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राज्य के 81 में से 33 औषध निरीक्षक बनेंगे सहायक आयुक्त

अब फिल्ड पर केवल 48 निरीक्षक, सैम्पल कौन लेगा

बीड/दि. 17 – अंबाजोगाई के स्वराती वैद्यकीय महाविद्यालय में नकली दवाओं के वितरण का मामला उजागर होने के बाद राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाओं की जांच शुरु करने का निर्देश औषधि निरीक्षकों को दिया गया है. परंतु दवाओं के सैम्पल लेने के लिए राज्य में औषध निरीक्षकों की संख्या ही अपर्याप्त है. इस समय राज्य में औषध निरीक्षकों के कुल 200 पद मंजूर है. जिसमें से केवल 81 निरीक्षक कार्यरत है. वहीं अब इन 81 में से 33 निरीक्षकों को एक सप्ताह के भीतर पदोन्नति मिलने जा रही है और वे सहायक आयुक्त के तौर पर नियुक्त होंगे. जिसके चलते प्रत्यक्ष फिल्ड में केवल 48 निरीक्षक ही रहेंगे. इसके चलते यह सवाल बना हुआ है कि, औषधियों की जांच-पडताल का काम कौन करेंगा. ऐसे में अब औषध निरीक्षक पदों पर नई भर्ती करना बेहद आवश्यक है.
बता दें कि, कोल्हापुर की विशाल एंटरप्राईजेस नामक कंपनी ने समूचे राज्य में 85 लाख दवाओं की आपूर्ति की थी. जिसमें से अंबाजोगाई सहित अन्य कई स्थानों से बडे पैमाने पर नकली दवाईयां पाई गई थी. जिसके बाद औषधि प्रशासन ने जनवरी से मार्च माह तक प्रत्येक सरकारी अस्पताल से दवाईयों के सैम्पल लेने के निर्देश जारी किए थे और प्रत्येक निरीक्षक को प्रति माह 10 अनौपचारिक सैम्पल लेने के निर्देश दिए गए थे. परंतु इस काम के लिए राज्य सरकार के पास आवश्यक मनुष्यबल ही नहीं है. जिसके चलते उपलब्ध रहनेवाले निरीक्षकों को अन्य जिलो का पदभार सौंपा गया. परंतु यह काम बिलकुल भी प्रभावी तरीके से नहीं चल रहा.

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