खुद अपने हाथों पंडाल जलाकर हमें बदनाम करने की थी साजिश
सायंस्कोर मैदान से हटने को लेकर बोले विधायक बच्चू कडू
* प्रशासन व पुलिस पर फिर लगाये बेहद संगीन आरोप
* 26 को शहर सहित जिले के दंगे भडकने की संभावना भी जतायी
* बोले- हार तय देखकर बौखला गये राणा, कुछ भी कर सकते है
अमरावती/दि.24– वैसे तो पीछे हटना या रुक जाना मेरा स्वभाव नहीं है. लेकिन चूंकि इस समय चुनाव चल रहे है और हालांत बेहद नाजूक है. जिसे देखते हुए बीती रात मैंने दो कदम पीछे लेते हुए सायंस्कोर मैदान से हटने का फैसला लिया था. अगर हम वहां से नहीं हटते, तो हमारे विरोधियों द्वारा पंडाल को जलाकर हमें बदनाम करने का षडयंत्र रच लिया गया था और उस स्थिति में मुझे व दिनेश बूब को जेल में डालकर हमारे कार्यकर्ताओं का खून बहाने की तैयारी भी कर ली गई थी. इस आशय का सनसनीखेज प्रतिपादन प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व विधायक बच्चू कडू द्वारा किया गया.
बता दें कि, विधायक बच्चू कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी दिनेश बूब के चुनाव प्रचार हेतु 23 व 24 अप्रैल के लिए सायंस्कोर मैदान की बुकिंग की गई थी. जिसके लिए तमाम आवश्यक नियमों की पूर्तता करते हुए निर्धारित शुल्क भी अदा किया गया था. जिसके चलते 23 अप्रैल को विधायक बच्चू कडू अपने समर्थकों के साथ सायंस्कोर मैदान का ताबा लेने पहुंचे थे. परंतु वहां पर भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा की प्रचार सभा हेतु बनाया गया पंडाल मौजूद था. साथ ही पुलिस ने विधायक बच्चू कडू को यह कहते हुए सायंस्कोर मैदान के बाहर ही रोकने का प्रयास किया कि, प्रहार पार्टी को सायंस्कोर मैदान के प्रयोग हेतु दी गई अनुमति रद्द कर दी गई है. क्योंकि इस मैदान पर 24 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सभा होने जा रही है. यह सुनते ही विधायक बच्चू कडू ने उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे को जमकर खरीखोटी सुनाने के साथ ही अपने पास सायंस्कोर मैदान के आरक्षण की अनुमति से संबंधित रहने वाले दस्तावेज भी दिखाये और 23 व 24 अप्रैल के लिए सायंस्कोर मैदान पर अपना हक जताते हुए विधायक बच्चू कडू वहीं पर ठिया आंदोलन करते हुए बैठ गये. पश्चात शाम करीब 7 बजे के आसपास प्रशासन ने प्रहार जनशक्ति पार्टी को दी गई अनुमति को रद्द किये जाने से संबंधित पत्र विधायक बच्चू कडू को सौंपा. साथ ही उन्हें सायंस्कोर की बजाय जिला स्टेडियम से अपनी प्रचार रैली निकालने का पर्याय देते हुए इससे संबंधित अनुमति दी. पश्चात रात करीब 10 बजे के आसपास विधायक बच्चू कडू ने अपने समर्थकों से विचार विमर्श करने के बाद सायंस्कोर मैदान छोडा.
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर आज सुबह मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत करते हुए विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, स्थानीय जिला प्रशासन और शहर पुलिस पूरी तरह से सत्ता पक्ष के सामने झुक गये है और उन्हें खुली आंखों के सामने होने वाले गलत कृत्य भी दिखाई नहीं दे रहे है. कल ही सुबह जिला परिषद प्रशासन ने शहर पुलिस को पत्र जारी करते हुए सायंस्कोर मैदान पर भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा की ओर से लगाये गये पंडाल को हटाने हेतु पत्र जारी किया था. लेकिन इस पत्र के आधार पर उक्त पंडाल को हटाने की कार्रवाई करने की बजाय शहर पुलिस उसी पंडाल की रखवाली करते हुए खडी थी और हमें सायंस्कोर मैदान पर प्रवेश करने से रोका गया. जबकि उसी पत्र में साफ तौर पर उल्लेखित था कि, 23 व 24 अप्रैल के लिए सायंस्कोर मैदान हमारे लिए आरक्षित है. वहीं शाम होते होते उसी जिला परिषद प्रशासन ने हमें दी गई अनुमति को अकस्मात रद्द करते हुए भाजपा की सभा के लिए मैदान आवंटीत कर दिया. जिससे स्पष्ट होता है कि, सत्तापक्ष के दबाव में आकर प्रशासन और पुलिस द्वारा खुले तौर पर मनमानी की जा रही है.
इस समय विधायक बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, राणा दम्पति द्वारा अमरावती में हजार-हजार रुपयों का खुला बाजार सजाया गया और खुल आम विज्ञापनबाजी करते हुए बताया गया कि, उनके द्वारा निकाली जाने वाली हनुमान जयंती के रैली में आने वाले लोगों को 1000-1000 रुपए के कुपन दिये जाएंगे. यह धर्म का राजनीति के लिए बेहद निचले स्तर पर प्रयोग है. साथ ही किसी प्रत्याशी द्वारा खुल आम दिये जाने वाले इस प्रलोभन की ओर निर्वाचन विभाग का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. वहीं इस खर्च का चुनाव खर्च के ब्यौरे मेें समावेश भी नहीं किया गया है. इसके बावजूद भी जिला प्रशासन व निर्वाचन विभाग पूरी तरह से ‘अंधा, बहरा व गूंगा’ बना बैठा है. जिसे देखते हुए साफ तौर पर कहा जा सकता है कि, अमरावती के प्रशासनीक अधिकारी इस समय सत्ता पक्ष और राणा दम्पति के ‘पे-रोल’ पर रहकर काम कर रहे है.
