जय जवान गोविंदा पथक ने रचा इतिहास
10 थर वाला मानव पिरामिड रचकर फोडी दहीहांडी

* घाटकोपर में मनसे के गणेश चुगल व अरविंद गिते मित्र परिवार का था आयोजन
मुंबई /दि.16- मुंबई के घाटकोपर परिसर में मनसे के गणेश चुगल व अरविंद गिते मित्र परिवार द्वारा आयोजित दहीहांडी में जोगेश्वरी परिसर से वास्ता रखनेवाले जय जवान गोविंदा पथक ने अनूठा विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए 10 थर वाला मानव पिरामिड साकार कर बेहद उंचाई पर बंधी दहीहांडी को फोडने का कारनामा कर दिखाया. विशेष यह रहा कि, जय जवान गोविंदा पथक की महिला एवं पुरुष टीमो ने आज एक साथ सबसे उंचा मानव पिरामिड साकार करते हुए विश्व रिकॉर्ड बनाया है.
जोगेश्वरी के जय जवान गोविंदा पथक द्वारा एक के उपर एक 10 थर वाला मानव पिरामिड बनाते हुए नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किए जाने के चलते चारों तरफ खुशी और जश्न का माहौल है. क्योंकि यह कारनामा दही हांडी के इतिहास में पहली बार हुआ है. सालों की मेहनत, अटूट लगन और जबरदस्त टीम वर्क के दम पर जय जवान के गोविंदाओं ने 10 थर का पिरामिड सफलतापूर्वक बनाकर सलामी दी. जैसे ही सबसे ऊपर वाले गोविंदा ने दही की हांडी फोड़ी, पूरा मैदान तालियों और गोविंदा आला रे के नारों से गूंज उठा.
* कई साल पुराना का सपना हुआ पूरा
जय जवान गोविंदा पथक के लिए 10 थर का पिरामिड बनाना एक सपना था. कई सालों से यह टीम लगातार इसकी कोशिश कर रही थी. प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने कई बार 10 थर बनाने का प्रयास किया, लेकिन अंतिम मौके पर पिरामिड गिर जाता था. इसके बावजूद टीम ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत जारी रखी. आज उनकी यही जिद और लगन रंग लाई.टीम के कोच और सदस्यों ने बताया कि यह सिर्फ एक दिन की मेहनत नहीं, बल्कि सालों के पसीने और तपस्या का फल है. इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए हर गोविंदा ने अपनी फिटनेस, बैलेंस और आपसी तालमेल पर बहुत काम किया.
* क्यों खास है 10 थर का रिकॉर्ड?
दही हांडी में 9 थर बनाना ही एक बहुत बड़ी चुनौती मानी जाती है. जय जवान पथक ने 2012 में 9 थर बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था. 10 थर का पिरामिड बनाने के लिए असाधारण ताकत, संतुलन और सैकड़ों लोगों के बीच अच्छे तालमेल की जरूरत होती है. ऊंचाई बढ़ने के साथ ही खतरा और मुश्किल कई गुना बढ़ जाती है. यही वजह है कि आज तक कोई भी दल यह कारनामा नहीं कर पाया था. इस शानदार जीत के बाद, जय जवान गोविंदा पथक ने न केवल दही हांडी के खेल को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है, बल्कि पूरी दुनिया में भारत का नाम भी रोशन किया है. यह जीत मुंबई और पूरे देश के लिए एक गर्व का पल है.





