लेख

जनता की आवाज संसद में बुलंद करने वाले अनंतराव

पूर्व सांसद अनंतराव गुढे के जन्मदिवस के अवसर पर यहीं कहना लगता है कि,

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करनेवाले की कभी हार नहीं होती !
नन्हीं चींटी दाना लेकर दीवारों पे चढती है !
सौ बार फिसलती है
मनका विश्वास रगो में सांस भर देता है !
चढ़कर गिरना गिरकर चढ़ना ना अखरता है उसे,
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती !
कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती.

अनंतराव ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया. विपरित स्थितियों पर मात कर उन्होंने आम जनता की आवाज देश के सर्वोच्च सदन में बुलंद की. जब परिस्थिति अत्यंत विकट थी तब उन्होंने पूज्य बाला साहब ठाकरे के विचारों को अपनाते हुए भगवा ध्वज अपने कंधे पर ले लिया. कुछ लोग सचमुच अनोखे होते हैं, उनकी जीवनशैली अनोखी होती है, उनकी नैतिक सोच में एकरूपता होती है और वे समय के साथ बदलाव को भी स्वीकार कर लेते हैं.

सारा अंधाराच प्यावा!
अशी लागावी तहान !
सध्या एका सत्यासाठी
देवा यावे पंचप्राण!

इस तरह से जीवन की शुरुआत करने पर उनमें हमेशा बेहतर बदलाव का जुनून रहता है. उन्होंने इसके लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है. उनकी जीवनशैली सत्य और मानव कल्याण के लिए बनी थी. ऐसे ही एक भाई हैं बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी सांसद अनंतराव गुढे. जैसा कि नाम से पता चलता है, इसमें अनंत कार्य, गुण हैं. अमरावती शिव सेना की स्थापना में उनका काफी योगदान रहा है. उनके जीवन में बाला साहेब के विचारों और नेतृत्व का वास्तविक प्रभाव है. उन्हें एक महान संगठनकर्ता, कुशल नेता, कुशल प्रशासक और मिलनसार एवं मैत्रीपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है. उन्होंने जीवन भर शिव सेना के मूल्यों को अपने कंधों पर रखा है. अमरावती में शिव सेना की एक शाखा बनाई गई और वहां एक शिव सैनिक बनाया गया. उस समय मुंबई से अमरावती में शिव सेना की स्थापना हुई. उसने अपने दस-पंद्रह साथियों के साथ काम करना शुरू किया. कार्यकर्ताओं के कंधे पर शिव सेना का भगवा झंडा रखा और पूरे जिले को भगवामय कर दिया.

बेहद गरीबी में जीवन जीते हुए विचार और मूल्य कायम रखना आसान बात नहीं है लेकिन जिनके खून में शिवबा और शिव सेना हो उन्हें भी बताने की जरूरत नहीं है. लोकतांत्रिक विचारधारा में अनेक लोगों के कल्याण के लिए सभी को शामिल करने का गुण होता है. वह लगातार इसके प्रति जुनूनी रहा है. तीन बार सांसद रहने के बावजूद उनका व्यक्तित्व सरल और मिलनसार है. महान विचार और उपलब्धि के बावजूद उनके जीवन में सादगी, धैर्य और विनम्रता विद्यमान है।राजनीति में ऐसे कई व्यक्तित्व हैं जो अलग तरह से रहते हैं और अलग तरह से व्यवहार करते हैं. लेकिन अनंतराव के नैतिक चिंतन में एक विरोधाभास है. उनके द्वारा किए गए अनेक कार्यों में सार्वजनिक जीवन में किए गए अनेक सुधार भी शामिल हैं. सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने अमरावती जिले में सड़कें, चिखलदरा में मोथा पवन ऊर्जा प्रकल्प, सार्वजनिक समाज मंदिर आदि जैसे कई काम किए. इतनाही नहीं उन्होंने पेयजल समस्या, कृषि सिंचाई समस्या जैसे कई मुद्दों को निपटाया. संसद में अमरावती की आवाज उठाने वाला यह एकमात्र शिवसैनिक आज भी उसी जोश से काम कर रहा है. उन्होंने अन्य विकास कार्यों में भी अग्रणी भूमिका निभाई है. उन्होंने राजनीति को एक पेशे के रूप में छोड़कर समाज की सेवा की है और सभी का कल्याण किया है, उनकी जीवन यात्रा मानवतावादी है. नाम में ही अनंत जो ईश्वरत्व है वह उनके जीवन में और अधिक विकसित हो. सूर्य जैसा तेज और आकाश जितना प्रचंड कार्य उनके हाथों हो, यहीं मां भवानी चरणों में प्रार्थना करता हूं. अनंतराव गुढे को जन्मदिवस की शुभकामनाएं.
-डॉ. संजय सालिवकर, अमरावती
9423424851

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