हर्षवर्धन की दांवेदारी से वर्धा में फंसा पेंच
राकांपा से चुनाव लडने की जुगत में है हर्षवर्धन
* कांग्रेस कर रही हर्षवर्धन व राकांपा की दांवेदारी का विरोध
* कांग्रेस के वर्धा जिलाध्यक्ष चांदूरकर ने राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे को लिया पत्र
अमरावती/वर्धा/दि.12 – राज्य के पूर्व मंत्री तथा शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख इस समय राकांपा के टिकट पर वर्धा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लडने हेतु पूरा जोर लगा रहे है तथा उन्होंने चुनाव की तारीखे घोषित होने से पहले ही अभी से अपने चुनावी दौरे व जनसंपर्क को शुरु कर दिया है. जिसके तहत उन्होंने बीते दिनों ही वर्धा संसदीय क्षेत्र में शामिल मोर्शी व वरुड सहित नांदगांव खंडेश्वर तहसील क्षेत्र में राकांपा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के सम्मेलन का आयोजन किया. लेकिन दूसरी ओर वर्धा संसदीय क्षेत्र को कांग्रेस की परंपरागत सीट बताते हुए आगामी चुनाव के समय भी गठबंधन के तहत वर्धा संसदीय सीट कांग्रेस के ही कोटे में रखे जाने की मांग करते हुए वर्धा जिले के कांग्रेसियों द्वारा इस सीट पर हर्षवर्धन देशमुख व राकांपा की दांवेदारी का विरोध किया जा रहा है. विगत कुछ दिनों से चल रहे इसी विरोध के तहत अब कांग्रेस के वर्धा जिलाध्यक्ष मनोज चांदूरकर ने सीधे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस संदर्भ में एक पत्र भेजा है.
जिसमें दैनिक अमरावती मंडल द्वारा पूर्व मंत्री हर्षवर्धन देशमुख के राकांपा प्रत्याशी के तौर पर वर्धा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडने की संभावना के बारे में सबसे पहले खबर प्रकाशित की गई थी. जिसमें स्पष्ट अंदेशा जताया गया था कि, हर्षवर्धन देशमुख की इस कोशिश का वर्धा में कांग्रेस पदाधिकारियों द्वारा व्यापक स्तर पर विरोध किया जा सकता है. दैनिक अमरावती मंडल का यह अंदेशा उस समय पूरी तरह से सच साबित हुआ. जब वर्धा जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज चांदूरकर ने इस विषय को लेकर सीधे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जून खरगे को एक पत्र भेज दिया. इस पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि, वर्धा जिला यह कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र है. क्योंकि यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कमर्र्भूमि है तथा वर्धा जिले के सेवाग्राम आश्रम से ही कांग्रेस ने देश के स्वाधिनता संग्राम का नेतृत्व किया था. साथ ही साथ आजादी के बाद से लेकर अब तक वर्धा जिला कांग्रेस का मजबूत गढ रहा है. ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस का स्वाभाविक अधिकार बनता है. अत: गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के ही कोटे में रहना चाहिए.
* हर्षवर्धन झोंक रहे अपनी पूरी ताकत
जहां एक ओर वर्धा जिला कांग्रेस द्वारा वर्धा संसदीय क्षेत्र में राकांपा व हर्षवर्धन देशमुख की संभावित दांवेदारी का पूरजोर विरोध किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर इन सबकी फिक्र किये बिना हर्षवर्धन देशमुख द्वारा खुद को वर्धा संसदीय क्षेत्र से राकांपा का संभावित प्रत्याशी बताते हुए वर्धा संसदीय क्षेत्र में शामिल अमरावती जिले की तहसीलों में अपना प्रचार तेज कर दिया गया है. इसके तहत जहां विगत दिनों वरुड तहसील अंतर्गत हर्षवर्धन देशमुख के पैतृक गांव जरुड में राकांपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया गया था. वहीं हाल ही में नांदगांव खंडेश्वर तहसील क्षेत्र में राकांपा की ओर से विचारविनियम बैठक बुलाई गई थी. जिसमें इंडिया गठबंधन में शामिल घटक दलों के नेता भी उपस्थित थे. ऐसे मेें माना जा रहा है कि, आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान वर्धा संसदीय सीट पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहने वाले कांग्रेस व राकांपा के बीच ही अच्छा खासा टकराव देखा जा सकता है.