निर्वाचन आयोग के खिलाफ विपक्षी दलों का ‘यल्गार’
1 नवंबर को मुंबई में निकलेगा भव्य मोर्चा, कांग्रेस का भी समर्थन

मुंबई /दि.19- महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं की जल्द होने वाली चुनावों के मद्देनजर राज्य में मतदाता सूची और बोगस वोटरों का मुद्दा गरमाया हुआ है। दो दिन पहले विरोधी दलों के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से बोगस मतदाताओं के बारे में शिकायत की थी। वहीं अब राज्य के सभी विपक्षी दल एकजुट होकर 1 नवंबर को बड़ा मोर्चा निकालने वाले हैं। इस मोर्चे में कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। परंतु कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने विपक्ष द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि संविधान हर नागरिक को मतदान का अधिकार देता है, जिसे छीना जा रहा है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में हाल के दिनों में मतदाताओं की सूची में भारी विसंगतियां पाई गई हैं।
कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने स्पष्ट किया कि सभी विपक्षी दल इस मोर्चे में शामिल होंगे और कांग्रेस इसका पूर्ण समर्थन करती है। उन्होंने केंद्रीय और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विपक्ष की शिकायतों को अनदेखा करने का आरोप भी लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि, इसका विरोध राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए. जिसके लिए महाराष्ट्र के तमाम विपक्षी दल एकजुट हुए है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, राज्य के सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग सहित राज्य निर्वाचन आयोग के प्रमुख अधिकारियों से इस मुद्दे को लेकर मुलाकात करते हुए जानकारी दी थी. परंतु दोनों ही निर्वाचन आयोगों के अधिकारियों ने विपक्षी नेताओं की बातों को कोई विशेष महत्व नहीं दिया. इससमय कांग्रेस नेता सावंत ने सांसद राहुल गांधी द्वारा लोकसभा व विधानसभा चुनाव के समय महाराष्ट्र में करीब 41 लाख मतदाता बढने को लेकर लगाए गए आरोप का हवाला देते हुए कहा कि, अभी 16 अक्तूबर से 19 अक्तूबर के बीच महज 4 दिनों के दौरान महाराष्ट्र में 6 लाख 55 हजार मतदाता बढे है. जबकि कई मतदाताओं द्वारा अपने नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं रहने को लेकर आपत्ति व आक्षेप दर्ज कराए जा रहे है. जिसका सीधा मतलब है कि, मतदाता सूचियों में बडे पैमाने पर गडबडियां हो रही है. जो लोकतंत्र के लिए बेहद घातक है.





