अदालत की कडी चेतावनी के बाद बच्चू कडू का रेल रोको आंदोलन रद्द

हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन भी हुआ सतर्क, जनहित याचिका पर अगली सुनवाई कल

नागपुरदि.30- कर्जमाफी सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर नागपुर में महायल्गार आंदोलन कर रहे पूर्व मंत्री बच्चू कडू के समर्थकों द्वारा नागपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 सहित अन्य मार्गों पर किए गए चक्काजाम के बाद आज से नागपुर में रेल रोको आंदोलन करने की चेतावनी दी गई थी. परंतु इससे पहले ही आज नागपुर हाईकोर्ट में गत रोज दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री बच्चू कडू की ओर से उनके अधिवक्ता हरीओम घुगे ने बताया कि, उनके मुवक्कील द्वारा पहले ही रेल रोको आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया. हालांकि इसके बावजूद हाईकोर्ट ने प्रशासन को सावधान व सतर्क रहने का निर्देश दिया है. साथ ही इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई कल 31 अक्तूबर को करने का निर्णय लिया.                                                             बता दें कि, पूर्व मंत्री बच्चू कडू के नेतृत्व में किए जा रहे किसानों के महायल्गार आंदोलन के चलते नागपुर में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होने को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में गत रोज ही इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति राजनीश आर. व्यास की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार, केंद्र सरकार और पुलिस प्रशासन की ओर से पक्ष रखा गया. इस दौरान नागपुर पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंगल द्वारा दाखिल हलफनामा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिसमें बताया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 44 और अन्य अवरुद्ध मार्गों पर यातायात पूर्ण रूप से सामान्य कर दिया गया है. हालांकि, मीडिया रिपोर्टों के हवाले से इसमें यह भी उल्लेख था कि बच्चू कडू ने यदि वार्ता सफल नहीं रही तो ‘रेल रोको आंदोलन’ करने की संभावना जताई है. पुलिस प्रशासन ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए अदालत से आवश्यक आदेश जारी करने का अनुरोध किया, क्योंकि इससे कानून-व्यवस्था पर असर पड़ने की संभावना थी. न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि नागरिकों की सुरक्षा और स्वतंत्र आवाजाही का अधिकार सर्वोपरि है. यदि रेल यातायात प्रभावित होने की आशंका है, तो संबंधित सभी विभागों को नोटिस देना आवश्यक है. इस आधार पर अदालत ने रेल मंत्रालय (नई दिल्ली), मध्य रेलवे के मंडल प्रबंधक (नागपुर), रेलवे सुरक्षा बल (ठझऋ) के मुख्य सुरक्षा आयुक्त (सीएसएमटी मुंबई), वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त (नागपुर मंडल), सरकारी रेलवे पुलिस अधीक्षक (अजनी, नागपुर) तथा भुसावल मंडल के वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त को प्रतिवादी के रूप में जोड़ा.
इस समय केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता चरण धुमने ने नए जोड़े गए प्रतिवादियों की ओर से नोटिस स्वीकार की. न्यायालय ने पुलिस, रेलवे और स्थानीय प्रशासन को समन्वय के साथ कार्य कर कानून-व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न होने देने के निर्देश दिए. सुनवाई के दौरान बच्चू कडू के अधिवक्ता हरिओम धांगे ने न्यायालय को सूचित किया कि उनके मुवक्किल ने ‘रेल रोको आंदोलन वापस लेने’ का निर्णय लिया है. अदालत ने इस निवेदन को रिकॉर्ड पर लेते हुए इसे अनुकरणीय और सकारात्मक कदम बताया. न्यायालय ने सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की.
बलात्कार के चार दिन बाद घटनास्थल पर पहुंचते हो तुम लोग
* पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने पुलिस अधिकारियों को सुनाए खडे बोल
* आंदोलनकारी किसानों को हटाने पहुंचे पुलिसवालों को जमकर लिया आडे हाथ
वहीं इससे पहले नागपुर में हजारों किसानों के साथ आंदोलन कर रहे प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने बीती रात हाईकोर्ट के आदेश पश्चात नागपुर-हैदराबाई हाईवे को खाली कराने हेतु सडक पर आंदोलन कर रहे किसानों को वहां से हटाने के लिए पहुंचे पुलिस अधिकारियों पर जमकर अपनी भडास निकाली. इस समय पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, वैसे तो पुलिस बलात्कार जैसे किसी संवेदनशील मामले में भी घटना के चार दिन बाद घटनास्थल पर पहुंचती है, लेकिन आज सरकार के दबाव में आकर हाईकोर्ट का आदेश जारी होने के तुरंत बाद पुलिस वाले यहां पर हम सभी किसानों को हटाने के लिए धमक गए है. इस समय आंदोलन की अनुमति के मुद्दे को लेकर भी पूर्व मंत्री बच्चू कडू की पुलिस अधिकारियों के साथ जमकर तनातनी हुई. जिससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए है.
