विदर्भ के सिंचन प्रकल्प के लिए 18399 करोड
डीसीएम देवेंद्र फडणवीस व सिंचन नियामक मंडल की बैठक
मुंबई/दि.29– विदर्भ के 47 सिंचन प्रकल्पों को 18 हजार 399 करोड रुपयों की सुधारित प्रशासकिय मंजूरी दी गई. इन प्रकल्पों के माध्यम से विदर्भ का कुल 2 लाख 23 हजार 474 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचन में आने वाला है. उपमुख्मंत्री तथा जलसंपदा मंत्री देेवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को इस संदर्भ में जानकारी दी.
फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथि गृह में विदर्भ सिंचन विकास महामंडल के नियामक मंडल की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में विदर्भ के विविध सिंचन प्रकल्पों को सुधारित प्रशासिक मंजूरी दी गई. इस अवसर पर विदर्भ समेत कृष्णा, तापी, कोकण और गोदावरी सिंचन विकास महामंडल के नियामक मंडल की भी बैठक हुई. सिंचन प्रकल्पों का दायित्व खर्च शत प्रतिशत अथवा 10 करोड से अधिक होता होगा तो वहां नई निविदा निकाली जाए. इस निविदा प्रक्रिया के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की जाए. इस उच्च स्तरीय समिति व्दारा नई विविदा को मंजूरी देने की सूचना फडणवीस ने बैठक में दी. प्रकल्प का सर्वाधिक खर्च यह भूसंपादन प्रक्रिया पर होता है. भूसंपादन की प्रक्रिया समय पर पूर्ण करने, न्याय प्रविष्ठ प्रकरणों में रकम न्यायालय में भरने के बाद उच्च स्तरीय समिति गठित कर समझौते के लिए आने वाले प्रकल्पग्रस्तों से समझौता किया जाए. भूसंपादन के बदले दी जाने वाली रकम की ब्याज दर यह बैंक के मुताबिक देने का प्रस्ताव तैयार कर उसे केंद्र की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाए और राजस्व विभाग व्दारा निश्चित समयावधि में यह प्रस्ताव भेजा जाए. दोनों वर्ष की कालावधि में निधि खर्च का नियोजन करे, सिंचन प्रकल्प की खर्च न हुई निधि 2 साल बाद पुनर्वसन के लिए खर्च की जाए, बांध की दीवार पर तथा जलाशय परिसर में सौर उर्जा प्रकल्प निर्मित करने बाबत विचार किया जाए और इससे सिंचन विभाग को राजस्व मिलेगा, ऐसी सूचना भी देवेंद्र फडणवीस ने की.
* प्रकल्पग्रस्तों के लिए शुरु की गई प्रणाली का अनावरण
जिगांव मध्यम प्रकल्प के प्रकल्पग्रस्तों के लिए शुरु की गई बेसिक ऑनलाइन प्रणाली का और इस प्रणाली के ‘लोगो’ का अनावरण किया गया. इस प्रणाली के माध्यम से प्रकल्पग्रस्तों को उनके दाखिले ऑनलाइन मिलने वाले है.