महाराष्ट्र

आंतरधर्मीय विवाह को लेकर हाईकोर्ट में फैमिली ड्रामा

युवती ने पहले पति के साथ और फिर अभिभावकों के साथ जाने का लिया फैसला

* जमकर मचा रोना-धोना, अदालत को दो बार बदलना पडा आदेश
नागपुर/दि. 1– यवतमाल जिले के नेर में हुए आंतरधर्मीय विवाह को लेकर कल मंगलवार को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने पूरा दिन फैमिली ड्रामा चलता रहा और दोनों पक्षो के बीच होनेवाली चीखपुकार के दौरान ही रोने-धोने का भी दौर चला. इस दौरान संबंधित युवती ने पहले तो अपने पति के साथ जाने की बात कही. लेकिन बाद में अभिभावको के साथ जाने का निर्णय लिया. जिसके चलते अदालत को भी अपने आदेश में बदलाव करना पडा और अंत में उक्त युवती को पुलिस सुरक्षा के बीच उसके गांव की ओर रवाना किया गया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक अरबाज (काल्पनिक नाम) नामक युवक ने जिला महिला व बालविकास अधिकारी के कब्जे में रहनेवाली अपनी पत्नी करीना (काल्पनिक नाम) को अपने साथ घर ले जाने के लिए नागपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके चलते गत रोज करीना को हाईकोर्ट में हाजीर किया गया. जहां पर न्या. विनय जोशी व न्या. वृषाली जोशी ने करीना के साथ अपने चेंबर में चर्चा की. इस समय चेंबर में हुई चर्चा के साथ ही अदालत में भी करीना ने अपने पति अरबाज के साथ जाने की इच्छा व्यक्त की. करीना के सज्ञान यानि वयस्क रहने के चलते अदालत ने उसकी इच्छा के मुताबिक आदेश जारी करते हुए उसे उसके मन मुताबिक उसके पति के घर जाने देने का आदेश जारी किया.

अदालत के इस आदेश के बाद कोर्ट से बाहर निकलने पर करीना की मुलाकात उसकी मां से हुई और दोनों ही एक-दूसरे के साथ गले लगकर जोर-जोर से रोने लगी. थोडी ही देर में करीना की मां की तबियत खराब हो गई और वह गश खाकर गिर पडी. इसके चलते अदालत ने भी डॉक्टर को बुलाकर उस पर प्रथमोपचार किया गया. इस समय करीब एक से डेढ घंटे तक करीना अपनी मां के साथ थी और इस दौरान उसके माता-पिता व रिश्तेदारों द्वारा समझाए जाने पर करीना ने अपना विचार बदल लिया. जिसके चलते उसे दुबारा अदालत में पेश किया गया. जहां पर उसने अपने माता-पिता के साथ जाने की इच्छा जताई. जिसे ध्यान में रखते हुए अदालत ने संशोधित आदेश जारी करते हुए करीना को पुलिस सुरक्षा में उसके माता-पिता के घर ले जाकर छोडने का आदेश दिया.
अदालत द्वारा संशोधित आदेश दिए जाने के बाद करीना को अदालत परिसर में स्थित पुलिस चौकी में रखा गया और शाम 5.45 बजे जब उसे नेर ले जाने हेतु पुलिस के वाहन में बिठाया जा रहा था तो वह हाथ-पांव पटकते हुए चीखपुकार करने लगी और पुलिस के वाहन में बैठने से मना करते हुए एक बार फिर अरबाज के साथ जाने की जिद करने लगी. लेकिन इस बार पुलिस ने उसे जबरन अपने वाहन में बिठाया और अदालती आदेश के मुताबिक उसे नेर स्थित उसके माता-पिता के घर ले जाकर छोडा. कुछ समय बाद अदालत में मौजूद अरबाज और उसके परिजन भी अपने वाहनों में सवार होकर अदालत से नेर के लिए रवाना हो गए. यह मामला कल पूरा दिन हाईकोर्ट परिसर में चर्चित रहा. इस मामले में अरबाज की ओर से एड. अब्दुल सुभान, करीना की ओर एड. संजय करमरकर व एड. अक्षय जोशी तथा सरकार की ओर से एड. तृप्ति उदेशी व एड. सागर आशिरगडे ने पैरवी की.

* करीना ने विवाह के लिए बदला था धर्म
जानकारी के मुताबिक 21 वर्षीय करीना बीएस.सी. कम्प्युटर सायंस की छात्रा है. जो कभी-कभी अपने मां के साथ एक कंपनी में काम पर जाया करती थी. जहां पर काम करनेवाले अरबाज के साथ जानपहचान होने के साथ ही उसके प्रेमसंबंध बने और फिर उसने 20 अप्रैल 2024 को अरबाज के साथ मुस्लिम पद्धती से निकाह कर लिया. इस हेतु करीना ने अपना धर्म परिवर्तन भी किया था. जिसके चलते करीना के अभिभावको ने अरबाज के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि, अरबाज ने उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर अपने झांसे में लिया है. जिसके बाद जिला महिला व बालविकास अधिकारी ने करीना को अपनी कस्टडी में लिया था. ऐसे में करीना को वापिस अपने पास रखने के लिए अरबाज ने मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी.

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