अमरावती

बाघ के हमले से बाल-बाल बचा बैल

चिखलदरा में मोथा व मडकी गांव के बीच सडक पर शिकार

चिखलदरा/दि.23- पर्यटन नगरी कहलाई जानेवाली चिखलदरा में सोमवार को उस समय जबरदस्त दहशत मच गई, जब थोडी ही दूरी पर एक बाघ ने बैल पर हमला कर उसका शिकार करने का प्रयास किया. परंतु इस हमले में बैल मामूली रुप से जख्मी हुआ है. इस वारदात से स्पष्ट हो गया है कि जंगली जानवर अब दिन में भी मुख्य मार्ग पर विचरण करने लगे हैं.
* राहगीरों की चीख-पुकार से भागा बाघ
जानकारी के अनुसार चिखलदरा से 8 किमी अंतर पर स्थित धामणगांव गढी मार्ग पर मोथा रास्ते पर चारे की तलाश में भटक रहे एक बैल पर बाघ ने अचानक हमला कर दिया. बाघ के हमला करने से बैल नीचे गिर गया. संयोगवश उसी समय कुछ राहगीर परतवाडा में चिखलदरा अपनी बाइक से आ रहे थे. उनका उस बाघ की ओर ध्यान गया. इस तरह बाघ को बैल का शिकार करते देख यह राहगीर घबराहट के मारे चीख पडे. जिससे बाघ के पंजों से बैल का शिकार छूट गया और बाघ नीचे पहाडों की तरफ भाग गया. जिससे बैल की जान बच गई. इस बैल के पैरोें पर बाघ के पंजों से बडा घाव बन गया है.
* मोथा व मडकी समेत चिखलदरा में दहशत
मोटर साइकिल सवार शुभम देवकर ने घायल बैल की तस्वीर ली. लेकिन बाघ दूर जाने से घबराहट में बाघ की स्पष्ट तस्वीर नहीं ले पाए. दिल दहला देने वाली यह घटना सोमवार की दोपहर 4.30 बजे घटी. उल्लेखनीय है कि दिनोंदिन वन्य प्राणियों का मुख्य मार्ग पर विचरण बढता ही जा रहा है. यह घटना उसका प्रमाण है. जब यह खबर आग की तरह चिखलदरा व आसपास के इलाकों में फैली तो सभी थर्रा उठे. बरसोें बाद इस तरह बाघ ने दिन दहाडे सीधे मार्ग पर आकर शिकार करने का प्रयास किया है. जिससे इस मार्ग पर आने-जाने वालों में दहशत देखी जा रही है. खासकर मोथा व भडकी ग्रामवासी काफी भयभीत नजर आ रहे हैं. साथ ही वनविभाग से उपाय करने की गुहार लगा रहे हैं.

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