सहल सहा भात की आजादी का अमृतकाल और सिंधी भाषा, संस्कृति सेमिनार

नागपुर/दि.8– भारत की आजादी का अमृतकाल और सिंधी भाषा, साहित्य, संस्कृति और समाज विदर्भ के संदर्भ में विषय पर राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद व विदर्भ सिंधी विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर कन्वेंशन सेंटर, कामठी रोड, नागपुर में संपन्न हुआ. सेमिनार में यूपीएससी की तैयारी करने के लिए 12 वीं कक्षा के उत्तीर्ण अथवा उससे अधिक शिक्षा प्राप्त सिंधी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया. कार्यक्रम में भाग लेने हेतु विदर्भ के अकोला, गोंदिया, वर्धा, अमरावती, चंद्रपुर के विद्यार्थियों व पालकों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इस सेमिनार का उद्घाटन प्रतिदिन अखबार के संस्थापक संपादक नानक आहूजा (अमरावती) ने किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा व्यापारी आघाड़ी महाराष्ट्र के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र कुकरेजा थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में डीसीपी ट्रैफिक लोहित मतानी, विदर्भ सिंधी विकास परिषद के अध्यक्ष डॉ. विंकी रुघवानी, महासचिव पी.टी.दारा, संयोजिका शोभा भागिया, उपाध्यक्ष तुलसी सेतिया, एनसीपीएसएल की सदस्य वंदना खुशालानी, हरीश आलमचंदानी (अकोला), जेसाभाई मोटवानी(वड़सा), डॉ. गोविंद कोडवानी (तुमसर) , लक्ष्मीचंद रोचवानी (गोंदिया), घनश्यामदास मूलचंदानी (बल्लारशा), कन्हैयालाल चैनानी (वर्धा), सुरेश जग्यासी, घनश्याम कुकरेजा, विजय केवलरामानी, ईश्वर केसवानी, किशोर लालवानी डॉ. विनोद आसुदानी उपस्थित थे.
वाधनदास तलरेजा, राजेश बटवाणी, नारायण आहूजा, भगवानदास आहूजा, हरीश जोतवाणी, अशोक माखीजानी, मनोहर शादीजा, महेश भाटिया, सुरेश चावला, मंजू आडवानी ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.सर्वप्रथम अतिथियों ने इष्टदेव झूलेलाल की प्रतिमा को माल्यार्पण किया तथा दीपमाला प्रज्ज्वलित की, इसके बाद पी.टी. दारा ने विदर्भ सिंधी विकास परिषद की प्रस्तावना रखी. कार्यक्रम में वीरेंद्र कुकरेजा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सिंधी समाज व्यापार व्यवसाय में समाज सेवा के क्षेत्र तो बहुत आगे है, लेकिन प्रशासकीय सेवाओं में नगण्य है. राजनीतिक क्षेत्र में सिंधी समाज के योगदान हेतु हमें प्रशासकीय सेवाओं में प्रवेश करने के लिए अपने बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए.लोहित मत्तानी ने विद्यार्थियों की परीक्षा संबंधी समस्याओं का निराकरण कर उनका मार्गदर्शन किया.डॉ. वंदना खुशालानी तथा तुलसी सेतिया ने भारत की आजादी का अमृतकाल और सिंधी भाषा, साहित्य, संस्कृति और समाज (विदर्भ के संदर्भ में) विषय पर अपने विचार रखे. विदर्भ सिंधी विकास परिषद के अध्यक्ष डॉ. विंकी रुघवानी ने पावर पाइंट प्रेजेटेशन द्वारा यूपीएससी परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी. किशोर लालवानी ने सिंधी भाषा के आप्शनल दोनों पेपरों के सिलेबस की जानकारी दी. डॉ. विनोद आसूदानी ने अपने भाषण में विद्यार्थियों को प्रशासनिक परीक्षा का महत्व समझाया.कार्यक्रम का संचालन संगीता दलवानी ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन शोभा भागिया ने किया.कार्यक्रम को सफलता बनाने में प्रताप देवानी, संजय धनराजानी, मंजू कुंगवानी, विजय विधानी, प्रकाश मोटवानी, विक्की दात्रे, संदीप पमनानी ने अथक परिश्रम किया.





