नागपुर/दि.26-वर्धा के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विद्यापीठ से पीएचडी के विद्यार्थी निरंजन कुमार के निलंबन के बाद मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने स्थगनादेश देने पर भी विद्यापीठ ने उन्हें परिसर में प्रवेश की अनुमति से इंकार किया है.न्यायालय ने हिंदी विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ.धर्वेश कथेरिया को अवमानना का नोटिस देकर उन्हें 29 अप्रैल की सुनवाई में प्रत्यक्ष हाजिर रहने के आदेश दिए है. इस मामले पर न्यायमूर्ति नितिन सांबरे और न्यायमूर्ति अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई थी. विद्यापीठ के पूर्व कुलगुरु ने अगस्त 2023 में इस्तीफा दिया, किंतु अनपेक्षित रुप से आईआईएम नागपुर के पूर्व संचालक भीमराय मेत्री की दो महिने बाद कुलगुरु के रूप में नियुक्ति की गई. इस निर्णय से विद्यार्थियों ने प्रजासत्ताक दिन के समारोह दौरान नए कुलगुरु के निषेध के बैनर प्रदर्शित किए थे. परिणामस्वरूप निरंजन कुमार सहित अन्य छात्रों को बाहर किया गया. विद्यापीठ के इस निर्णय के खिलाफ निरंजन कुमार ने नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है. न्यायालय ने 16 फरवरी को निरंजन कुमार और अन्य छात्रों पर एक्शन लेने पर विद्यापीठ के संबंधित निर्णय को स्थगिती दी गई थी, किंतु अब तक छात्रों को विद्यापीठ में प्रवेश करने की मनाही की जाने से कोर्ट ने 29 अप्रैल को कुलसचिव को हाजिर रहने के आदेश दिए है. याचिका की ओर से एड.निहालसिंग राठोड ने पैरवी की.