मीडिया से बातचीत के दौरान विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, कल जो कुछ भी हुआ, वह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा आघात है. जिसे अमरावती की जनता ने बेहद गंभीरतापूर्वक लेना चाहिए और 26 अप्रैल को होने जा रहे मतदान के जरिए ऐसे लोगों को करारा जवाब भी देना चाहिए. विधायक बच्चू कडू ने केंद्रीय गृहमंत्री व अमरावती संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी पर चुनावी आचार संहिता सहित कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, किसी भी तरह का कानून तोडना यह भाजपा की संस्कृति नहीं है. लेकिन अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए राणा दम्पति और उनकी युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा इस तरह की हरकते करते हुए भाजपा को बदनाम करने का काम किया जा रहा है. लेकिन भाजपा पर राणा दम्पति ने ना जाने कौनसा जादूटोना कर दिया है कि, भाजपा को कुछ दिखाई नहीं दे रहा.
विधायक बच्चू कडू के मुताबिक चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अमरावती संसदीय क्षेत्र में 100 से अधिक प्रचार सभाओं को संबोधित किया. साथ ही सैकडों प्रचार रैलियों व पदयात्राओं में भी हिस्सा लिया. जिसके तहत समाज के सभी घटकों तक पहुंच बनाई गई और उन्हें समाज के सभी घटकों से जबर्दस्त प्रतिसाद भी मिला. ऐसे में प्रहार पार्टी की लगातार मजबूत होती स्थिति और प्रहार के प्रत्याशी की सुनिश्चित होती जीत को देखते हुए हमारे प्रतिस्पर्धी हमसे घबरा गये. यहीं वजह है कि, उन्होंने अपनी प्रचार सभा को जानबुझकर आगे धकेला, ताकि वे हमारी प्रचार सभा को होने से रोक सके. जिसके लिए पूरी सरकारी मशीनरी को खरीदकर काम पर लगाया गया.
* जबान संभालकर बात करें राणा, बर्दाश्त नहीं करुंगा
गत रोज की घटना को लेकर विधायक रवि राणा ने विधायक बच्चू कडू पर नौटंकी करने का आरोप लगाया था. जिसकी ओर ध्यान दिलाये जाने पर विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, विधायक रवि राणा खुद नौटंकीबाज है. यह बात पूरा जिला जानता है और वे हम पर नौटंकी का आरोप लगा रहे है, इससे बडी हास्यांस्पद बात क्या होगी. साथ ही विधायक बच्चू कडू ने विधायक राणा पर पैसों व सत्ता की गर्मी रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि, इस बार तो उन्होंने चुनाव रहने के चलते काफी कुछ बर्दाश्त कर लिया है. लेकिन आगे से विधायक रवि राणा ने उनके बारे में सोच-समझकर ही जबान चलानी चाहिए. क्योंकि अगर विधायक रवि राणा ने आगे चलकर उनके बारे में कुछ भी ऐसा-वैसा बोला तो वे विधायक राणा को छोडेंगे नहीं.
* जिलाधीश भाजपा के जिलाध्यक्ष व सीपी शहराध्यक्ष
इस बातचीत के दौरान विधायक बच्चू कडू ने प्रशासन एवं पुलिस को लेकर भी अपना जबर्दस्त गुस्सा प्रदर्शित करते हुए कहा कि, अमरावती के जिलाधीश एक तरह से भाजपा के जिलाध्यक्ष और शहर पुलिस आयुक्त भाजपा के शहराध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे है. जिनसे वे चुनाव निपट जाने के बाद अपनी स्टाइल में जरुर निपटेंगे. साथ ही अमरावती शहर सहित जिले में प्रशासन व पुलिस के आशीर्वाद से जो कुछ भी गलत काम चल रहे है. उन सभी को खोद-खोदकर उजागर करेंगे. विधायक बच्चू कडू ने स्पष्ट तौर पर आरोप लगाया कि, अमरावती शहर में पब व जुआ जैसे दो नंबर के कई धंधें पुलिस की देखरेख के तहत चल रहे है और जनप्रतिनिधियों के पास ऐसे सभी दो नंबर के धंधों के हफ्ते पहुंच रहे है. यहीं वजह है कि, सत्ता पक्ष से नजदीकी रखने वाले जनप्रतिनिधि द्वारा चुनाव में पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है.
* …तो अमरावती में बनेगी जंगलराज वाली स्थिति
विधायक बच्चू कडू के मुताबिक इस बार के चुनाव में जिस तरह से सरकारी मशीनरी का पैसों के दम पर दुरुपयोग करते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों की अवहेलना की गई. यदि ऐसा ही चलता रहा, तो आगे चलकर अमरावती में यूपी व बिहार जैसी जंगलराज वाली स्थिति बन जाएगी तथा यहां पर भी बाहुबलियों की तरह हम करे सो कायदा वाले हालात दिखाई देंगे. इस समय विधायक बच्चू कडू ने अपने पक्ष में बयान देने वाले शरद पवार एवं यशोमति ठाकुर सहित राकांपा व कांग्रेस के नेताओं के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि, न्यायप्रेमी लोगों को न्याय के पक्ष में खडे रहना बेहद जरुरी है.