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टाईम टेबल के नाम पर टाईमपास कर रहे हैं आप

सुप्रीम कोर्ट ने विस अध्यक्ष नार्वेकर को लगाई फटकार

* 16 विधायकों की अपात्रता मामले की सुनवाई में हो रही देरी पर जताई नाराजगी
* सोमवार तक सुनवाई का समय तय करने व 2 माह के भीतर सुनवाई पूरी कर निर्णय लेने का दिया अल्टीमेटम
मुंबई/दि.13 – शिवसेना व राकांपा में हुई दो फाड के मामले में बागी विधायकों की अपात्रता का मामला इस समय विधानसभा अध्यक्ष के सामने सुनवाई हेतु प्रलंबित है. वहीं शिवसेना के विधायकों के मामले में तो सर्वोच्च न्यायालय में 4 माह पहले विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सुनवाई करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. परंतु इसके बावजूद भी कार्रवाई नहीं होने के चलते आज हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के नाम कडी फटकार लगाते हुए कहा कि, विधानसभा अध्यक्ष द्बारा इस मामले में सुनवाई का टाईम टेबल बनाने का बहाना आगे करते हुए एक तरह से अदालत सहित सभी का समय नष्ट किया जा रहा है और टाईम टेबल के नाम पर शायद टाईमपास कियाजा रहा है. जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को आगामी सोमवार तक सुनवाई हेतु समय तय करने का निर्देश देते हुए कहा कि, ऐसा नहीं होने पर खुद सुप्रीम कोर्ट द्बारा सुनवाई का समय निश्चित किया जाएगा. साथ ही अब विधानसभा अध्यक्ष को 2 माह के भीतर विधायकों की अपात्रता के मामले में अपनी सुनवाई पूरी करते हुए अंतिम निर्णय देना होगा. क्योंकि आने वाले समय में महाराष्ट्र में लोकसभा व विधानसभा के चुनाव होने वाले है और उससे पहले इस मामले की सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए.
बता दें कि, 4 माह पहले सर्वोच्च न्यायालय ने शिवसेना के बागी विधायकों की अपात्रता के मामले में कार्रवाई करने का निर्देश विधानसभा अध्यक्ष को दिया था और कोई कार्रवाई नहीं होने पर एक माह पहले ही अदालत ने एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष को लेकर थोडी सख्त टिपणी करते हुए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. परंतु जब इसके बाद भी विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने इस मामले में कोई योग्य कदम नहीं उठाया, तो आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायामूर्ति धनंजय चंद्रचुड ने संतप्त होकर स्पष्ट आरोप लगाया कि, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्बारा जानबूझकर इस मामले की सुनवाई में देरी की जा रही है और सुनवाई का टाईम टेबल बनाने के नाम पर सिर्फ टाईमपास किया जा रहा है. ऐसे में किसी ने जाकर महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष को यह बताना चाहिए कि, वे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी नहीं कर सकती. यदि वे सुनवाई के वक्त सुनवाई के टाईम टेबल की बात कह रहे है, तो इसका सीधा मतलब है कि, वे अदालत को हल्क में ले रहे है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, विधानसभा अध्यक्ष अब अपने कृतित्व से यह साबित करें कि, वे इस मामले को लेकर वाकई गंभीर है. क्योंकि फिलहाल उनकी गंभीरता बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रही. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि, विधानसभा अध्यक्ष द्बारा सोमवार तक सुनवाई के समय को लेकर अपना निर्णय लेकर अदालत को बताया जाना चाहिए. अन्यथा अदालत इस मामले में अपनी ओर से सुनवाई का समय तय करने हेतु पहल करेगी. साथ ही अब इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने 2 माह के भीतर अपना निर्णय लेते हुए अपना अंतिम फैसला भी सुनाना चाहिए और यह पूरी प्रक्रिया महाराष्ट्र के आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव से पहले पूरी हो जानी चाहिए. क्योंकि बहुत जल्द महाराष्ट्र में लोकसभा व विधानसभा के चुनाव होने वाले है. जिससे पहले यह प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए. अन्यथा इस विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट को कोई निर्णय लेना होगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वकील द्बारा दी जाने वाली दलिलों को लेकर भी कडी आपत्ति जताई तथा उन तमाम दलीलों को अदालत का समय नष्ट करने वाली बात बताया और सरकार को जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाने की नसीहत भी दी.

* अजित पवार गुट ने खेला नया खेल
– सुप्रीम कोर्ट में दायर की तीन हस्तक्षेप याचिका
उल्लेखनीय है कि, उद्धव ठाकरे गुट व शरद पवार गुट ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करते हुए मांग की थी कि, विधायकों की अपात्रता के मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को तत्काल निर्णय लेने के मामले में निर्देश दिया जाए. चूंकि दोनों मामले एकसमान है. अत: दोनों मामलों की एकसाथ सुनवाई करने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने लिया था. परंतु इस मामले में अजित पवार गुट ने एक और नया खेल खेलते हुए तीन हस्तक्षेप याचिकाएं सुनवाई से पहले ही दायर कर दी है. ये हस्तक्षेप याचिका अजित पवार गुट के नेता छगन भुजबल, विधान परिषद के अध्यक्ष नरहरी झिरवल व विधायक अनिल पाटिल की ओर से दायर की गई औश्र इन याचिकाओं पर भी आज ही सुनवाई होना अपेक्षित है.
ज्ञात रहे कि, राकांपा के शरद पवार गुट की ओर से दायर विधायकों की अपात्रता के मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर काफी गंभीर आरोप लगाए गए है. पवार गुट के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल की ओर से दायर इस याचिका के साथ अजित पवार गुट का कोई संबंध नहीं है. अत: अजित पवार गुट को ही अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए और अजित पवार गुट का पक्ष सुने बिना इस मामले में कोई निणय ना लिया जाए, ऐसा निवेदन अपनी हस्तक्षेप याचिकाओं में अजित पवार गुट द्बारा किया गया है.

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