अमरावती

समाज की बुरी प्रवृत्तियों को जड से नष्ट करने की जिम्मेदारी महिलाओं की ही है

संचालिका सुमय्या अली का प्रतिपादन

अमरावती/दि.8 – किसी भी सहायता की आशा न कर महिलाओं को सक्षम होना चाहिए. समाज की बुरी प्रवृत्तियों को जड से नष्ट करने की जिम्मेदारी महिलाओं की है. इसके लिए महिलाओं को कानून का ज्ञान आवश्यक है. ऐसा प्रतिपादन नारी शक्ति सेवा फाउंडेशन की संचालिका सुमय्या अली ने किया है.
वे श्री शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी. इस कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. रामेश्वर भिसे थे तथा प्रमुख अतिथि के रूप में वर्षा चिखले, डॉ. सुजाता सबाने, डॉ. अर्चना बोबडे, डॉ. वंदना देशमुख, डॉ. अर्चना बोबडे, डॉ. वंदना देशमुख, प्रा. कविता पाटिल यह प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
सुमय्या अली ने कहा कि आज प्रत्येक क्षेत्र में महिला आगे है. ऐसा होने पर भी समाज में महिलाओं से बुरा व्यवहार किया जाता है. आज महिलाओं की स्थिति पोले के बैल जैसी हो गई है उन्हें केवल एक ही दिन सम्मान दिया जाता है. इस अवसर पर डॉ. सुजाता सबाने ने भी अपने मनोगत व्यक्त किए. कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुवर्णा गाडगे ने किया.

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