अमरावतीमहाराष्ट्र

चांदूर रेल्वे में मिला-जुला प्रतिसाद

संयुक्त किसान मोर्चा के बंद की अपील का दिखा असर

चांदूर रेल्वे/दि.16– संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी ग्रामीण भारत बंद को चांदूर रेल्वे तहसील में मिला जुला प्रतिसाद मिला. शहर और ग्रामीण इलाकों में लोगों ने अपना कामकाज बंद कर भारत बंद में हिस्सा लिया. शहर के व्यापारियों/फेरीवालों और अन्य सभी पेशेवरों ने अपनी दुकानें बंद रखकर केंद्र और राज्य सरकार की जनविरोधी-किसान विरोधी नीतियों का पूरजोर विरोध किया. ऐतिहासिक किसान आंदोलन के समय सरकार ने किसानों से गारंटी मूल्य कानून पारित करने का वादा किया था, लेकिन आज तक कानून नहीं बन पाया है. इसके अलावा 13 फरवरी से दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को सरकार द्वारा दबाने से किसान मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गए हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा के माध्यम से किसानों द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों से की गई कई मांगें पिछले कई दिनों से लंबित हैं. स्वामीनाथन आयोग लागू करें, गारंटीशुदा मूल्य कानून बनाएं, सोयाबीन 8,000 रु. तुवर को 12 हजार, कपास के लिए 10 हजार, चने के लिए 9 हजार गारंटीकृत मूल्य की घोषणा करें, किसान विरोधी आयात निर्यात नीति रद्द करें, फसल बीमा क्षेत्र में सरकारी कंपनी स्थापित करें और निजी कंपनियों को बाहर करें आदि सहित अन्य मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आज ग्रामीण भारत बंद के आह्वान को समर्थन दिया. इस बंद में महाराष्ट्र राज्य किसान सभा, अखिल भारतीय किसान सभा के तहत किसान संगठनों ने हिस्सा लिया. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार), शिव सेना (उबाठा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस आंदोलन का सक्रिय समर्थन किया. बंद के दौरान किसानों ने चांदूर रेल्वे में चंद्रशेखर आजाद पुतला परिसर से मोर्चा निकाला और संभाजी महाराज चौक पर सभा की. इस समय राष्ट्रीय काँग्रेस के परीक्षित जगताप, गणेश आरेकर, प्रा. प्रभाकर वाघ, तहसील अध्यक्ष अमोल होले, श्रीनिवास सूर्यवंशी राजेश पांडे विनोद काळमेघ, सुरेश मेश्राम, निलेश उर्फ सिद्धू सूर्यवंशी, बंडू यादव, अशोकराव देशमुख, सतीश देशमुख, संजय देशमुख, नितीन गवली, सतीश चौधरी, विनोद जोशी, प्रशांत शिरभाते, देविदास राऊत, रामदास कारमोरे, राजू भैसे, मोहम्मद हुसैन, मंगेश डाफ, गोविंदराव देशमुख, भीमा पवार, संदीप शेंडे आदि सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे.

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