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जीएसटी के तीन निरीक्षक डिसमिस

पहली बार इतनी कडी कार्रवाई

* अखबारों में दिया कार्रवाई का विज्ञापन भी
मुंबई/दि.22- लगभग डेढ साल पहले एक व्यापारी के यहां झूठा जीएसटी छापा मारकर 11 लाख रुपए ऐंठने वाले तीन सेवा व वस्तु कर निरीक्षकों को आखिर मुअत्तल कर दिया गया है. यह कार्रवाई जीएसटी के वरिष्ठ अधिकारी राजीव मित्तल ने की. कार्रवाई का समाचार पत्रों में विज्ञापन भी दिया गया. बर्खास्त निरीक्षकों में हितेश वसईकर, मछिंद्र कागंणे और प्रकाश शेगार शामिल है.
वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से खबर में बताया गया कि लोकमान्य तिलक मार्ग पुलिस ने 17 सितंबर 2021 को तीन जीएसटी निरीक्षक और एक निजी व्यक्ति को धोखाधडी और रंगदारी के आरोप में दबोचा. इन तीनो निरीक्षकों ने कालबादेवी में एक व्यापारी के यहां झूठा छापा मारा था. व्यापारी लालचंद वानीगोटा के दफ्तर में जीएसटी अधिकारी बनकर घुसे इन लोगों ने वहां मौजूद कर्मचारियों से पूरी कैश टेबल पर रख देने कहा. कर्मचारियों ने लगभग 30 लाख रुपए उनके सामने रख दिए. अधिकारियों ने वानीगोटा से जीएसटी कागजात मांगे और 11 लाख रुपए ले लिए. यह कहा गया कि यह राशि जीएसटी के रुप में जमा हो जाएगी.
वानीगोटा ने मजगांव में जीएसटी कार्यालय से संपर्क किया. तब उन्हें मालूम हुआ कि ऐसी कोई रेड नहीं हुई है. आपके साथ धोखाधडी हुई है. तब वानीगोटा ने तिलक मार्ग पुलिस थाने में शिकायत दी. सीसीटीव फुटेज के आधार पर पुलिस ने तीनों जीएसटी निरीक्षकों को पहचाना और गिरफ्तार किया. उन्हें विभागीय जांच पश्चात बर्खास्त किया गया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, राजीव मित्तल ने सचमुच बहुत साहसी कार्रवाई की है. इससे प्रशासन में सुधार आ सकता है, ऐसे ही लोगों का शासकीय विभागों पर भरोसा भी निश्चित ही बढेगा. यह अधिकारी अब भ्रष्टाचार प्रतिबंधक की कार्रवाई में भी फंसे है.

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