स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव विधानसभा से पहले
लोकसभा की सफलता के आधार पर भाजपा ले सकती है फैसला
* अगस्त-सितंबर में चुनावी मुहूर्त निकलने की संभावना
मुंबई/दि.26- विगत लंबे अरसे से अधर में लटके स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव का मुहूर्त विधानसभा चुनाव से पहले निकल सकता है. राज्य के भाजपा नेता इस पर काफी गंभीरतापूर्वक विचार कर रहे है. साथ ही लोकसभा चुनाव की सफलता को देखते हुए इस बारे में कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा, ऐसी जानकारी संभावना विश्वसनीय सूत्रों द्वारा जताई गई है.
जानकारी के मुताबिक यदि लोकसभा चुनाव में महायुति को अपेक्षित सफलता मिलती है, तो अगस्त से सितंबर माह के दौरान स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव कराये जाये, ऐसा विचार भाजपा के चल रहा है. ज्ञात रहे कि, विधानसभा के चुनाव अक्तूबर या नवंबर माह में होंगे. जिसके बाद दिसंबर या जनवरी 2025 में स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव कराये जाएंगे, ऐसा अब तक माना जा रहा है. परंतु अब विधानसभा चुनाव से पहले ही स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव कराये जाने पर भाजपा द्वारा विचार किया जा रहा है.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता द्वारा जताये गये एक अनुमान के अनुसार लोकसभा चुनाव के परिणाम पश्चात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व अजीत पवार के बीच विधानसभा चुनाव से पहले स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव कराये जाने को लेकर चर्चा होगी और इसी चर्चा के बाद कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
* विधानसभा के समीकरण की जोडतोड
– लोकसभा चुनाव में यदि भाजपा के नेतृत्ववाले एनडीए की सत्ता केंद्र में आती है, तो तुरंत ही स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं का चुनाव कराये जाने पर इसका फायदा भाजपा को हो सकता है.
– इसके साथ ही जिला परिषद के अध्यक्ष व सदस्य तथा महानगरपालिका के महापौर एवं नगरपालिका व नगर पंचायतों में नगराध्यक्ष सहित सदस्य के तौर पर विधानसभा चुनाव से पहले ही पार्टी के कई पदाधिकारियों को पद व मौका दिया जा सकता है. जिसके चलते विधानसभा चुनाव में संभावित बगावत को भी टाला जा सकता है.
– इस जरिए स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं को सत्ता में शामिल करते हुए समझाया जा सकता है कि, विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने आपका ध्यान रखा. ऐसे में अब आप विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी हेतु सक्रिय होकर काम करें. साथ ही विरोधियों को भी अपने दांवपेंच तय करने के लिए ज्यादा समय नहीं मिलेगा.
– यदि केंद्र में भाजपा की सत्ता आती है, तो केंद्र और राज्य दोनों स्थानों पर भाजपा की ही सरकार रहेगी. जिसका फायदा स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव में जीत हासिल करने हेतु बडे पैमाने पर होगा, ऐसा तर्क भी भाजपा द्वारा दिया जा रहा है.
* सुप्रीम कोर्ट व बारिश की बाधा
– स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव को लेकर कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर है, जिन्हें लेकर सुनवाई चल रही है. इन याचिकाओं में ओबीसी आरक्षण व प्रभाग रचना सहित अनेकों विषय है.
– यदि सितंबर माह में स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव करवाने है, तो इससे काफी पहले ही इन याचिकाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना जरुरी है.
– वहीं अगस्त व सितंबर माह में बारिश का मौसम रहता है. साथ ही इस दौरान राज्य के कई इलाकों में जोरदार बारिश भी होती है. यह भी अगस्त व सितंबर माह के दौरान चुनाव करवाने के लिहाज से सबसे बडी दिक्कत साबित हो सकती है.
* ऐसी है स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं की स्थिति
स्थानीय स्वायत्त संस्था कुल मुदत खत्म नवनिर्मित
महानगरपालिका 29 27 जालना व इचलकरंजी
नगर परिषद व नगर पंचायत 385 257 228 नगर परिषद व 29 नगर पंचायत
जिला परिषद 34 26 —
पंचायत समिति 351 289 —