महाराष्ट्र

शालेय अभ्यासक्रम में कृषि विषय का समावेश

शिक्षा व कृषि विभाग संयुक्त रुप से तैयार करेंगे अभ्यासक्रम

मुंबई/दि.26 – राज्य के शालेय अभ्यासक्रम में कृषि विषय का समावेश करने की जानकारी शालेय शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने बुधवार को दी. राज्य शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण परिषद वहीं महाराष्ट्र कृषि शिक्षा व संशोधन परिषद संयुक्त रुप से यह अभ्यासक्रम तैयार करने की बात उन्होंने स्पष्ट की.
कृषि विषय का शालेय अभ्यासक्रम में समावेश करने का उद्देश्य किसान और खेती के प्रति कृतज्ञता की भावना है. इस कारण अभ्यासक्रम में खेती से संबंधित विविध विषयों का समावेश होना जरुरी होने की बात गायकवाड़ ने कही. शिक्षा व कृषि विभाग संयुक्त रुप से अभ्यासक्रम तैयार करने की कार्यवाही करने वाली है. इसके साथ ही विद्यार्थियों की उम्र, उनकी बुद्धिमत्ता के अनुसार अभ्यासक्रम तैयार करने की बात भी उन्होंने बताई.
कृषि विषय का शालेय अभ्यासक्रम में समावेश करने के विषय पर मंत्रालय में बैठक हुई. इस बैठक में कृषि मंत्री दादाजी भुसे, कृषि राज्यमंत्री विश्वजीत कदम उपस्थित थे. फिलहाल राष्ट्रीय शिक्षा में कृषि शिक्षण का सहभाग 0.93 प्रतिशत होकर वह 3 प्रतिशत पर जाना अपेक्षित है. कृषि विषय का शालेय अभ्यासक्रम में समावेश किये जाने पर इस प्रस्ताव के कारण कृषि शिक्षा के बारे में विद्यार्थियोें में लगाव निर्माण होगा, ऐसा विश्वास भुसे ने इस समय व्यक्त किया. खेती को गत वैभव व प्रतिष्ठा निर्माण करवा देने के लिए शालेय अभ्यासक्रम में कृषि विषय का समावेश होना आवश्यक होने की बात भुसे ने कही.पर्यावरण को समतोल बनाए रखने के लिए गंभीरतापूर्वक विद्यार्थियों में जैव तकनीकी ज्ञान पर आधारित खेती को चालना देने की जरुरत विद्यार्थियों में इस शिक्षा के कारण निर्माण होगी. यह बात विश्वजीत कदम ने कही.
बैठक में शालेय शिक्षण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वंदना कृष्णा, कृषि विभाग के सचिव एकनाथ डवले सहित समग्र शिक्षा के राज्य प्रकल्प संचालक राहुल द्विवेदी, कृषि परिषद के महासंचालक विश्वजीत माने आदि उपस्थित थे.

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