थे. वह कार विनित की ही थी.
इसके अलावा गत रोज हुए हादसे में मारा गया आनंद बाहेकर शिवाजी शिक्षा संस्था के आजीवन सदस्य भीमराव धर्माले का नाती था और आनंद के पिता की भी 5 वर्ष पहले मौत हो गई थी तथा उसके परिवार में मां व एक बहन है. मूलत: अकोला जिले के कानशिवणी से वास्ता रखने वाला आनंद बाहेकर अपने पिता की मौत के बाद दर्यापुर निवासी अपने नाना के यहां रहा करता था और गत रोज अपने दोस्तों के साथ अकोला की ओर जा रहा था. तभी बीच रास्ते में यह भीषण हादसा घटित हुआ.
* एयर बैग खुलने से बची अग्रवाल पिता-पुत्र की जान
जानकारी के मुताबिक हादसे के समय दोनों ही कारों की रफ्तार काफी अधिक थी और आमने-सामने की भिडंत होते ही दर्यापुर से अकोला की ओर जा रहे युवकों की क्रेटा कार काफी दूर फेंकी गई और क्रेटा कार में सवार चारों युवक भी कार से बाहर फेंके गये. जिसमें से आनंद बाहेकर, विनित बिजवे व प्रतीक बोचे की तो मौके पर ही मौत हो गई. वहीं सकलेन उर्फ पप्पू घानीवाले नामक युवक बाल-बाल बच गया. जिसे काफी गंभीर चोटे आयी है. वहीं दूसरी ओर हादसे के बाद ऑडी कार की सभी 6 एयर बैग के खुल जाने के चलते ऑडी कार में सवार आकाश अग्रवाल व रमेश अग्रवाल नामक पिता-पुत्र की जान बच गई. जबकि इस हादसे में दोनों वाहनों के अगले हिस्से टूट-फूट कर पूरी तरह से चकनाचूर हो गये थे.