मेलघाट की 100 से अधिक बाल मौतों की अब 7 वर्ष बाद सुनवाई

अमरावती /दि.17 – मेलघाट में हुई 100 से अधिक बाल मौतों को लेकर 2 अगस्त 2018 को की गई शिकायतों की दखल राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा अब कहीं जाकर 7 वर्ष बाद ली गई है तथा अब आगामी 1 जुलाई को इस मामले में अंतिम सुनवाई होने से संबंधित पत्र जिला प्रशासन को प्राप्त हुआ है. जिसके जरिए जिला महिला व बालकल्याण विकास अधिकारी को सुनवाई के समय उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है.
बता दें कि, 11 जुलाई 2018 को मेलघाट में 100 से अधिक बाल मौते होने के संदर्भ में एक खबर प्रकाशित हुई थी. जिसके आधार पर भारतीय दलित पैंथर के अध्यक्ष प्रकाश बनसोड ने 2 अगस्त 2018 को राज्य मानवाधिकार आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में प्रकाश बनसोड ने आरोप लगाया था कि, मेलघाट में आदिवासी व दलित समाज की महिलाएं व बच्चे स्वास्थ सुविधाओं के बिना कुपोषण का शिकार हो रहे है और माता मृत्यु व कुपोषण से होनेवाली बाल मृत्यु को रोकने में सरकार एवं प्रशासन नाकाम साबित हो रहे है.

* बाल मृत्यु नियंत्रण में
जिला प्रशासन द्वारा जनवरी 2022 से मेलघाट में कुपोषण, बाल मृत्यु व माता मृत्यु रोकने हेतु ‘मिशन मेलघाट-28’ नामक नाविण्यपूर्ण उपक्रम चलाना शुरु किया गया. जिसके चलते धारणी व चिखलदरा तहसीलो में कुपोषण का प्रमाण कम हुआ और संस्थात्मक प्रकृति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. साथ ही बाल मृत्यु का सिलसिला भी रुक गया. जिसके चलते जिला परिषद की सीईओ संजीता महापात्र को ‘स्कॉच अवॉर्ड’ भी घोषित हुआ. ऐसे में मेलघाट में बाल मौतों को लेकर स्थिति नियंत्रित होने के बाद होने जा रही सुनवाई को लेकर आश्चर्य जताया जा रहा है.

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