आंदोलन के लिए कोई अनुमति नहीं रहने की बात कहते हुए आंदोलनकारियों को सडक से हटाने के लिए पहुंचे पुलिस कर्मियों पर अपनी जबरदस्त भडास निकालते हुए पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, सभी पुलिसवाले किसी न किसी किसान परिवार से ही वास्ता रखते है. लेकिन सरकार के दबाव में आकर अपने ही किसान भाईयों को आज सडक से हटाने के लिए पहुंच गए है. इस समय बच्चू कडू ने यह आरोप भी लगाया कि, पब सहित अन्य सभी अवैध धंधेवालों से पैसे लेकर पुलिस द्वारा हर तरह के गलत काम को चलने दिया जाता है. लेकिन शांतिपूर्ण ढंग से अपने अधिकारों के लिए आंदोलन कर रहे किसानों को अनुमति के नाम पर डराया-धमकाया जा रहा है. जिसके लिए पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने मौके पर उपस्थित अपने समर्थकों से तालियां बजाकर अपना संताप व्यक्त करने का आवाहन किया, तो आंदोलन में हिस्सा ले रहे सभी उपस्थितों ने जमकर तालियां बजाई.
* अपने ही द्वारा कही गई बात को याद करे सरकार
– बच्चू कडू ने सीएम फडणवीस से किया आवाहन
नागपुर में चल रहे किसान आंदोलन का नेतृत्व करते हुए पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, विधानसभा चुनाव से पहले महायुति द्वारा राज्य के किसानों को कर्जमाफी देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन सरकार बनते ही महायुति के नेता अपने ही द्वारा कही गई बात से मुकर गए है. जिसके चलते राज्य में अब भी किसान आत्महत्याओं का दौर चल रहा है. इसके लिए पूरी तरह से राज्य की महायुति सरकार जिम्मेदार है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि, वह अपने द्वारा दिए गए आश्वासन की पूर्तता करते हुए अपने सिर पर लगे कलम को तुरंत धो डाले. साथ ही पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आज शाम बुलाई गई बैठक में कर्जमाफी करते हुए किसानों का 7/12 कोरा करने के बारे में कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए. साथ ही साथ बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, यदि सरकार द्वारा उन्हें चर्चा के नाम पर मुंबई बुलाते हुए उनके साथ किसी भी तरह का दांवपेच खेला जाता है, तो वे ऐसे तमाम दांवपेचों का सरकार को माकूल जवाब देने के लिए तैयार है. साथ ही उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि, जब तक किसानों की सभी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक किसान आंदोलन को खत्म नहीं किया जाएगा.
* पहले मुझे गिरफ्तार कर गोली मारो फडणवीस
– छोटे बच्चे ने अपने भाषण से जगाया उत्साह
खास बात यह रही कि, बुधवार की रात जब अदालत का आदेश लेकर पुलिस के अधिकारी आंदोलन स्थल पर किसानों को हटाने हेतु पहुंचे, तो सभी आंदोलक बेहद संतप्त हो गए और रात के समय हुई सभा में बेहद कम आयु वाले एक किशोर ने किसानों के सामने जोशपूर्ण भाषण करते हुए कहा कि, फडणवीस साहेब ने बिना कोई पूर्व सूचना दिए एक पत्र भेजकर हमें जेल में डालने धमकी दी है. लेकिन हम ऐसी धमकियों से बिल्कुल भी घबराते नहीं है. यदि सरकार हम सभी को जेल में डालना चाहती है या गोली मारना चाहती है, तो सबसे पहले सरकार मुझे गिरफ्तार करे और मेरी छाती पर गोली मारे. इस भाषण को सुनकर मौके पर उपस्थित सभी किसानों में जबरदस्त उत्साह व्याप्त हो गया था.
* दो किसान नेताओं की गिरफ्तारी से फैला तनाव
– किसानों ने सरकार पर लगाया धोखाधडी का आरोप
नागपुर में चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए प्रहार पार्टी के जिला कमिटी सदस्य व किसान मजदूर युनियन के जिला सचिव राजू हटवार तथा अध्यक्ष भीमराव गोंडाणे को आज तडके 3 बजे रामटेक पुलिस ने अचानक ही अपनी हिरासत में ले लिया. जिसे लेकर किसान संगठनों एवं आंदोलनकारी किसानों में तीव्र संताप की लहर व्याप्त हो गई. साथ ही किसान नेता अजीत नवले ने इन दोनों की गिरफ्तारी का निषेध करते हुए सरकार पर धोखाधडी करने का आरोप लगाया.
* बारिश में भिगते हुए आंदोलन स्थल पर डटे रहे किसान
खास बात यह रही कि, बीती शाम नागपुर हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश का सम्मान करते हुए आंदोलनकारी किसानों ने नागपुर-हैदराबाद हाईवे को पूरी तरह से खाली कर दिया और सभी लोग नियोजित मैदान पर स्थलांतरित हो गए. जहां पर रातभर रुक-रुककर हुई बारिश में भिगते रहने के बावजूद सभी आंदोलनकारी उसी मैदान में डटे भी रहे और बारिश जारी रहने के बावजूद अपना आंदोलन शुरु रखने का संकल्प भी लिया. बता दें कि, इस आंदोलन हेतु पूर्व मंत्री बच्चू कडू के नेतृत्व तले हजारों की तादाद में राज्यभर से आए किसान वर्धा-नागपुर मार्ग पर पांजरा के निकट आंदोलन कर रहे और किसानों द्वारा सैकडों की तादाद में ट्रैक्टर व बैलगाडी लेकर मोर्चा निकाला गया था. किसानों का यह जत्था सडक पर ही रुके रहने के चलते नागपुर-हैदराबाद मार्ग पूरी तरह से जाम हो गया था. जिसके बाद नागपुर हाईकोर्ट ने गत रोज ही शाम 6 बजे तक किसानों को हाईवे खाली करते हुए सडक से हट जाने के लिए कहा था. जिसके बाद सभी आंदोलनकारियों ने सडक को खाली करते हुए आंदोलन हेतु नियोजित उबड-खाबड मैदान पर अपना ठिकाना बनाते हुए खुले आसमान के नीचे रात गुजारी और देर रात बारिश शुरु होने के चलते सभी लोग भिगने पर मजबूर भी रहे.

Back to top button