नई दिल्ली/दि.१९ – लोकसभा में बैंक की विनियमन (संशोधन)विधेयक २०२० पारित कर लिया गया. जिसमें अब सहकारी बैंक के आरबीआई की निगरानी में रहेगी. लोकसभा में केंद्रीय वित्तीमंत्री ने कहा है कि बैंकिंग विनियमन विधेयक सहकारी बैंको को नियंत्रित नहीं करता है. सहकारी बैंको का विनियमन १९६५ से ही भारतीय रिजर्व बैंक के पास है. सहकारी बैंकों को आरबीआई के दायरे में लाने के लिए बैंकिंग विनियमन कानून में संशोधन के जरिए सरकार का लक्ष्य कामकाज में सुधार लाना है.
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि इन बदलावो से निवेशकर्ताओं का पैसा भी सुरक्षित रहेगा. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सदन में विधेयक पेश करते समय उन्होंने बताया कि सरकारी बैंको का सकल फसा कर्ज २०१९ में ७.२७ प्रतिशत था जो अब मार्च २०२० मेें बढकर १० प्रतिशत से ऊपर चला गया. वित्त वर्ष २०१८-१९ में २७७ शहरी सहकारी बैंक घाटे में रही थी. २०१९ के आखिरी में १०० से ज्यादा शहरी बैंक न्यूनतम पूंजी की नियमाकीय शर्ते भी पूरी करने में सक्षम नहीं रह गए थे.
जून २०२० में एक अध्यादेश को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने जून २०२० में एक अध्यादेश के जरिए सहकारी बैंक को रिजर्व बैंक के नियंत्रण में लाने की मंजूरी दी थी. साथ ही वाणिज्यिक बैंकों पर लागू होने वाले प्रावधानों को सहकारी बैंकों पर भी प्रभावी कर दिया गया था.