सरकारी मेडिकल कॉलेज को नहीं मिल रही निधी
सरकारी मेडिकल कॉलेज को नहीं मिल रही निधी

अमरवती/दि.25 – सरकारी मेडिकल कॉलेज की शैक्षणिक व प्रशासकीय गति के बीच बडी रूकावत आग गई हैं. वर्ष 2024-25 के पहले शैक्षणिक वर्ष में जिला महिला अस्पताल (डफरिन) परिसर की इमारत में तात्कालिक तौर पर मेडिकल कॉलेज शुरू किया. पंरतु इस कॉलेज को अभी तक आवश्यक मैन पावर, शिक्षक और बुनियादी सुविधाए भी नहीं मिलने के कारण यहां पढ रहेें विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य खतरे मेें आने जैसे हालांत निर्माण हो रहे हैं.
अध्यापन के लिए शिक्षको के पद अभी भी रिक्त हेैं. मेडिकल कॉलेज के अनिवार्य समझे जाने वाले विभागीय प्राध्यापक व सहायक प्राध्यापक नहीं होने के कारण विद्यार्थियोें को पढाई, प्रौक्टिकल और प्रयोग शाला के सेशन में दिक्कते आ रही हैं.
* जनप्रतिनिधि कर रहे हैं मेडिकल कॉलेज को नजर अंदाज
जिले मेें सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना स्वास्थ्य व शिक्षण के क्षेत्र मे महत्वपूर्ण कदम हैं. इसके बावजूद सरकार की लापरवाही के चलते विद्यार्थियोे का भविष्य खतरे मेें दिखाई दे रहां वहीं जनप्रतिनिधियोें द्वारा भी मेडिकल कॉलेज के कामों के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सरकारी मेडिकल कॉलेज की हालत में सुधार के लिए जन प्रतिनिधियों कों सरकारी निधी उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास कर अधुरे कामों को पूरा करवाने तथा रिक्त पदो को भरने और होस्टल आदि की सुविधाए उपलब्ध करवाने पर ध्यान देना चाहिए.
*एमएमसी ने मैनेजमेट को दिया नोटिस
मेडिकल कॉलेज में विद्यार्थियों को आवश्यक बुनियादी सुविधाए नहीं होने के चलते राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) कॉलेज प्रशासन कुछ महिने पूर्व नोटिस भी भेजा था. इसमेें तय मापदंडो की तुलना में 50 प्रतिशत कम शिक्षक ही उपलब्ध होने का मुद्दा सामने आया था. इस प्रकार आवश्यक बुनियादी सेवाएं भी पूर्ण नहीं किए जाने पर सरकार से जवाब मांगा गया था.
* विद्यार्थियों के लिए होस्टल ही नहीं
वर्ष 2025-26 के शैक्षणिक वर्ष के लिए नए 100 विद्यार्थियों को मेडिकल कॉलेज मेें प्रवेश दिया गया हैं. परंतु विद्यार्थियों के लिए होस्टल की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हैं. इसके चलते विद्यार्थियोे को शहर मेे निजी तौर पर कमरा लेकर रहना पड रहा हैं. राज्य सरकार द्वारा मंजूर किए गए मेंडिकल कॉलेज में तयशुदा सुविधाएं और पर्याप्त मैेन पावर मिलनी चाहिए थी. परंतु प्रत्यक्ष मेें सरकार ने ऐसा कोई कदम प्रशासकीय स्तर पर नहीं उठाया हैं.
* एक करोड की मंजूर निधी अभी तक नहीं मिली
द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियोें के लिए माइक्रो बायोलॉजी, पैथोलॉजी, फामाकौलॉजी व फारेंन्सिक मेडिसीन विभाग के कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुए हैें. प्री-फैब बैरेक की मरम्मत कर यहां पर क्लासेस स्थानांतरीत करने के लिए एक करोड की निधी मंजूर की गई थी. परंतु अभी तक भी निधी नहीं मिलने के चलते लोकनिर्माण विभाग द्वारा शुरू किए गए कार्य ठप्प पडे हुए हैं.





