अमरावतीमहाराष्ट्र

अमरावती मनपा आयुक्त पद पर आईएएस अधिकारी की नियुक्ति क्यों नहीं

हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव सहित केंद्र सरकार से पूछा सवाल

* शिवसेना उबाठा के जिला प्रमुख सुनील खराटे ने दायर की थी याचिका
* मनपा आयुक्त देवीदास पवार की नियुक्ति रद्द कराने चल रही अदालती लडाई
अमरावती /दि.29– अमरावती महानगरपालिका के आयुक्त पद पर नियमानुसार किसी आईएएस अधिकारी की ही नियुक्ति होनी चाहिए. इसके बावजूद इस पद पर आईएएस नहीं रहने वाले देवीदास पवार की नियुक्ति की गई है, जो पूरी तरह से नियमबाह्य है. इस आशय का आरोप लगाते हुए शिवसेना उबाठा के जिला प्रमुख सुनील खराटे ने अब सीधे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिसे सुनवाई हेतु स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने गत रोज राज्य के मुख्य सचिव तथा केंद्र सरकार के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग के सचिव के नाम नोटीस जारी करते हुए उन्हें तुरंत अपना जवाब पेश करने हेतु कहा है.
जानकारी के मुताबिक शिवसेना उबाठा के जिला प्रमुख सुनील खराटे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि, मनपा आयुक्त के पद पर किसी आईएएस अधिकारी की ही नियुक्ति किए जाने का कानूनी नियम है. लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने मुख्याधिकारी पद पर कार्यरत रहने वाले देवीदास पवार को नियमबाह्य तरीके से मनपा आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी. जिसकी ओर ध्यान दिलाये जाने पर सरकार ने अपनी गलती को सुधारने हेतु पवार का तबादला करते हुए उनके स्थान पर नितिन कापडनीस की अमरावती मनपा के आयुक्त पद पर नियुक्ति की थी. परंतु इस आदेश के खिलाफ देवीदास पवार ने मैट में याचिका दायर करते हुए तीन सप्ताह के लिए स्थगिती हासिल कर ली. इसके साथ ही सुनील खराटे ने इस बात की ओर भी ध्यान दिलाया कि, पवार के स्थान पर राज्य सरकार द्वारा आयुक्त बनाकर भेजे गये नितिन कापडनीस भी आईएएस अधिकारी नहीं है. ऐसे में गलती को सुधारने के नाम पर भी राज्य सरकार द्वारा एक दूसरी गलती की गई थी. इसके अलावा विगत लंबे समय से अमरावती मनपा आयुक्त पद पर आईएएस स्तर के अधिकारी नहीं रहने वाले अधिकारियों को ही नियुक्त किया जा रहा है. इसमें से ज्यादातर अधिकारी मुख्याधिकारी स्तर के होते है. जिनकी नियमानुसार मनपा आयुक्त पद पर नियुक्ति नहीं की जा सकती.
शिवसेना उबाठा के जिला प्रमुख सुनील खराटे ने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि, मनपा आयुक्त पद पर देवीदास पवार की नियुक्ति निर्धारित नियमों के खिलाफ व राजनीतिक वजहों के चलते होने की बात खुद राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्य सचिव ने फाइल पर पंजीयन करते समय लिखित तौर पर उल्लेखीत की थी. लेकिन इसके बावजूद नगर विकास विभाग के सचिव ने सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए राजनीतिक दबाव में आकर देवीदास पवार की नियुक्ति अमरावती मनपा आयुक्त के पद पर की थी. इन सभी मुद्दों को ध्यानपूर्वक सुनने के पश्चात मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ के न्या. अभय मंत्री व न्या. नितिन सांभरे की अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव व केंद्र सरकार के नाम नोटीस जारी करते हुए उनसे इस बारे में तुरंत जवाब पेश करने हेतु कहा.
* अमरावती के साथ हो रहा अन्याय
इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना उबाठा के जिला प्रमुख सुनील खराटे ने बताया कि, आयुक्त पद के लिए निर्धारित रहने वाले मानकों का उल्लंघन कर अयोग्य व्यक्ति की इस पद पर नियुक्ति करते हुए अमरावती शहरवासियों के साथ एक तरह से अन्याय किया जा रहा है. जिसके खिलाफ अब अदालती लडाई भी शुरु हो चुकी है. इस मामले को लेकर सभी दस्तावेजों व पुख्ता सबूतों के साथ याचिका दायर करने पर पहले ही दिन अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव एवं केंद्र सरकार के नाम नोटीस जारी की है. जिसके चलते अब यह विश्वास पैदा हुआ है कि, अमरावतीवासियों को जल्द ही न्याय मिलेगा.

Back to top button